ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रांसफर नीति के फेर में फंसे सैकड़ों शिक्षक
Meerut News - मेरठ में, उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को स्थानांतरण प्रक्रिया में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रांसफर नीति के बीच फंसे शिक्षकों ने जेडी और डीआईओएस...

मेरठ। उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग में कार्यरत सैकड़ों शिक्षकों को स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर असमंजस और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रांसफर नीति के बीच फंसे तमाम शिक्षक अपनी समस्याओं को लेकर बुधवार को जेडी और डीआईओएस कार्यालय पहुंचे, लेकिन उन्हें वहां से कोई समाधान नहीं मिल पाया। बुधवार को जेडी कार्यालय में मिले लगभग 26 से अधिक शिक्षकों ने कहा कि आदेशों की अस्पष्टता से परेशानी आ रही है। बनारस मंडल, देवरिया, सिद्धार्थनगर, गाजियाबाद समेत विभिन्न जिलों से पहुंचे शिक्षकों का कहना है कि प्रबंध समितियों द्वारा पहले ही ऑफ-लाइन एनओसी जारी कर दी गई थी व ऑनलाइन पोर्टल पर संबंधित पदों के लिए (नहीं) का विकल्प लॉक कर दिया गया है।
इससे उन पदों पर ऑनलाइन आवेदन ही नहीं किया जा सकता है। वहीं, कई शिक्षकों की ऑफ-लाइन फाइलें अभी तक कार्यालयों में हैं और वह निदेशालय ही नही पहुंची। छुट्टियों और तकनीकी बाधाओं ने अटकाई प्रक्रिया शिक्षकों ने बताया कि 6 जून तक संबंधित विद्यालयों से सभी दस्तावेज पूरे कर दिए गए थे, लेकिन 7 और 8 जून की छुट्टियों के चलते फाइलें आगे नहीं बढ़ सकीं। इस दौरान 7 जून को ऑनलाइन ट्रांसफर का आदेश जारी हो गया, जिससे ऑफ-लाइन प्रक्रिया पूरी तरह अटक गई। अधिकारियों का रवैया भी उदासीन शिक्षकों का आरोप है कि जेडी और डीआईओएस कार्यालयों में उनकी बात सुनी ही नहीं गई। अधिकारी केवल शासनादेशों का हवाला देकर शिक्षकों को वापस भेज रहे हैं। इससे नाराज शिक्षकों ने इस व्यवस्था को अव्यवहारिक और अन्यायपूर्ण बताया है। वहीं जेडी ओंकार शुक्ल का कहना है कि आदेश के अनुसार ही कार्य होगा। आगे आदेश में कोई बदलाव होगा, तो उसी के अनुसार कार्य करेंगे। वहीं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. उमेश त्यागी का कहना है कि ऑनलाइन ट्रांसफर प्रणाली पहले भी विवादों में रही है। एडेड स्कूलों में अलग-अलग प्रबंध समितियां होती हैं, जिनकी सहमति बिना ऑनलाइन प्रक्रिया व्यावहारिक नहीं है। ऐसे में ऑफलाइन प्रणाली अधिक पारदर्शी और सरल साबित होती है। यह हैं शिक्षकों की मांग - ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों प्रक्रियाओं में समानता लाई जाए। - लंबित ऑफलाइन फाइलों को तत्काल निदेशालय भेजा जाए। - संशोधित आदेश जारी कर स्थिति स्पष्ट की जाए। - जिन पदों पर ऑफलाइन एनओसी है, वहां ऑनलाइन विकल्प बंद होने के बावजूद ट्रांसफर की अनुमति दी जाए और विकल्प खोला जाए।
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