बिजली कर्मचारी आज करेंगे नियामक आयोग पर मौन विरोध प्रदर्शन
Lucknow News - लखनऊ, विशेष संवाददाता। निजीकरण के मसौदे पर अभिमत देने का प्रस्ताव नियामक आयोग पहुंचने पर

लखनऊ, विशेष संवाददाता निजीकरण के मसौदे पर अभिमत देने का प्रस्ताव नियामक आयोग पहुंचने पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सोमवार को आयोग के समक्ष मौन विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। साथ ही पावर कॉरपोरेशन द्वारा शनिवार देर रात किए गए स्थानांतरण को भी मनमाना बताते हुए भी पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि जानकारी में आया है कि आयोग निजीकरण की रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) पर अभिमत देने जा रहा है। आरएफपी जिस सलाहकार कंपनी ने तैयार की है, उसकी नियुक्ति ही अवैध है। पूरा प्रकरण आयोग की जानकारी में है।
इसके अलावा नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार वर्ष 2020 में पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष थे। तब सरकार के साथ निजीकरण पर बिजली कर्मचारियों का समझौता हुआ था कि बिना कर्मचारियों को विश्वास में लिए निजीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी। उस समझौता पत्र पर उनके दस्तखत भी हैं। ऐसे में उनके पास निजीकरण के मसौदे पर अभिमत देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। बिना किसी नीति के किए गए स्थानांतरण संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि बिना किसी नीति के स्थानांतरण किए गए हैं। स्थानांतरण केवल आंदोलनरत बिजली कर्मचारियों को परेशान करने के लिए हुए हैं। पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन इस गर्मी में पूरी बिजली व्यवस्था चौपट करने पर उतारू है। पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी स्थानांतरण में इसी तरह के आरोप लगाए हैं। संगठन के अध्यक्ष आरपी केन ने कहा कि छुट्टी के दिन कार्यमुक्ति के भी आदेश कॉरपोरेशन ने जारी किए हैं। क्या यह बिजली व्यवस्था बेपटरी करने की साजिश है? संगठन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि कभी पावर कॉरपोरेशन में गर्मियों में स्थानांतरण न करने का नियम था। कॉरपोरेशन प्रबंधन ने स्थानांतरण नीति के विरुद्ध तबादले किए हैं। मामले की उच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए।
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