सद्गुरु के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए आदेश पारित
दिल्ली हाईकोर्ट ने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अधिकारों की रक्षा करते हुए एक आदेश जारी किया है। अदालत ने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सद्गुरु की आवाज और छवि के गलत उपयोग पर रोक...

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। दिल्ली हाईकोर्ट ने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव के व्यक्तित्व और प्रचार संबंधी अधिकारों की रक्षा करते हुए एक अहम आदेश जारी किया है। अदालत ने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सद्गुरु की आवाज, छवि और व्यक्तित्व को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से गलत तरीके से उपयोग करने वाली फर्जी वेबसाइट्स पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की पीठ ने मामले में अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि सद्गुरु के पक्ष में राहत देना जरूरी है क्योंकि तकनीक के तेजी से बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए उनके अधिकारों की सुरक्षा करना आवश्यक है।
अदालत ने सद्गुरु के मुकदमे में नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 14 अक्तूबर के लिए सूचीबद्ध की। अदालत ने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म पर बौद्धिक संपदा अधिकारों का प्रभावी रूप से लागू होना जरूरी है ताकि गलत इरादों वाली वेबसाइटों से व्यक्तित्व अधिकारों का हनन न हो।
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