आरडी के ब्याज पर टैक्स ने थामी बचत की रफ्तार
Moradabad News - मुरादाबाद में सरकारी बचत योजनाओं की उपलब्धि का नया रिकॉर्ड बनना थम गया है। पिछले सालों में बचत लक्ष्य से अधिक दर्ज की जा रही थी, लेकिन इस बार लोगों ने आरडी में निवेश कम किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25...

मुरादाबाद। सरकारी बचत योजनाओं की उपलब्धि के नए रिकॉर्ड बनने का सिलसिला थम गया है। मुरादाबाद में पांच साल के दौरान पहली बार बचत की उपलब्धि का आंकड़ा निर्धारित लक्ष्य की लगभग बराबरी पर टिक गया। कुछ साल से बचत का आंकड़ा निर्धारित लक्ष्य से काफी अधिक दर्ज किया जा रहा था। कुछ साल से मुरादाबाद में लक्ष्य की तुलना में काफी अधिक बचत दर्ज हो रही थी, हर बार बचत का नया रिकॉर्ड बन रहा था। इस रिकॉर्ड को देखते हुए अगले साल के लिए बचत का लक्ष्य बढ़ाकर दिया जा रहा था। वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकारी योजनाओं के अंतर्गत बचत का लक्ष्य 28 हजार करोड़ तय किया गया था।
काफी मशक्कत के बाद विभाग ने इस लक्ष्य को पूरा कर लिया, लेकिन, लक्ष्य की तुलना में अधिक बचत दर्ज होने का सिलसिला थम गया। बचत विभाग के मुताबिक इस बार लोगों ने आरडी में निवेश के रुझान में काफी कमी दिखाई। तीन साल पहले आरडी पर मिलने वाला ब्याज आयकर के दायरे में लाया गया था। जिसके बाद से आरडी में निवेश करने वाले लोगों की संख्या कम होना शुरू हो गई थी। इस बार बचत योजनाओं की कुल उपलब्धि में इसका ज्यादा असर दिखाई दिया। चार साल पहले दस हजार करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष बीस हजार करोड़ रुपए से अधिक की बचत दर्ज की गई थी। मुरादाबाद में बचत योजनाओं की उपलब्धि में सबसे ज्यादा 45 फीसदी हिस्सेदारी पीपीएफ की दर्ज की जा रही है। मुरादाबाद में पिछले कुछ वर्षों के दौरान पीपीएफ आदि स्कीमों में लोगों की तरफ से निवेश करने का रुझान बढ़ा हुआ देखने में आया। इसी वजह से बचत की उपलब्धि निर्धारित लक्ष्य से अधिक दर्ज की जा रही थी। वर्तमान में आरडी में निवेश का रुझान घटा है। नए टैक्स रिजीम के अधिक प्रभावी होने के चलते भी लोगों में बचत स्कीमों को लेकर उदासीनता बढ़ने लगी है। सिद्धार्थ, जिला बचत अधिकारी, मुरादाबाद
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