बिना पानी टंकी बनाए ही भाग निकला ठेकेदार
Kausambi News - जल जीवन मिशन योजना के तहत राला गांव में ठेकेदार ने बिना पानी की टंकी बनवाए ही काम बंद कर दिया है। करीब एक साल से लोग हैंडपंप और कुएं से पानी लाने को मजबूर हैं। ग्राम प्रधान ने कई बार शिकायत की, लेकिन...

जल जीवन मिशन योजना को ठेकेदारों ने मजाक बनाने में कोई कोताही नहीं बरती है। सिराथू ब्लॉक के राला गांव में बिना पानी की टंकी का निर्माण कराए ही ठेकेदार गायब है। राला गांव में लगभग एक साल से काम बंद है। डायरेक्ट मोटर से सप्लाई दी जा रही है। वह भी कुछ घरों को। इससे लोग गर्मी में परेशान हैं। शिकायत की जा रही है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। राला गांव की आबादी करीब छह हजार है। इस गांव में तकीपुर, बजहा, डोलिया, गोदाम, नयापुरवा मजरा शामिल हैं। यहां दो साल पहले जल जीवन मिशन योजना के तहत लगभग चार करोड़ की लागत से पेयजल परियोजना की शुरूआत हुई। तीन हजार से अधिक घरों तक नल से पानी पहुंचाना था। ठेकेदार ने यहां मनमाने तरीके से काम किया। बोर कराने के बाद मोटर बैठा दी गई। इसके साथ ही गांव में पाइप लाइन बिछा दी गई। मजरों में भी पाइप लाइन बिछा दी गई है। पानी टंकी के निर्माण के लिए केवल पिलर खड़े किए गए। पानी की टंकी का निर्माण नहीं किया गया। ठेकेदार ने इस बीच कुछ घरों में पानी की सप्लाई भी करवा दी। कागज में दिखाया गया कि पानी की सप्लाई घर-घर हो गई है। इसके बाद से ठेकेदार गायब है। ठेकेदार का पता नहीं चल रहा है। लगभग एक साल से ठेकेदार को लोग ढूंढ़ रहे हैं। इसकी लगातार शिकायत की जा रही है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। अब गर्मी में लोगों को पीने के पानी के लिए समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
ग्राम प्रधान ने भी खड़े कर लिए हाथ
राला के ग्राम प्रधान अरविंद कुमार जल जीवन मिशन योजना के ठेकेदार से खुद परेशान हैं। ग्राम प्रधान ठेकेदार के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा शिकायती पत्र दे चुके हैं, लेकिन न तो जल निगम कोई कार्रवाई कर रहा है, न ही अन्य कोई अफसर। जन प्रतिनिधियों ने भी इस समस्या से अपनी आंख बंद कर रखी है। इससे लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
हैंडपंप और कुआं से पानी ला रहे लोग
राला गांव के लोग हैंडपंप व कुआं से पानी भरने को मजबूर हैं। राला गांव के कुछ ही घरों को मोटर से सप्लाई मिल रही है। बाकी घरों तक पानी ही नहीं पहुंच पा रहा है। इससे लोग परेशान हैं। पीने के पानी के लिए लोगों को हैंडपंप व कुआं से पानी निकालना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि अभी यह स्थिति है। 15 दिन बाद तो पीने के पानी का संकट ही बढ़ जाएगा।
मजरों की स्थिति और खराब
जल जीवन मिशन योजना की शुरूआत होने पर ग्रामीणों के चेहरे खिल गए थे। लोगों को उम्मीद थी कि जल्द ही उनके घरों में टोंटी से पानी मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। राला गांव से जुड़े मजरों तक पानी अभी पहुंच ही नहीं पा रहा है। लोग पानी आने का इंतजार कर रहे हैं। ठेकेदार के गायब होने से समस्या बढ़ गई है।
इनका कहना है
पेयजल टंकी का निर्माण न होने से डायरेक्ट मोटर से सप्लाई दी जा रही है। इसे बीच-बीच में बंद भी करना पड़ता है। टंकी न होने की वजह से मोटर के जलने की आशंका बनी रहती है।
लवकुश यादव-आपरेटर
पेयजल परियोजना को ठेकेदार ने तमाशा बना दिया है। ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा अब ग्रामीण भुगत रहे हैं। अभी से पानी की किल्लत है। आने वाले दिनों में स्थिति और खराब होगी।
मुजाहिद हुसैन
पेयजल परियोजना का ठेका लेने वाले ठेकेदारों पर आखिर प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है। क्या मजबूरी है। पूरी व्यवस्था को तमाशा बनाया गया है, लेकिन अधिकारी खामोश बैठे हैं।
हरिश्चंद्र
बिना पानी की टंकी बनाए ठेकेदार गायब है। कुछ ही घरों को सप्लाई मिल रही है। हैंडपंप व कुआं से अभी भी पानी लाने को लोग मजबूर हैं।
शिवकुमार
लापरवाही के लिए पूरी तरह से ठेकेदार जिम्मेदार है। जांच कराकर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करानी चाहिए। इस मामले में अफसरों को अब कड़ा रुख अपनाना होगा।
प्रहलाद
एक साल से गांव के लोग परेशान हैं। न तो कनेक्शन मिला है, न ही पानी मिल रहा है। कुछ घरों तक ही यह योजना सीमित होकर रह गई।
रामअभिलास
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