एक दूसरे से काफी जुड़े हैं मानवाधिकार और साहित्य
Lucknow News - डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में मानवाधिकार और साहित्य पर चर्चा की गई। डॉ. अलका सिंह ने कहा कि साहित्य मानवीय संवेदनाओं की खोज करता है। एनोटेटेड ग्रंथ सूची...

लखनऊ, संवाददाता। डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में शोध परियोजना पर बात हुई। यहां साहित्य और मानवाधिकार पर चर्चा किया गया। डॉ. अलका सिंह ने कहा कि मानवाधिकार और साहित्य एक दूसरे से काफी जुड़े हुए हैं। साहित्य का कोई भी पाठ मानवीय संवेदनाओं की खोज करता है और मानव समाज को जीने, संकट व कठोर सच्चाईयों को सहने और जीवन के मूल्यों का आनंद लेने के लिए एक सुंदर दृष्टिकोण देता है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत मानवाधिकार और अंग्रेजी साहित्यिक अध्ययन के नजरिए से चुनिंदा ग्रंथों की एनोटेटेड ग्रंथ सूची तैयार की जा रही है।
इस शोध पर काम करते समय, यह देखा गया कि यह एनईपी 2020 के सिद्धांतों को छूता है। इस शोध के तहत प्रस्तावित एनोटेट ग्रंथ सूची अनेक शैलियों में अंग्रेजी साहित्य अध्ययन में मानवाधिकारों का व्यापक अवलोकन प्रदान करती है। गद्य, कविता, नाटक और उपन्यासों की जांच करके, ग्रंथ सूची साहित्य में मानवाधिकारों के प्रतिनिधित्व को समझने के लिए एक समृद्ध संसाधन देती है। मानवाधिकार और अंग्रेजी साहित्यिक अध्ययन (एक एनोटेटेड ग्रंथ सूची बनाना) पर उत्कृष्टता केंद्र साहित्यिक अध्ययनों के जरिए मानवाधिकारों पर आगे के शोध और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस ग्रंथ सूची का उपयोग कर सकता है।
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