16 किसान संगठन आए बिजली कर्मचारियों के साथ, 4 को करेंगे विरोध प्रदर्शन
Lucknow News - - वर्चुअल बैठक में किसानों ने तय की मांगों की रूपरेखा, निजीकरण प्रस्ताव वापस और

पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को 16 किसान संगठनों ने साथ देने का ऐलान किया है। सभी 16 किसान संगठन बिजली कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए 4 जून को हर जिले में निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। सभी किसान संगठनों ने 4 जून के विरोध प्रदर्शन को लेकर रविवार को एक वर्चुअल बैठक की। बैठक में क्रांतिकारी किसान यूनियन, किसान संग्राम समिति, किसान मजदूर परिषद, आल इंडिया किसान फेडरेशन, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा, किसान एकता केन्द्र, किसान विकास मंच, क्रांतिकारी किसान मंच, भारतीय किसान संगठन, भाकियू श्रमिक जनशक्ति यूनियन, सोशलिस्ट किसान सभा, कृषि भूमि बचाओ मोर्चा, खेत मजदूर किसान संग्राम समिति व इंकलाबी मजदूर केंद्र के करीब 30 किसान नेताओं ने हिस्सा लिया।
तय किया गया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान जिला अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा। किसान संगठनों की अहम मांगों में निजीकरण का फैसला वापस लेना, बिजली दरों में इजाफे का प्रस्ताव व स्मार्ट प्री-पेड मीटर योजना रद्द करना और किसानों को 300 यूनिट/माह मुफ्त बिजली शामिल है। किसान संगठनों ने कहा है कि अगर निजीकरण का विरोध कर रहे किसी भी बिजली कर्मचारी पर दमनात्मक कार्रवाई हुई तो किसान संगठन उसका व्यापक विरोध करेंगे। निजीकरण के नाम पर घोटाला, चुप्पी तोड़ें ऊर्जा मंत्री - संघर्ष समिति विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने रविवार को कहा कि निजीकरण के नाम भारी घोटाला हो रहा है। घोटाले की सारी बातें सार्वजनिक हैं अब ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को इस पर चुप्पी तोड़नी चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि क्या इस तरह के घोटालों के लिए निजीकरण किया जा रहा है? संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कॉरपोरेशन के निदेशक (वित्त) पर निजी औद्योगिक घरानों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मचारी निजीकरण के नाम पर घोटाले का खुलासा कर रहे हैं, इसलिए कॉरपोरेशन बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं का उत्पीड़न कर रहा है। उत्पीड़न की दृष्टि से तबादला हो रहा, वेतन काटा जा रहा, नोटिसें दी जा रहीं, कर्मचारी सेवा विनियमावली में संशोधन किया गया। इन सबसे ऊर्जा निगमों में अशांति फैल रही है। कर्मचारी और अभियंता नाराज हैं। चेयरमैन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अमर्यादित व अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं, अपमान करते हैं और धमकी देते हैं।
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