भोजपुरिया माटी की थाती का संरक्षण व संवर्धन जरूरी: प्रो. सुग्रीव
Kushinagar News - कुशीनगर के सरस्वती देवी महाविद्यालय में हिन्दी विभाग ने सेमीनार और काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में भोजपुरी और हिन्दी के साहित्यकार शामिल हुए। मुख्य अतिथि प्रो. सुग्रीव नाथ त्रिपाठी ने...

कुशीनगर। खड्डा कस्बा स्थित सरस्वती देवी महाविद्यालय में हिन्दी विभाग के तत्वावधान में सेमीनार एवं काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें भोजपुरी व हिन्दी के साहित्यकार व रचनाकार शामिल हुये। लोक साहित्य में निहित मानवीय मूल्य एवं काव्य-संवाद विषयक सेमीनार के मुख्य अतिथि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के वरिष्ठ प्रो. सुग्रीव नाथ त्रिपाठी ने भोजपुरी बोली का प्रयोग करते हुए कहा कि जे अपने थाती के संरक्षण और संवर्धन नाही करेला उ दूसरे के थाती में समा जाला। इस लिए भोजपुरिया माटी के थाती का संरक्षण व संवर्धन जरूरी है। मुख्य वक्ता डॉ. उमेश चन्द पाठक गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने कहा कि भोजपुरी लोक साहित्य मानवीय मूल्यों के अंतिम मर्म तक पहुंचता है।
इसमें माता के स्वभाव की तरह का वात्सल्य है। दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का संचालन करते हुए सुप्रसिद्ध शायर डॉ. एनटीखान अक्स ने नए परिवेश में छात्र-छात्राओं के लिए साहित्य के महत्व को रेखांकित किया। काव्य संगोष्ठी में प्रमुख रूप से चंदेश्वर परवाना, डॉ. उमेश चन्द पाठक, आकाश महेश पुरी, अवध बिहारी अवधू, शंभू सजल, आशुतोष तिवारी, आशु, रामप्रीत प्रजापति खरगोश, गुलाब आबामी आदि ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। प्राचार्य दीपक कुमार मिश्र ने सभी आगंतुकों को अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। इस दौरान संदीप पाण्डेय, अजीत मद्धेशिया, पवन कुशवाहा, प्रीति तिवारी, दिलीप कुमार आदि उपस्थित रहे।
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