तेंदुए से बचने के लिए ग्रामीणों को बताए उपाय
Moradabad News - मुरादाबाद में तेंदुओं के हमलों के कारण चार गांवों में पिंजरे लगाए गए हैं। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, जिससे वे अपने खेतों पर काम करने से भी डर रहे हैं। वन विभाग ने सुरक्षा के लिए टीम तैनात की है...

मुरादाबाद। ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुओं के हमलों के कारण चार गांवों में पिंजरा लगा हुआ है। बीरूवाला गांव से मूवमेंट सामने नहीं आने के बाद अब सिरसा ठाठ गांव में पिंजरा लगाया गया है। साथ ही अन्य गांवों में भी टीम मूवमेंट के आधार पर पिंजरा लगाने की कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। तेंदुओं के सक्रिय होने से ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। लगातार तेंदुए हमलावर हो रहे हैं। दस दिन के अंदर चार से अधिक हमलों के बाद ग्रामीणों ने घरों से बाहर निकलना भी बंद कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुओं के हमलों से दहशत में आने के बाद ग्रामीण खेतों पर काम करने में भी घबरा रहे हैं। उनके खेतों में गेहूं की फसल लहरा रही है, जिसे काटा नहीं गया तो सारी मेहनत भी खराब हो जाएगी। ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने अपनी टीम को गांवों में तैनात किया है। तेंदुओं को पकड़ने के लिए वन विभाग ने भी जगह-जगह पिंजरे लगाए हैं। अभी कल्याणपुर, मोढ़ा तईया, ऊमरी कस्बा और सिरसा ठाठ गांव में पिंजरा लगा है। इसके अलावा वन विभाग की टीम लगातार ग्रामीणों को जागरूक भी कर रही है।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जिले में घने जंगल नहीं है, तेंदुओं ने गन्ने के खेतों को ही अपना घर बना लिया है। मुरादाबाद में जो तेंदुए हैं, वे पीलीभीत क्षेत्र के हैं। लगभग चालीस वर्ष पूर्व तेंदुए मुरादाबाद आए थे। जिसके बाद से तेंदुओं ने गन्ने के खेतों को ही अपना घर बना लिया। तेंदुओं की लगभग चार पीढ़ियों ने गन्ने के खेत में ही जन्म लिया है। जिसके बाद से उन्हें ये क्षेत्र रास आने लगा। रेस्क्यू के बाद जब तेंदुओं को वन्य क्षेत्र में छोड़ा जाता है, तो वे दोबारा यहीं लौट आते हैं। जंगल में छोड़ने पर गन्ने के खेत में जन्मे तेंदुए वन्य क्षेत्र वाले तेंदुओं के साथ तालमेल भी नहीं बैठा पाते हैं।
मुरादाबाद और आसपास के क्षेत्र के जो तेंदुए हैं, उन्होंने गन्ने के खेत में ही जन्म लिया है। लगभग चार पीढ़ियों से यह गन्ने के खेत में ही रह रहे हैं। अभी गन्ने की फसल कट गई है, जिससे उनके रहने का ठिकाना खत्म हो गया है। इसलिए उनका मनुष्यों से आमना-सामना हो रहा है।
-रमेश चंद्र, वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय निदेशक मुरादाबाद मंडल।
:: तेंदुए से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय
- खेतों पर काम करने के लिए समूह में जाएं
- काम करते समय मोबाइल या रेडियो के माध्यम से ध्वनि का प्रसारण करें
- अगर बैठकर काम कर रहे हैं तो सिर पर मनुष्य के चेहरे वाला मुखौटा लगाएं
- बैठकर काम करने से बचना चाहिए
- बैठकर काम कर रहे हैं तो बीच-बीच में खड़े होते रहें
- घर के आसपास प्रकाश रखना चाहिए
-सूर्यास्त के बाद घर से बाहर नहीं निकलें
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