बोले मेरठ : विदेशों तक धाक जमाते हैं यहां के उद्योग पर इलाका है बदहाल
Meerut News - मेरठ के साईपुरम औद्योगिक क्षेत्र में 100 से अधिक इकाइयां हैं, लेकिन हालात बेहद खराब हैं। उद्यमियों ने प्रशासन को 50 से अधिक पत्र दिए हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। टूटी सड़कों, जलभराव और गंदगी के कारण...
मेरठ। दिल्ली रोड स्थित साईपुरम औद्योगिक क्षेत्र में 100 से ज्यादा औद्योगिक इकाईयां हैं। करोड़ों के टर्नओवर वाले औद्योगिक क्षेत्र से सरकार के खजाने में भी करोड़ों का राजस्व जाता है। इसके बाद भी औद्योगिक क्षेत्र के हालात बद से बदतर है। उद्यमियों ने कहा कि कहने को औद्योगिक क्षेत्र शहर का हिस्सा है, लेकिन हालात गांव से भी बदतर है। सड़कें टूटी पड़ी है। गहरे-गहरे गड्ढे हैं। नाला ऐसा बना दिया कि लेवल ठीक न होने से पानी की निकासी नहीं होती और पानी औद्योगिक क्षेत्र में भर जाता है। उद्यमी चाहते हैं कि औद्योगिक क्षेत्र में टूटी सड़कों का निर्माण हो।
नगर निगम नियमित रूप से नाले-नालियों और पूरे इलाके की सफाई करवाए और कूड़ा उठवाए। विकास कार्यों के साथ औद्योगिक क्षेत्र की चमक बढ़े तो यहां बाहर के कारोबारी आकर्षित हो और कारोबार का दिनों-दिन गिरता ग्राफ भी बढ़े। साईपुरम औद्योगिक क्षेत्र में बड़़ी पूंजी निवेश कर औद्योगिक इकाईयां चलाकर बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने और सरकार के खजाने में करोड़ों का राजस्व देने वाले उद्यमी यहां की बदहाली को लेकर परेशान हैं। दिल्ली रोड स्थित ब्लाक मुख्यालय के सामने से जैसे ही औद्योगिक क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो एक तरफ कूड़े-करकट से अटा नाला और सड़क की दूसरी तरफ दमघोंटू गंदगी के लगे ढेर और टूटी सड़क से होकर गुजरना ही कष्ट देता है। यहां बनने वाले उत्पादों की गुणवत्ता का डंका भले ही विदेशों तक बजता हो, लेकिन बरसों से यहां उद्योग चलाने वाले टूटी सड़कों, फैक्ट्रियों तक जाने के लिए उबड़-खाबड़ रास्तों को लेकर भी परेशान हैं। औद्योगिक क्षेत्र के पानी की निकासी के लिए बनाए गए नाले का लेवल ही ठीक नहीं है। नतीजतन पानी नहीं निकल पाता है। औद्योगिक क्षेत्र में ही जलभराव हो जाता है। हल्की बारिश से ही पूरा इलाका तालाब बन जाता है। टूटी और गड्ढायुक्त सड़कों से पैदल निकलना तो दूर की बात, यहां से गाड़ियां भी नहीं निकल पाती हैं। माल लदे वाहनों को आवाजाही के लिए सावधानी बरतनी पड़ती है। आए दिन सड़कों पर दोपहिया वाहन सवार चोटिल होते रहते हैं। फैक्ट्रियों तक आने-जाने वाले बड़े ट्रक तो कहीं भी फंस जाते हैं। 