भाजपा सरकार में कनिष्ठ-वरिष्ठ का कोई मतलब नहीं: अखिलेश
Lucknow News - सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी और अनैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इससे अधिकारियों का मनोबल गिरता है, जो...

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पुलिस अधिकारियों के वरिष्ठता क्रम को लेकर प्रदेश सरकार को घेरा है। अखिलेश ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा कि यह समाचार चिंताजनक है कि यूपी पुलिस के वरिष्ठतम लोग, जो वर्तमान व्यवस्था में महत्वपूर्ण पदों से वंचित रखे गए, वे इन अनैच्छिक परिस्थितियों में ‘ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर मजबूर हैं। इससे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों का मनोबल टूटता है, जिसका ख़ामियाज़ा प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था और जनता को भुगतना पड़ता है। उन्होंने लिखा कि भाजपा सरकार में जब वरिष्ठ-कनिष्ठ का कोई मतलब ही नहीं बचा है तो ‘वरिष्ठता क्रम की सूची बनाने का क्या मतलब।
वरिष्ठता में 1-2 के फेरबदल को तो कार्य के स्वरूप के आधार या किसी अन्य पैमाने पर उचित ठहराया भी जा सकता है लेकिन 10-12 के अंतर को नहीं। अखिलेश ने कहा कि सामान्य रूप से किसी अधिकारी को किसी पद पर चुनने का आधार व्यक्तिगत पसंद, विचारधारा या सत्ता का अंदरूनी झगड़ा नहीं होना चाहिए, बल्कि उस पद विशेष के लिए, अधिकारी की पदानुक्रमता के साथ-साथ योग्यता और अनुभव का समेकित संतुलित आधार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अधिकारियों का मनोबल गिराकर कुछ भी हासिल नहीं कर सकती है। हाल की कुछ घटनाओं में ये देखा गया है कि कुछ अधिकारियों को चिन्हित करके, उनके विभाग के अंदर और सोशल मीडिया के स्तर पर बाहर से, उनको या उनके परिवारों को प्रताड़ित-अपमानित किया गया है। भाजपाइयों द्वारा चलाया गया ये चलन बंद होना चाहिए। सपा प्रमुख ने लिखा कि भाजपा ईमानदारी को पुरस्कृत नहीं करती है तो न करे लेकिन तिरस्कृत भी न करे। यह चिंतनीय भी, निंदनीय भी!
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