Tragic Roof Collapse at Abandoned Spinning Mill in India Claims Lives of Two Young Boys जर्जर कताई मिल की छत गिरने से दो बच्चों की मौत, Mau Hindi News - Hindustan
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जर्जर कताई मिल की छत गिरने से दो बच्चों की मौत

Mau News - हलधरपुर थाना क्षेत्र के बिलौझा गांव में एक बंद कताई मिल की छत गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई। 12 वर्षीय शिवम और 10 वर्षीय निहाल बकरी चराने निकले थे, जब यह हादसा हुआ। घटना के बाद जर्जर भवन को ध्वस्त...

Newswrap हिन्दुस्तान, मऊMon, 12 May 2025 02:01 AM
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जर्जर कताई मिल की छत गिरने से दो बच्चों की मौत

पहसा (मऊ)। हलधरपुर थाना क्षेत्र के बिलौझा गांव में रविवार सुबह बंद कताई मिल की छत गिरने दो बच्चों की मौत हो गई। कड़ी मशक्कत के बाद जेसीबी से मलबा हटाकर शव बाहर निकाले गए। दोनों बच्चे वहां बकरी चराने गए थे। बिलौझा गांव निवासी 12 वर्षीय शिवम पुत्र शिवशंकर और 10 वर्षीय निहाल पुत्र बाबूलाल अपने कुछ दोस्तों के साथ रविवार सुबह बकरी चराने निकले थे। वे रतनपुरा-भीमपुरा मार्ग पर खंडहर हो चुके कताई मिल के पास ही आम बीनने लगे। इसी दौरान मिल की जर्जर छत और दीवार भरभराकर गिर गई। शिवम और निहाल मलबे में दब गए। आवाज सुनकर बड़ी संख्या में आसपास के लोग पहुंच गए।

सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक महेश सिंह अत्री समेत भारी संख्या में पुलिस भी आ गई। मलबा हटाने के लिए जेसीबी मंगाया गया। एक घंटे की मशक्कत के बाद दोनों बच्चों को बाहर निकाला गया। उपचार के लिए परिजन उन्हें सीएचसी ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद जर्जर भवन को कराया ध्वस्त पहसा। हलधरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिलौझा ग्राम पंचायत के रतनपुरा-भीमपुरा मार्ग स्थित वर्ष 1978 में स्थापित कताई मिल चार दशक से बंद होने से खंडहर में तब्दील हो चुकी थी। रविवार को हादसे के बाद जिला प्रशासन की टीम ने स्थानीय लोगों की मांग पर तत्काल प्रभाव से जेसीबी लगाकर कताई मिल के अवशेष भवन जमींदोज करा दिया। हलधरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिलौझा ग्राम पंचायत में वर्ष 1978 में सुबसा कताई मिल की स्थापना की गई थी। स्थापना काल के दौरान मिल काफी चला, लेकिन कताई मिल बंद होने के बाद पिछले चार दशक से अधिक समय से यह मिल बंद होने के बाद पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया है। खंडहर पड़े मिल के अंदर अक्सर बच्चे आकर बकरी चराने के साथ आम बीतने के लिए आते रहते हैं, लेकिन रविवार को दो बच्चों की मौत के बाद मामला काफी गंभीर हो गया और स्थानीय ग्रामीणों की मांग पर पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने मौके पर ही जेसीबी लगाकर दो घंटे की कड़ी मशक्कत करके अवशेष बचे जर्जर भवन को जमींदोज करा दिया। अवशेष जर्जर भवन के जमींदोज होने के बाद स्थानीय लोगों ने काफी राहत महसूस किया। उधर, घटना स्थल पर काफी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी रही। घटना स्थल से दूर होने के कारण एक बच्चे की बच गई जान पहसा। हादसे का शिकार 10 वर्षीय निहाल का छोटा भाई 6 वर्षीय अरुण भी मौके पर था, लेकिन घटना स्थल से कुछ दूरी होने के कारण उसकी जान बच गई और अरुण के घटना के बाबत परिजनों को जानकारी प्रदान किया। घटना में मृत 12 वर्षीय शिवम और 10 वर्षीय निहाल के परिजनों का रोते-रोते काफी बुरा हाल हो गया था। मृतक शिवम दो भाई और एक बहन है। मृतक के पिता मेहनत मजदूरी करके किसी तरह से परिजनों का जीवन यापन करते हैं। छुट्टी में अक्सर बच्चे चले जाते थे मिल के पास खेलने पहसा। स्थानीय लोगों ने बताया की रविवार या अन्य छुट्टियों पर अक्सर बच्चे मिल के पास खेलने चले जाते थे। रविवार को भी बच्चे बकरी चराने के साथ वहां खेल रहें थे। दो बच्चे शिवम और निहाल खेलते हुए मिल के अंदर चले गए। तभी अचानक से दोनों के ऊपर मिल की छत गिर गई। दोनों उसी में दब गए। जो और बच्चे थे, वो बाहर खेल रहे थे, नहीं तो वो भी दब जाते। मिल गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर है। रविवार की वजह से बच्चे गांव से इतनी दूर खेलने आ गए। दोनों बच्चे प्राथमिक स्कूल में पढ़ते हैं।

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