50 से ज्यादा पत्र दे चुके, हालात जस के तस उद्यमी बताते हैं कि पिछले कई सालों से लगातार क्षेत्र की बदहाली को दूर करने के लिए विभिन्न स्तरों पर गुहार लगा रहे है। नगर निगम अफसरों को ही 50 से अधिक मांग पत्र दे चुके हैं। पूरे इलाके में कूड़ा-करकट और टूटी सड़कें हैं। नाले और नालियों की समस्या दूर नहीं हो पा रही। कैबिनेट मंत्री तक को समस्या बताई। उन्होंने नगरायुक्त को निर्देशित भी किया, लेकिन नगरायुक्त का तबादला हो गया था। नए नगरायुक्त को भी समस्या बताई। पिछले दिनों सीसी रोड का निर्माण हुआ, लेकिन नालों की सफाई, क्षेत्र से कूड़ा उठान और नाले के लेवल की समस्या जस की तस है। अंडरपास में भरा है पानी, वाहन निकल नहीं सकते औद्योगिक क्षेत्र से सटे सरस्वती लोक के पास रेलवे लाइन के नीचे बने अंडर पास में पानी भरा हुआ है। यहां से बड़े वाहन तो दूर दोपहिया वाहन तक नहीं निकल सकते। इस अंडरपास से होकर वाहन बिजली बंबा बाईपास पर शॉप्रिक्स मॉल के समीप निकल जाते हैं। सड़क टूटी है, आधा रास्ता कच्चा है बड़ी समस्या रास्तों को लेकर भी है। मुख्य सड़क टूटी है। रेलवे लाइन के सहारे साईपुरम और सरस्वती लोक कॉलोनी के बीच का रास्ता कच्चा और गहरे-गहरे गड्ढों वाला है। यहां से वाहनों का निकलना मुश्किल हो जाता है, कई बार वाहन गड्ढों में फंस जाते हैं, कई बार वाहन पलट भी गए। पिछले एक दशक से उद्यमी दिल्ली रोड से अंडरपास तक सड़क निर्माण की मांग कर चुके हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। साईपुरम में गल गए बिजली के पोल, हादसे की आशंका साईपुरम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के पदाधिकारी कहते हैं कि पिछले दिनों एक फैक्ट्री के पास जर्जर पोल गिरने से करंट उतरने की स्थिति बन गई थी। जर्जर पोल और तार बदले जाए। हादसे की आशंका बनी है। कई बार बिजली अफसरों को पत्र भेजा गया, लेकिन आश्वासन के बाद भी बिजली के पोल और तार नहीं बदले गए। औद्योगिक क्षेत्र के लिए स्वतंत्र फीडर होना चाहिए लेकिन वह भी नहीं है। बिजली अफसरों ने उद्यमियों को आश्वसत किया है कि औद्योगिक क्षेत्र के लिए अलग से फीडर बनाया जा रहा है। जल्द औद्योगिक क्षेत्र को स्वतंत्र फीडर से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। समस्याएं - साईपुरम औद्योगिक क्षेत्र के प्रवेश पर लगा है कूड़े का ढेर - मोहकमपुर फाटक और नूरनगर हाल्ट के बीच जलमग्न है अंडरपास - औद्योगिक क्षेत्र में बदहाल रास्ते, टूटी-गड्ढायुक्त मुख्य मार्ग की सड़क - कूड़े-करकट से अटी नलियां और नाले, रोड पर उगी झाड़ियां और घास-फूंस - सरस्वती लोक से नाले में गिरता है दूषित पानी, मारता है बैक, होता है जलभराव सुझाव - औद्योगिक क्षेत्र में नियमित तौर पर सफाई व कूड़ा उठवाया जाए - दिल्ली रोड से साईपुरम में प्रवेश के साथ लगे कूड़े के ढेर को हटवाया जाए - औद्योगिक क्षेत्र में टूटी पड़ी सड़कों का निर्माण करवाया जाए - नाले का लेवल ठीक कराया जाए ताकि पानी औद्योगिक क्षेत्र में ना भरें - अंडरपास में जलभराव की निकासी की व्यवस्था की जाए - औद्योगिक क्षेत्र का अलग फीडर बनाकर आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए उद्यमियों ने बयां किया अपना दर्द औद्योगिक क्षेत्र की मुख्य सड़क टूटी पड़ी है। गहरे-गहरे गड्ढे बन गए। अंडरपास तक अधिकांश रास्ता कच्चा है, वाहन निकल