Farmers in Kushinagar Struggle as Water Shortage Affects Rice Crop पानी के अभाव में नहरों में उड़ रही धूल, किसान परेशान, Kushinagar Hindi News - Hindustan
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पानी के अभाव में नहरों में उड़ रही धूल, किसान परेशान

Kushinagar News - कुशीनगर में धान की फसलें सूख रही हैं क्योंकि नहरों में पानी नहीं आ रहा है। किसान पंपिंग सेट से पानी चला रहे हैं, लेकिन महंगे दरों पर सिंचाई करनी पड़ रही है। कृषि विभाग के प्रति आक्रोश है, और किसान धान...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरThu, 29 May 2025 09:12 AM
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पानी के अभाव में नहरों में उड़ रही धूल, किसान परेशान

कुशीनगर। धान के बेहन गिराने का समय बीता जा रहा है और जनपद के प्रमुख नहरों में पानी नहीं पहुंचने के कारण धूल उड़ रही है। पानी के अभाव में किसानों की फसलें सूख रही हैं। परेशान किसान फसलों को बचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पंपिंगसेट से पानी चलाकर उन्हें जिंदा रखने में जुटे हुए हैं। इसे लेकर किसानों में कृषि विभाग के आक्रोश व्याप्त है। वाल्मीकिनगर नेपाल से निकलने वाली मुख्य पश्चिमी गंडक नहर कुशीनगर की लाइफ लाइन है। इस मुख्य नहर से चार शाखा नहर समेत कुल 246 नहरों का संजाल जिले में बिछाया गया है। इनके माध्यम से किसान अपने फसलों की सिंचाई करते हैं।

पिछले मार्च, अप्रैल व मई महीने में चिलचिलाती धूप के कारण किसानों की फसलें सूख रहीं हैं। नहरों में पानी का अभाव होने के कारण खेतों में सब्जी, गन्ना, मक्का, मूंग, उरद आदि की फसलें सूख कर बर्बाद होने लगी हैं। किसान वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पंपिंगसेट से किसी तरह पानी चलाकर काम चलाने में जुटे हैं। पिछले साल 25 मई को वाल्मीकिनगर नेपाल से मुख्य पश्चिमी गंडक नहर में पानी छोड़ने से जिले में पानी पहुंचनी शुरू हो गई थी और मुख्य पश्चिमी गंडक नहर समेत सभी चार शाखा नहरें पानी से लबालब भर गई थी। इसके बाद इनसे निकलने वाली माइनर व राजवाहों में पानी पहुंचना शुरू हो गयी थी, लेकिन इस बाद मुख्य नहर में पानी नहीं आने के कारण नहरों में धूल उड़ रहा है। इससे किसान परेशान व हताश है। किसानों को धान का बेहन गिराने में विलंब हो रहा है। इससे उनमें सिंचाई विभाग के प्रति आक्रोश व्याप्त है। खजुरिया नहर शाखा में पानी नहीं आने से किसान परेशान सोहसा मठिया क्षेत्र से होकर निकलने वाली खजुरिया नहर शाखा में पानी नहीं होने से सूखी पड़ी है। किसान नहर में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि गन्ना, मक्का, मूंग, सब्जी की सिंचाई और धान की नर्सरी गिरा सके। समय से पानी नहीं आने से किसान महंगे दर पर पंपिंग सेट से सिंचाई करने को मजबूर हैं। धान की नर्सरी गिराने के लिए किसान नहर में पानी आने की टकटकी लगाए हुए है। खजुरिया नहर शाखा से होकर निकलने वाली माइनरों और रजवाहों में बैदौली महुआडीह माइनर, नैकाछपरा अमरपुर माइनर, परसौना माइनर अंजही माइनर, कुशीनगर रजवाहा आदि के किनारे खेतों के फसलों की सिंचाई नहर के पानी से होती है। क्षेत्र के परवरपार, बेदौली महुआडीह, सोहसा मठिया, भरवलिया, नैकाछपरा, परवरपार, महुई, पिपरी, कुरमौटा, नैकाछपरा, पिपरी, महुआडीह, लौंगरापुर, भरवलिया, छेरियहवा, बेदौली महुआडीह सहित दर्जनों गांवों के किसान अपने फसलों की सिंचाई करने के लिए नहर में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं। किसान विजय राव, चंद्रिका, रविशंकर पाण्डेय, जितेंद्र राव, जितेंद्र सिंह, टिंकल पांडेय, राधेश्याम प्रसाद, मंटू राव, रमेश राव, दिग्विजय शर्मा, रामकिसुन सिंह, ब्रजेश सिंह आदि का कहना है कि नहर में समय से पानी नहीं आने से महंगे दर पर सिंचाई करनी पड़ रही है। धान की नर्सरी गिराने में भी देरी हो रही है। इस संबंध में अवर अभियंता दीपक कुमार का कहना है कि एक सप्ताह में पानी आ जाएगा। बोले अधिकारी पिछले 26 मई को मुख्य पश्चिमी गंडक नहर में पानी वाल्मीकिनगर से छोड़ दिया गया है। प्रमुख नहरों में पानी पहुंच रहा है। जनपद के सभी नहरों में हेड से टेल तक आगामी सप्ताह में पानी पहुंचा दिया जायेगा। - बी राम, अधिशासी अभियंता सिंचाई

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