तटबंधों की निगरानी के लिए नामित होंगे नोडल अधिकारी
Maharajganj News - महराजगंज में डीएम संतोष कुमार शर्मा ने बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सभी एसडीएम को नदी तटबंधों का निरीक्षण करने और अद्यतन रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। बाढ़ नियंत्रण कक्षों की...
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। कलक्ट्रेट सभागार में डीएम संतोष कुमार शर्मा ने जिला स्तरीय बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप एवं जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा की। एक्सईएन बाढ़ खंड ने बाढ़ से पूर्व तैयारियों की विस्तृत कार्ययोजना का पीपीटी के माध्यम से प्रेजेंटेशन दिया। डीएम ने सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्र में नदियों के तटबंधों का स्थलीय निरीक्षण कर एक सप्ताह के अंदर अद्यतन स्थिति पर आख्या मांगी। जिले के कुल बीस प्रमुख तटबंधों की समुचित निगरानी के लिए एक-एक नोडल अधिकारी नामित करने का निर्देश दिया। जिससे बाढ़ एवं आपदा के समय उनसे तत्काल जानकारी प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही की जा सके।
डीएम ने अधिशासी अभियंता सिंचाई द्वितीय को निर्देश दिया कि बाढ़ के समय जिला मुख्यालय एवं तहसील मुख्यालय पर बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना करें। साथ ही बाढ़ क्षेत्रों में अपने एसडीओ/जेई के अस्थायी मुख्यालय की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं, जिससे आवश्यकता पड़ने पर तत्काल स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सके। उन्होंने समस्त तटबंधों के रेनकट, रैटहोल आदि की मरम्मत बरसात से पूर्व करने के लिए निर्देशित किया। राहत शिविरों को ऊंचाई वाले स्थानों पर स्थापित करने के लिए कहा। बाढ़ प्रभावित गांवों के प्रमुख लोगों का मोबाइल नंबर संरक्षित करें तहसीलदार जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग को नदियों व नालों के सिल्ट की गुणवत्तापूर्ण सफाई का निर्देश दिया, जिससे उनमें पानी का प्रवाह आसानी से हो सके। उन्होंने सभी तहसीलदार को निर्देश दिया कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले ग्रामसभा के संभ्रांत व्यक्तियों एवं ग्राम प्रधानों के मोबाईल नंबर को संरक्षित रखे, ताकि आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए ग्रामसभा में उपलब्ध ट्रैक्टर-ट्राली, जेसीबी, क्रेन आदि संसाधनों का उपयोग त्वरित व सुलभ तरीके से किया जा सके। बाढ़ एवं आपदा में शिथिलता क्षम्य नहीं जिलाधिकारी ने अन्य विभागीय अधिकारियों के दायित्वों के निर्वहन के लिए निर्देशित करते हुए कहा कि अपने-अपने विभाग से संबंधित समस्त तैयारिया पूर्ण रखें। एनएच को निर्देश दिया कि सड़क के दोनों तरफ के नालों को ह्यूम पाइप अथवा नाली से जोड़ने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें, जिससे जल निकासी आसानी हो सके और जल जमाव की स्थित पैदा न हो। बाढ़ सुरक्षा चौकियों के निर्धारण, नालों की सफाई गांवों एवं आश्रय स्थलों पर चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने, एंबुलेंस, साफ सफाई, शुद्ध पेयजल व खाद्यान्न की व्यवस्था, पशुओं के टीकाकरण, नावों एवं गोताखोरों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। दो टूक में कहा कि बाढ़ एवं आपदा के समय शिथिलता मिलने पर जिम्मेदारी तय करते हुए संबंधित विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। समीक्षा बैठक में डीएफओ निरंजन सुर्वे, एडीएम डॉ. प्रशांत कुमार, सीएमओ डॉ. श्रीकांत शुक्ला, पीडी रामदरश चौधरी के अलावा बाढ़ व आपदा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व इंजीनियर मौजूद रहे।
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