नहीं सकते। राकेश मक्कड़, महामंत्री उद्यमियों ने औद्योगिक क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों और ड्रेनेज सिस्टम समेत अन्य समस्याओं कई स्तर पर उठाई, लेकिन कहीं समाधान नहीं हो रहा। संजय गुप्ता, उपाध्यक्ष औद्योगिक क्षेत्र में नाले का पानी बैक मारता है जो इकाईयों में भर जाता है। कुछ उद्यमियों ने तो फैक्ट्रियों में शौचालय तक बंद कर दिए। सतीश चंद जैन, उद्यमी साईपुरम औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए नगर निगम और प्रशासन योजना तैयार कराकर यहां उद्यमियों को बदहाली से निजात दिलाएं। अजय कुमार आर्य, मंत्री औद्योगिक क्षेत्र की बदहाली का असर अब कारोबार पर पड़ने लगा है। बाहर से कारोबारियों ने इस क्षेत्र में आना लगभग बंद कर दिया। केवल राम बत्रा, उद्यमी सरस्वती लोक कॉलोनी के समीप बने अंडरपास से जल निकासी की व्यवस्था हो। औद्योगिक क्षेत्र में टूटी सड़कों का निर्माण हो। राजीव बत्रा, उद्यमी औद्योगिक क्षेत्र में जर्जर बिजली तारों और खंभों को बदलवाया जाए। औद्योगिक क्षेत्र के लिए अलग फीडर बनाकर आपूर्ति की जाए। अचल जैन, उद्यमी नगर निगम पर औद्योगिक क्षेत्र के विकास का जिम्मा है, लेकिन अफसर अनदेखी कर रहे है। नाले कूड़े से अटे है और सभी रास्ते टूटे हुए है। विक्की सेठी, उद्यमी औद्योगिक क्षेत्र से जल निकासी के लिए बनाया गया नाला बड़ी मुसीबत का सबब बन रहा है। नाला निर्माण में बरती गई लापरवाही में सुधार हो। आशु टोंक, उद्यमी हल्की बारिश में सड़क पर कीचड़ हो जाता है। रास्तों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों पर वाहन तो फंस ही रहे हैं, बाइक सवार फिसल रहे हैं। सोनू कुमार, उद्यमी औद्योगिक क्षेत्र में फिलहाल गांव से भी बदतर हालात है। सबसे ज्यादा जरूरत सड़क निर्माण और यहां नियमित तौर पर साफ-सफाई कराने की है। मल्लू मल जैन साईपुरम औद्योगिक क्षेत्र में कुछ बिजली लाइनों के पोल जर्जर हो गए हैं। पोल काफी हद तक गल गए हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। धर्मवीर सिंह, उद्यमी दिल्ली रोड से जैसे ही साईपुरम औद्योगिक क्षेत्र में प्रवेश करते है और नूरनगर हाल्ट से पहले अंडर पास जाए तो सड़क टूटी है। कुछ रास्ता खराब पड़ा है। रमेश चंद, उद्यमी जरा की बारिश में ही औद्योगिक क्षेत्र में जलभराव और कीचड़ के कारण पैदल चलना तो दूर की बात, यहां से गाड़ी से भी नहीं निकल सकते। सड़के टूटी है। मनोज अरोरा, उद्यमी साईपुरम औद्योगिक क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या गंदगी, टूटी सड़क, बदहाल क्षेत्र है। नगर निगम से लगातार मांग कर रहे है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। नरेश गर्ग, उद्यमी औद्योगिक क्षेत्र के हालात गांवों से भी बदतर है। यहां कुछ स्थानों पर हाल ही में बनाई सीसी रोड को छोड़ दें तो पूरे इलाका बदहाल है और सड़के टूटी हुई है। विपिन कुमार, उद्यमी
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