दूसरों का शोषण करने से कभी अपना भविष्य नहीं सुधर सकता : आचार्य
Meerut News - सरधना के चौक बाजार स्थित जैन बड़े मंदिर में संत आचार्य विमर्श सागर महामुनिराज ने भक्तों को प्रवचन दिए। उन्होंने बताया कि भविष्य को सुंदर बनाने के लिए ज्योतिष पर निर्भर नहीं होना चाहिए। सच्ची उन्नति के...

सरधना। चौक बाजार स्थित जैन बड़े मंदिर में शनिवार को संत आचार्य विमर्श सागर महामुनिराज ने भक्तों के समक्ष प्रवचन किए। उन्होंने कहा कि आज हम अपने भविष्य के लिए चिंतित है। अपने भविष्य को सुंदर बनाने के लिए व्यक्ति ज्योतिष व हस्तरेखा विशेषज्ञ आदि के दरवाजे खटखटाता रहता है किंतु कोई ज्योतिष या फिर वास्तुशास्त्री आपके जीवन को परिवर्तित नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि दूसरों के शोषण से कभी भविष्य नहीं सुधर सकता है। यदि आप अपने दोनों हाथों की दस अंगुलियाों के 24 पौरों में 24 तीर्थंकरों की स्थापना करके उनके दर्शन करते हैं। ऐसे में हस्तरेखाएं स्वयं ही बदल जाएंगी और भविष्य स्वयंमेव ही सुंदर होने लग जाएगा।
बताया कि एक महिला अपने बेटे को साथ लेकर आई और बोली कि आशीर्वाद दे दीजिए ताकि सदैव उन्नति करते रहे। जब महिला ने निरंतर मंदिर नहीं आने की बात कही इस पर संत आचार्य ने बताया कि जिस उन्नति में भगवान जिनेंद्र के दर्शन कभी न हो वह उन्नति भी अवनति ही है। इस पर महिला और उसके बेटे ने प्रतिदिन मंदिर जाने का संकल्प ले लिया। वहीं, सुबह के समय सरधना विधायक अतुल प्रधान ने संत आचार्य विमर्श सागर महामुनिराज से आशीर्वाद लिया।
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