हाईकोर्ट बेंच को लेकर अब कानून मंत्री से जगी उम्मीदें
Meerut News - मेरठ में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सकारात्मक आश्वासन दिया है। संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि वे 10 दिन बाद दिल्ली जाकर कानून मंत्री से...

मेरठ में हाईकोर्ट बेंच को लेकर अब केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल के आश्वासन से उम्मीद जगी है। केन्द्रीय मंत्री ने हाईकोर्ट बेंच केन्द्रीय संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से कहा कि सरकार हाईकोर्ट बेंच को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है। मेरठ भी प्राथमिकता में है। संघर्ष समिति के संयोजक राजेन्द्र सिंह राणा का कहना है कि 10 दिन बाद संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाकर केन्द्रीय कानून मंत्री से मिलेगा। उन्हें बताएगा कि हाईकोर्ट और प्रदेश सरकार के सिफारिश के बिना भी केन्द्र सरकार बेंच दे सकती है। शनिवार रात मेरठ आए केन्द्रीय कानून मंत्री से हाईकोर्ट बेंच केन्द्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन संजय शर्मा और संयोजक राजेन्द्र सिंह राणा ने अन्य पदाधिकारियों के साथ सर्किट हाउस में मुलाकात की थी।
हाईकोर्ट बेंच की वर्षों पुरानी मांग से उन्हें अवगत कराया था। संयोजक राजेन्द्र सिंह राणा ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री का रुख इस मामले में काफी सकारात्मक लगा। अब 10 दिन बाद एक प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली जाकर हाईकोर्ट बेंच को लेकर कुछ बिन्दुओं को स्पष्ट करना है। उम्मीद है कि अब सरकार हाईकोर्ट बेंच की मांग पर कार्रवाई का मन बना रही है। उम्मीद जगी है कि सरकार वर्षो पुरानी इस मांग पर कार्रवाई करने का मन बना रही है। आंदोलन के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय की पीठ की स्थापना के हमारे लंबे संघर्ष और संवैधानिक मांग को लेकर हमने तथ्यात्मक, तर्कसंगत और संवेदनशील प्रस्तुति दी। मंत्री ने न केवल बातों को पूरे धैर्य से सुना, बल्कि विषय की गहराई को समझा और सकारात्मक संवाद किया। यह बैठक केवल एक औपचारिक मुलाकात नहीं थी, यह आंदोलन के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ है। एक बड़ी सफलता, एक ठोस प्रगति है। - संजय शर्मा, चेयरमैन, हाईकोर्ट बेंच केन्द्रीय संघर्ष समिति। 10 दिन बाद दिल्ली में होगी वार्ता केन्द्रीय कानून मंत्री ने बेंच की बात को तो माना, साथ ही 10 दिन बाद दिल्ली में इस विषय पर वार्ता की बात कही है, जिसमें कुछ बिन्दुओं को स्पष्ट किया जाना है। नि:संदेह वार्ता सकारात्मक रही है। उम्मीद है कि सरकार हाईकोर्ट बेंच को लेकर गंभीरतापूर्वक कार्रवाई करेगी। - राजेन्द्र सिंह राणा, संयोजक, हाईकोर्ट बेंच केन्द्रीय संघर्ष समिति। --------- आश्वासन नहीं बेंच चाहिए यह सब केवल राजनीतिक बयानबाजी है, जो हम पिछले 50 सालों से सुनते आ रहे हैं। सभी पार्टी की सरकारें आईं और आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। सरकार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता की भलाई के लिए इस काम में देरी नहीं करनी चाहिए और आश्वासन नहीं अब सीधे बेंच दे, तभी जनता विश्वास करेगी। - रोहिताश अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, बार काउंसिल ऑफ यूपी व मेरठ बार एसोसिएशन। बेंच देने के बयान का स्वागत अच्छी बात है कि कानून मंत्री पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच स्थापना के लिए आश्वस्त कर रहे हैं। उम्मीद की किरण हमेशा रखनी चाहिए, 50 सालों से आश्वासन ही मिलता रहा है। हो सकता है कि अबकी बार सरकार वास्तव में बेंच दे दे। उनके बयान का स्वागत है - गजेन्द्र सिंह धामा, पूर्व अध्यक्ष, मेरठ बार एसोसिएशन। आश्वासन से हटकर सरकार बात करे यह सब राजनीतिक आश्वासन है। 50 सालों से आश्वासन ही मिल रहे हैं। अब भी आश्वासन ही मिला है। 2018 में जब मैं महामंत्री था, तब हम कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मिले थे। उन्होंने भी यही कहा था कि आपकी मांग बहुत जल्द पूरी होगी, लेकिन हुआ कुछ नहीं। यदि वास्तव में सरकार बेंच के लिए गंभीर है तो आश्वासन से हटकर कोई ठोस बात हाई कोर्ट बेंच स्थापना के बारे में बात करे। -प्रबोध शर्मा, पूर्व महामंत्री, मेरठ बार एसोसिएशन। हम जब से कचहरी में आए हैं, तब से हाईकोर्ट बेंच आंदोलन को देखते आए हैं। हर आश्वासन पर ऐसा लगता है कि अब मांग पूरी हो गई पर आज तक कुछ नहीं हुआ। यदि सरकार बेंच को लेकर गंभीर है तो इसकी घोषणा जल्द करे ताकि जनता का विश्वास सरकार में बना रह जाए। सस्ता और सुलभ न्याय मिले। -विनोद चौधरी, पूर्व महामंत्री, मेरठ बार एसोसिएशन।
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