प्रधानों का उत्पीड़न बंद हो, मिलें सभी सुविधाएंदि की संस्तुति का अधिकार प्रधानों को दिए जाने, निर्माण सामग्री दर बढ़ाने समेत
Maharajganj News - महराजगंज के प्रधानों ने राज्यपाल को मांग पत्र सौंपा, जिसमें उत्पीड़न रोकने, विसंगतियों का समाधान और सुविधाएं देने की मांग की गई। जिलाध्यक्ष अनिल कुमार जोशी ने मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन का...

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। अखिल भारतीय प्रधान संगठन से जुड़े प्रधानों ने अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल को संबोधित मांग पत्र डीएम को दिया। इसमें प्रधानों ने उत्पीड़न बंद किए जाने, विसंगतियों को दूर करने व सुविधाएं दिए जाने की मांग की। जिलाध्यक्ष अनिल कुमार जोशी के नेतृत्व में जिला संरक्षक वीरेंद्र सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष अजय धर दुबे, जिला उपाध्यक्ष चतुर्भुजा सिंह, जिला महामंत्री अमरजीत साहनी, पनियरा ब्लाक अध्यक्ष सतीश सिंह, घुघली के अध्यक्ष दिनेश जायसवाल, निचलौल के अखिलेश यादव, सिसवा के ब्रह्मानंद पटेल, सदर के रमेश सिंह, मिठौरा के रघुनाथ पटेल, सच्चिदानंद मौर्य ने डीएम से मुलाकात की।
जिलाध्यक्ष अनिल कुमार जोशी ने कहा कि 28 अक्तूबर 2021 को रमाबाई आम्बेडकर मैदान में मुख्यमंत्री ने प्रधानों की मांगों को मानने का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक कोई आश्वासन पूरा नहीं किया गया है। प्रधानों के साथ भेदभाव, उत्पीड़न, बजट में कटौती करके गांव का विकास कार्य प्रभावित किया जा रहा है। मांगों पर अमल कर शीघ्र शासनानदेश जारी किया जाना उचित होगा।
प्रधानों ने ये की मांगें
प्रधानों ने मांग पत्र में सहायक सचिव कम डाटा इंट्री आपरेटर, शौचालय केयर टेकर व प्रधान मानदेय की व्यवस्था अलग से किए जाने, रजिस्टर्ड डिप्लोमा होल्डर या किसी भी तकनीकी सहायक से स्टीमेट बनवाने की छूट दिए जाने,जनपद स्तर पर अधिकारियों के साथ माह में एक बार प्रधानों के साथ बैठक किए जाने, जिला योजना समिति में प्रधानों का प्रतिनिधित्व किए जाने, मनरेगा का भुगतान प्रधान व सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किए जाने की मांग की है। इसके अलावा मनरेगा का बकाया भुगतान किए जाने, पशु आश्रय स्थलों को प्रधानों से मुक्त किए जाने, जनता के जीएसटी टैक्स का 70 प्रतिशत धनराशि गांवों को दिए जाने, मनरेगा मजदूरी 400 रूपये किए जाने,मनरेगा के 23 दिसंबर 2022के आदेश को वापस लिए जाने,प्रधानों, बीडीसी व जिला पंचायत सदस्यों का शस्त्र लाइसेंस दिए जाने, बिना शपथ पत्र के प्रधानों की जांच नहीं कराने, प्रधानों को हटाने का अधिकार डीएम से हटाकर जिला पंचायत अध्यक्ष को दिए जाने,झूठी शिकायत करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने,प्रधानों का मानदेय 20 हजार रूपये किए जाने, ग्राम पंचायत के राजस्व कर्मी, पंचायत कर्मी,आंगनबाड़ी, कोटेदार, अध्यापकों के कार्य प्रमाणन, निलंबन आदि की संस्तुति का अधिकार प्रधानों को दिए जाने, निर्माण सामग्री दर बढ़ाने समेत कई मांगें की है।
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