मेरठ : चाइना की डिवाइस लगाकर लग्जरी कारें चुराने वाला गैंग दबोचा, चार गिरफ्तार
Meerut News - मेरठ पुलिस ने जीपीएस तकनीक का उपयोग कर कार चोरी करने वाले अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया। चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और छह लग्जरी गाड़ियां बरामद की गईं। ये चोर दिल्ली-एनसीआर से...

मेरठ। मेरठ पुलिस ने लग्जरी कारों में जीपीएस लगाकर जासूसी करते हुए घर या पार्किंग तक पहुंचने और चाइना के डिवाइस पैड की मदद से कार चोरी करने वाले अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। चार बदमाशों की गिरफ्तारी करते हुए छह गाड़ियां और चाइना वाला डिवाइस पैड बरामद किया है। इस गिरोह के कुछ सदस्यों को पिछले दो महीने में मेरठ पुलिस पकड़ चुकी है। दिल्ली-एनसीआर से वाहनों की चोरी कर यह गिरोह पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आसाम, बिहार, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और जम्मू कश्मीर में सप्लाई कर देता था। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता कर बताया कि स्वॉट टीम और नौचंदी पुलिस ने आरोपियों को नौचंदी ग्राउंड के पास शुक्रवार देररात पकड़ा। बताया दिल्ली-एनसीआर में वाहन चोरों का गिरोह सक्रिय है, जो हाईटेक है। इस गिरोह ने चीन से कई डिवाइस पैड (एसीएम) मंगवाए हैं। एक डिवाइस पैड की कीमत करीब दो से तीन लाख रुपये होती है। आमतौर पर यह डिवाइस पैड कार कंपनियों के इंजीनियरों के पास होती है और कार में किसी गड़बड़ी होने पर इससे पूरा सिस्टम रि-सेट करते हैं।
वाहन चोरों का यह गिरोह किसी भी लग्जरी कार को चिन्हित कर उसमें अपना जीपीएस छिपा देता और इस कार का पीछा करता है। मौका पाकर इस वाहन का शीशा तोड़कर अंदर कार के सिस्टम में इस डिवाइस पैड को जोड़ दिया जाता है। डिवाइस पैड की मदद से कार का पूरा सिस्टम 10 मिनट में रि-सेट हो जाता है और कार को स्टार्ट कर चोरी कर लिया जाता है। इसके बाद यह गिरोह दिल्ली से बिना टोल वाले रास्ते से होकर मेरठ आता है। यहां वाहनों के नकली कागजात और नकली नंबर प्लेट बनवाई जाती है। बाद में एक्सप्रेस वे या हाईवे से होकर सीधे राज्य से बाहर निकल जाते हैं।
सोतीगंज बंद हुआ तो मेरठ के उजैर ने बनाया गैंग
मेरठ के पटेलनगर निवासी उजैर ने बेंगलुरू के बप्पा गोस्वामी और जलपाईगुड़ी के राजन के साथ मिलकर वाहनों की चोरी का काम शुरू किया। सोतीगंज का वाहन कमेला बंद होने के बाद यह गिरोह बनाया। उजैर नकली नंबर प्लेट और नकली कागज मेरठ में वाहनों के लिए देता है। इस गिरोह में नौ टीम काम करती हैं। पहली टीम जीपीएस लगाकर कारों की रेकी करती है, जबकि दूसरी टीम वाहन चोरी करती है। तीसरी टीम वाहनों को मेरठ या मुजफ्फरनगर लाकर छिपाती है। चौथी टीम इन वाहनों के फर्जी नंबर प्लेट और कागज बनाती है। पांचवीं टीम इन वाहनों को दूसरे राज्यों में भेजती है। वहां अलग टीम काम करती है और वाहनों के दूसरे कागजात बनाए जाते हैं। पुलिस को उजैर, बप्पा गोस्वामी और विनय मित्तल समेत छह आरोपियों की तलाश है।
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यह किया बरामद
आरोपियों से एक फॉरच्यूनर, एक थार, एक इनोवा, दो ब्रेजा, एक बोलेनो समेत छह कार बरामद की गई। थार गाड़ी विवेक विहार दिल्ली से चोरी की गई थी। दो ब्रेजा कार नोएडा डब्लू ब्लॉक प्रियदर्शनी पार्क नोएडा और दूसरी रोहिणी दिल्ली से चोरी की थी। बोलेनो कार सेक्टर-82 गुरुग्राम से चोरी की थी।
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10 से 15 लाख में फॉरच्यूनर, 7 लाख में थार
पूछताछ में खुलासा हुआ 10 से 15 लाख में फॉरच्यूनर को बेचते थे, जबकि 10 से 12 लाख में इनावो को बेच देते थे। थार को सात से नौ लाख रुपये में बेचते थे।
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इनकी हुई गिरफ्तारी
1. बिलाल उर्फ मंकी निवासी खैरनगर, मेरठ
2. इस्तियाक उर्फ सुक्का जाहिदपुर, मेरठ।
3. तुषार निवासी सिंघावली अहीर बागपत।
4. जफर निवासी कबाड़ी बाजार, मेरठ।
इनकी तलाश
1. फरमान निवासी लिसाड़ी गेट
2. उजैर निवासी पटेलनगर, देहली गेट
3. शिवनाथ उर्फ सोनू निवासी किनौनी रोहटा
4. वसीम उर्फ गुड्डू निवासी सोतीगंज
5. विनय मित्तल निवासी दिल्ली
6. बप्पा गोस्वामी निवासी बेंगलुरू
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