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तीन करोड़ की वित्तीय अनियमितता में भातखंडे की पूर्व कुलपति समेत 18 के खिलाफ चार्जशीट

Lucknow News - सीबीसीआईडी ने भातखंडे संगीत संस्थान की पूर्व कुलपति प्रो. श्रुति सडोलीकर और छह कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। जांच में 3.31 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ। बिना टेंडर कई...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 19 June 2025 01:32 AM
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तीन करोड़ की वित्तीय अनियमितता में भातखंडे की पूर्व कुलपति समेत 18 के खिलाफ चार्जशीट

सीबीसीआईडी ने भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. श्रुति सडोलीकर काटकर, तत्कालीन आहरण वितरण अधिकारी समेत छह कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें 12 फर्मों को भी दोषी पाया गया है। चार्जशीट के मुताबिक पूर्व कुलपति श्रुति समेत सभी आरोपी सीबीसीआईडी की जांच में 3.31 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के दोषी पाए गए हैं। शासन के आदेश पर सीबीसीआईडी ने पिछले साल जनवरी में यह जांच शुरू की थी। इस वित्तीय अनियमितता के मामले में वर्ष 2021 में पांच मार्च को तत्कालीन कुलपति डॉ. लवकुश द्विवेदी ने कैसरबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।

इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था। वित्तीय अनियमितता की शिकायत मिलने पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद ही एफआईआर लिखाई गई थी। सीबीसीआईडी की जांच में खुलासा हुआ कि भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति श्रुति सडोलीकर काटकर, तत्कालीन आहरण वितरण अधिकारी और बजट जारी करने वाले कर्मचारियों ने शासन के नियमों को दरकिनार कर अनियमितता बरती। इनकी मिलीभगत में 12 फर्मों ने भी अहम भूमिका निभाई। इन लोगों की साठगांठ से तीन करोड़ 31 लाख 13 हजार 607 रुपये की वित्तीय अनियमितता की। सीबीसीआईडी ने अपनी जांच में इन सभी आरोपितों के बयान दर्ज किए थे। साथ ही कई सुबूत भी जुटाए। इन कर्मचारियों के सामने जब कई साक्ष्य रखे गए तो ये लोग सीबीसीआईडी के कई सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे। इस आधार पर ही सीबीसीआईडी ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इस अनियमितता के सामने आने पर कुलपति श्रुति को बर्खास्त कर दिया गया था। बिना टेंडर काम कराने का आरोप लगा था इस मामले में दर्ज एफआईआर में पूर्व कुलपति श्रुति और इस विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों पर कुछ कम्पनियों को बिना टेंडर के काम दिया गया और उसका भुगतान कर दिया गया।वर्ष 2017-18 में बिना टेंडर के एक ही तरह के काम अलग-अलग कम्पनियों को देकर भुगतान किया गया। बिना टेंडर के कई करोड़ के काम दे दिए गए थे। इन फर्मों के खिलाफ भी आरोप पत्र अंजली ट्रेडर्स, ऊषा एसोसिएट्स, साईं कृपा ट्रेडिंग कारपोरेशन, एक्यूरेट इंजीनियरिंग,भागीदार इंडियन फायर सर्विस इंटरप्राइजेज, एपेक्स कूलिंग सर्विस, पुण्य इंटरप्राइजेज, विशाल बिल्डर्स, एचए ट्रेडर्स, वर्मा इलेक्टि्रकल्स,बीआर इंटरप्राइजेज और शर्मा रेफ्रिजरेशन,

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