Poor Condition of Roads in Doaba Villages Residents Demand Immediate Repairs 10 किमी लंबी सड़क में 79 गड्ढे, आए दिन लोग गिरकर हो रहे घायल, Kausambi Hindi News - Hindustan
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10 किमी लंबी सड़क में 79 गड्ढे, आए दिन लोग गिरकर हो रहे घायल

Kausambi News - दोआबा के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें खस्ता हालत में हैं। टेवां से नारा गांव जाने वाली सड़क में गड्ढों की भरमार है, जिससे ग्रामीणों को यात्रा में कठिनाई हो रही है। लोक निर्माण विभाग को कई बार शिकायतें...

Newswrap हिन्दुस्तान, कौशाम्बीSun, 8 June 2025 10:40 PM
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10 किमी लंबी सड़क में 79 गड्ढे, आए दिन लोग गिरकर हो रहे घायल

दोआबा के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें सरकारी सिस्टम के दावों की हवा निकाल रही हैं। टेवां से नारा गांव जाने वाली सड़क का हाल यह है कि सफर के दौरान समझ ही नहीं आता कि सड़क में गड्ढा है अथवा गड्ढों में सड़क बनी है। उबड़-खाबड़ और गड्ढायुक्त सड़क पर आवागमन करने में ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पैदल चलने वालों को भी दिक्कत होती। इसके अलावा आए दिन लोग दुर्घटना में चोटिल हो रहे हैं। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को नहीं है। ग्रामीण सभी जिम्मेदारों को अर्जी दे चुके हैं। एक नहीं अनेकों बार अर्जियां दी गईं।

ग्रामीण कहते हैं कि समाधान का आश्वासन हर कोई देता है लेकिन, करता कोई कुछ नहीं। इसे लेकर लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। किसी भी दिन लोगों का गुस्सा फूट सकता है। जनपद मुख्यालय मंझनपुर से करीब सात किलो मीटर की दूरी पर टेवां गांव है। टेवां अब अपने इलाके की मुख्य बाजार भी बन गई है। बाजार से ही नारा गांव जाने का रास्ता है। नारा तक की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है। करीब चार साल पहले लोक निर्माण विभाग की ओर से टेवां-नारा मार्ग लाखों की लागत से बनवाया गया था। इसके बाद कभी मुड़कर नहीं देखा गया। मरम्मतीकरण नहीं कराने का परिणाम है कि सड़क की हालत खस्ता हो गई है। 10 किमी की सड़क में तकरीबन 79 गड्ढ़े हैं। राहगीरों के सामने पांच मिनट का सफर 15 से 20 मिनट में तय करने की मजबूरी है। पैदल चलने में भी फूंक-फूंककर कदम रखना पड़ता है। मौजूदा समय तो समस्या मुंह फैलाए खड़ी ही है। आने वाले दिनों में बारिश होगी, तब दिक्कत और ज्यादा बढ़ जाएगी। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश का पानी सड़क के गड्ढ़ों में भर जाता है। तब हादसों की संभावना बढ़ जाती है। पानी हटने पर कीचड़ होता है तो फिसलन दुश्वारी बढ़ा देती है। इसी मार्ग पर देवरा व चक गांव आबाद हैं। दोनों गांवों में सड़क पर पुलिया बनी है। पुलिया जर्जर हालत में है। इससे भी दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। दो महीने पहले चक में खेत से चारा लेकर जा रही एक महिला की ट्रक से कुचलकर मौत भी हुई थी। गांव वालों की मानें तो टेवां से नारा होते हुए धाता (फतेहपुर) तथा पइंसा इलाके के उदिहिन जाने का भी यह मुख्य मार्ग है। बावजूद इसके मार्ग को ठीक नहीं कराया जा रहा हैं। जबकि, सड़क गड्ढ़ों में तब्दील होने की जानकारी लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से लेकर क्षेत्रीय विधायक व सांसद तक को दी जा चुकी है। सड़क कब दुरुस्त कराई जाएगी, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। बोले ग्रामीण टेवां से नारा गांव जाने वाली सड़क की हालत खस्ता है। इसकी वजह से आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार शिकायत के बाद भी जिम्मेदार समस्या का समाधान नहीं करा रहे हैं। ऋषभ केसरवानी लोक निर्माण विभाग ने करीब चार साल पहले सड़क का निर्माण कराया था। इसके बाद मरम्मतीकरण का काम नहीं कराया गया। इसी अनदेखी का परिणाम है कि सड़क अब पैदल चलने लायक भी नहीं है। गुलाम वारिश मार्ग के बीच नारा, चक, थांभा, देवरा, झड़िया पर, भद्दुरपुर समेत कई गांव बसे हुए हैं। इन गांवों के लोगों का रोजाना इसी सड़क से आना जाना होता है। सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इरशाद खान टेवां से नारा जाने वाली सड़क टेवां से धाता और पइंसा क्षेत्र में जाने का भी प्रमुख मार्ग है। रोजाना सैकड़ों लोगों का आवागमन होता है। इसके बाद भी सड़क को ठीक नहीं कराया जा रहा है। बांकेलाल सोनकर सड़क के बीच में बनी दो पुलिया भी क्षतिग्रस्त हालत में हैं। इससे आए दिन हादसा होता है। किसी दिन बड़ी घटना भी हो सकती है। बड़ी घटना हुई तो जिम्मेदार विभागीय अफसर होंगे। शीतला प्रसाद अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों से शिकायत करके ग्रामीण थक चुके हैं। अब तो सड़क के लिए सड़क पर उतरने का ही अंतिम रास्ता समझ में आ रहा है। बिना आंदोलन कुछ भी संभव नहीं है। कपिल देव पांडेय निर्माण के बाद प्रत्येक एक वर्ष में सड़क की मरम्मत का कार्य होना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों को निर्माण के बाद कोई झांकने नहीं जाता है। इसी का परिणाम है कि सड़क कुछ सालों में ही जर्जर हो जाती है। अरविंद सरोज सड़क निर्माण के समय भी ठेकेदार ने मानक की अनदेखी की थी। तब इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों से भी की गई थी। किसी ने सुनवाई नहीं की। अब परिणाम सबके सामने है। राजाराम बोले जिम्मेदार जिले में ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों को भी लगातार बनवाया जा रहा है। टेवां-नारा मार्ग की हालत जर्जर है तो इस बाबत पीडब्ल्यूडी के अफसरों से बात की जाएगी। जल्द सड़क की मरम्मत करा दी जाएगी। मधुसूदन हुल्गी, जिलाधिकारी

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