प्रदेश पर टिड्डियों के आक्रमण का खतरा बरकरार
Lucknow News - प्रमुख संवाददाता/ महीने भर पहले तक टिड्डियों के हमले से बेहाल यूपी के लिए यह खबर अच्छी नहीं कही जा सकती। कारण...

प्रमुख संवाददाता--राज्य मुख्यालयमहीने भर पहले तक टिड्डियों के हमले से बेहाल यूपी के लिए यह खबर अच्छी नहीं कही जा सकती। कारण प्रदेश पर एक बार फिर से टिड्डियों के आक्रमण की आशंका बढ़ गई है। संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेन्सी खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने केंद्र सरकार समेत पूर्व प्रभावित प्रदेशों को इस बारे में आगाह किया है। एफएओ ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय व टिड्डियों के नियंत्रण के लिए बनी केंद्रीय एजेन्सी टिड्डी चेतावनी संगठन से कहा है कि समय रहते एहतियाती कदम जरूरी है अन्यथा नुकसान भी हो सकता है।एफएओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिमी राजस्थान की पहाड़ियों में टिड्डियों का झुण्ड अभी भी मौजूद है। इसके अलावा जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चुरू, सीकर, नागौर, हनुमानगढ़, पाली, श्रीगंगानगर,टोंक, अलवर व अजमेर तथा जोधपुर में भी टिड्डियां सक्रिय है। जून-जुलाई के बीच का समय इनके प्रजनन का समय होता है और इस समय यह अण्डे देने की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। ऐसे में अगस्त के ठीक बाद इनके भारी संख्या में पैदा होने की आशंका है। अगर समय रहते इन्हें वहीं नियंत्रित या नष्ट नहीं किया गया तो राजस्थान के साथ-साथ मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश पर एक बार फिर से इनके हमले हो सकते हैं। जोधपुर स्थित केन्द्रीय टिड्डी चेतावनी संगठन ने भी इस बारे में अभी से अपनी इकाइयों को सचेत रहने के आदेश दिए हैं। साथ ही यूपी के रिजनल सेन्ट्रल पेस्ट मैनेजमेन्ट सेन्टर को भी टिड्डी चेतावनी संगठन ने अलर्ट किया है और अभी से एहतियाती कदम उठाने का सुझाव दिया है।अभी भी यूपी समेत इन राज्यों में केन्द्र सरकार की 125 से अधिक टीमें इन पर नियंत्रण के लिए तैनात हैं जबकि 250 केन्द्रीय कर्मचारियों को टिड्डियों के नियंत्रण में लगाया गया है। एक झुण्ड में 05 से 08 करोड़ होती हैं टिड्डियां -कीटनाशी विशेषज्ञों के अनुसार टिड्डियों के एक वर्ग किलोमीटर के झुण्ड में अमूमन 05 से 08 करोड़ टिड्डियां होती हैं। ये एक दिन में 150 किलोमीटर तक का सफर तय कर लेती हैं। वहीं जहां यह झुण्ड बैठता है अगर वह खेत या वन हो तो उसके फलों व पत्तियों बमुश्किल डेढ़ से दो घंटे के बीच चट कर जाती हैं।
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