श्री जी की प्रतिमा पर केसर और चंदन के जल से अभिषेक
Lucknow News - लखनऊ में सोलहवें तीर्थंकर 1008 श्री शांतिनाथ भगवान का जन्म तप व मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया। बड़ी संख्या में जैन भक्तों ने मंदिर में भाग लिया। विभिन्न परिवारों ने अभिषेक और शांति धारा का पुण्य...

लखनऊ, संवाददाता। सोलहवें तीर्थंकर 1008 श्री शांतिनाथ भगवान का जन्म तप व मोक्ष कल्याणक महोत्सव चौक चूड़ी वाली गली स्थित प्राचीन श्री 1008 नेमिनाथ जिनालय में मनाया गया। श्री जी की प्रतिमा पर केसर और चंदन के जल से अभिषेक, शांति धारा करते हुए निर्वाण लड्डू अर्पित किया गया। सोमवार सुबह से ही बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबी भक्त मंदिर पहुंचे। मूलनायक शांतिनाथ भगवान की वेदी पर मूलनायक श्री जी का स्वर्ण कलश से प्रथम अभिषेक करने का सौभाग्य इन्द्रावती जैन परिवार को प्राप्त हुआ। बड़ी पांडुशिला पर श्री शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा पर प्रथम शांतिधारा पुण्यार्जक मनीष कुमार अमित कुमार जैन परिवार रहे।
द्वितीय शांति धारा सुधीर जैन परिवार को मिली। श्री वासुपूज्य भगवान पर प्रथम शांतिधारा धर्मेन्द्र जैन, अतिवीर जैन, सचिन जैन परिवार बालागंज व दूसरी अमन जैन को प्राप्त हुई। निर्वाण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य मधु जैन, विमल किशोर जैन परिवार को प्राप्त हुआ। 108 रिद्धि मंत्रों के उच्चारण के साथ 108 रजत कलशों से श्रीजी का अभिषेक करके विश्व शान्ति, कल्याण की कामना हुई । सभी मांगलिक अनुष्ठान श्री संस्कार जी शास्त्री (मध्य प्रदेश ) के सान्निध्य में हुए। श्रीजी का अभिषेक के बाद भक्तों ने श्री शांतिनाथ मंडल विधान का अनुष्ठान किया और शान्ति जाप कर अग्नि में धूप अर्पित की। निर्वाण कांड का पाठ कर मोक्ष लाडू अर्पण किया गया। कार्यक्रम के बाद फल वितरण किया गया। भगवान का पालना भी झुलाया गया। शाम को आरती एवं शिक्षण शिविर कक्षाएं चलीं। कार्यक्रम में अशोक जैन, अभिनंदन जैन, अरविंद जैन, सचिन, अजय, शैलेंद्र, अंकुर आदि रहे।
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