खुद की तारीफ करने की जरूरत नहीं, ऑपरेशन सिंदूर पर दिए भाषणों को लेकर खरगे का पीएम मोदी पर तंज
Operation Sindoor: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है कि जब तक प्रतिनिधिमंडल की रिपोर्ट नहीं आ जाती राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सभी नेताओं को शांत रहना चाहिए। पीएम मोदी को अपनी तारीफ करने से जरूरत नहीं।

Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ऑपरेशन सिंदूर पर प्रधानमंत्री द्वारा दिए जा रहे भाषणों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्र की सुरक्षा की बात हो तो देश भर के सभी नेताओं को शांत रहना चाहिए। हमारे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश दौर पर गए हुए हैं ऐसे में जब तक वह वापस नहीं आ जाते चुनाव प्रचार नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी को चुनावी भाषणों में अपनी प्रशंसा वाले बयान देने से बचना चाहिए। पूरा देश सशस्त्र बलों के साथ खड़ा हुआ है।
मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी को ऐसे भाषण देने से बचना चाहिए। हमें पता होना चाहिए कि कब क्या बोलना है। राष्ट्रीय मामलों में एकता होनी चाहिए और अपने विरोधियों को हराने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। देश भर के सभी नेताओँ को राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले पर चुप रहना चाहिए। बोलने से पहले समझना चाहिए कि आखिर हुआ क्या है। प्रधानमंत्री पहले कह चुके हैं कि उन्होंने सेना को पूरा अधिकार दिया है तो फिर वह अब क्यों बोल रहे हैं?"
पाकिस्तान ने भी संसद बुला ली, आप कब बुलाएंगे
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “हमने कहा कि आइए संसद बुलाएं और इस बारे में बात करें। यहां तक कि पाकिस्तान ने भी अपनी संसद बुलाई है और चर्चा कर रहा है। हममे से कोई भी देश के खिलाफ नहीं बोलेगा।”
इससे पहले संसद सत्र बुलाने की मांग करते हुए खरगे ने लिखा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के बयान के बाद एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति को देश की रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने लिखा, "देश को गुमराह किया गया है.. और अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा किए जा रहे दावों को स्पष्ट करने के बजाय प्रधानमंत्री मोदी चुनावी तूफान में है। वह सशस्त्र बलों की वीरता का व्यक्तिगत श्रेय ले रहे हैं।"
आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही कांग्रेस लगातार संसद सत्र बुलाए की मांग कर रही है। सीडीएस चौहान के भारतीय विमानों के ऊपर दिए गए बयान के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी संसद सत्र बुलाने की मांग पर जोर दिया था।