गांव में सड़क नहीं होने से इलाज मिलने में लग गए 5 घंटे
हल्द्वानी में एक 71 वर्षीय महिला, पुष्पा देवी, को गुलदार के हमले के बाद पांच घंटे में इलाज मिला, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने उन्हें गंभीर चोटों के बावजूद अस्पताल...

हल्द्वानी । कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी से मात्र 18 किमी दूरी पर गुलदार के हमले में घायल वृद्ध महिला को पांच घंटे बाद इलाज मिल पाया। देरी से इलाज मिलने के चलते उनकी हालत और बिगड़ गई। काफी कोशिशों के बाद भी डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। पर्वतीय इलाकों से अक्सर गंभीर मरीजों को डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) रेफर किया जाता है। आठ से दस घंटे का सफर कर मरीज एसटीएच पहुंचते हैं। कई बार मरीज रास्ते में दम तोड़ देते हैं। दूर दराज से आने वाले मरीजों की इस तरह की खबरें अक्सर देखने सुनने को मिलती है।
लेकिन हल्द्वानी से मात्र 18 किमी दूर घायल वृद्धा को इलाज मिलने में पांच घंटे लग जाना क्षेत्र की में सड़क, रोशनी व त्वरित चिकित्सा सुविधाओं की वास्तविक स्थिति को बयां करता है। मोरा गांव निवासी 71 वर्षीय पुष्पा देवी पर रात करीब 10.30 बजे गुलदार ने हमला किया। इलाके में पर्याप्त रोशनी नहीं होने के चलते पुष्पा देवी को तलाशने और अस्पताल लाने में ग्रामीणों के पसीने छूट गए। किसी तरह से ग्रामीणों ने उन्हें तलाशा। गले, पेट व पैर में गंभीर घाव होने से पुष्पा देवी का खून काफी बह गया था, जिसकी वजह से वह बोलने की स्थिति में नहीं थीं। स्थानीय निवासी उमेश जीना ने बताया कि सड़क नहीं होने और पुष्पा देवी की गंभीर हालत के कारण उन्हें अस्पताल ले जाना चुनौतीपूर्ण था। ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि पुष्पा देवी को कुर्सी में बांधकर कंधों पर मुख्य मार्ग तक ले जाया जाए। रात के अंधेरे में ग्रामीण उन्हें भुजियाघाट मुख्य मार्ग तक ले गए, जहां से 108 स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से सुबह 4:15 बजे उन्हें एसटीएच पहुंचाया जा सका। वहीं राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि पुष्पा देवी काफी गंभीर हालत में एसटीएच की इमरजेंसी में पहुंची थीं। उनके शरीर से काफी खून बह चुका था और ब्लडप्रेशर काफी कम था। उनका तुरंत इलाज शुरू किया गया, मगर सुबह करीब 7. 51 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों का कहना कि समय से इलाज मिल गया होता तो पुष्पा देवी को बचाया जा सकता था। गूगल के मुताबिक 55 मिनट का है रास्ता गूगल में एसटीएच व भुजिया घाट की दूरी पता करेंगे तो वह 14.8 किमी बताता है। गूगल के अनुसार ही इस दूरी को नैनीताल रोड के जरिए तय करने में 55 मिनट का समय लगना चाहिए। पुष्पा देवी जहां रहती हैं वह गांव से भुजियाघाट से करीब 3.5 किमी दूरी पर है। भुजियाघाट व पुष्पादेवी के घर की दूरी जोड़ लें तो यह लगभग 18 किमी बनती है। इस दूरी को तय करने में करीब 5 घंटे लगना यहां की सड़कों की हालत को दर्शाता है। पंखे के लिए नहीं थे पैसे, इसलिए दरवाजे खुले रखे पुष्पा देवी का परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर है। स्थानीय लोगों के मुताबिक उनके पास पंखा खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे, जिसके चलते वह गर्मी से बचने के लिए कमरे के दरवाजे खोल के सोई थीं। दरवाजा खुला देख कर गुलदार ने हमला किया जिसमें पुष्पा देवी की जान चली गई। जाम में फंसी शवयात्रा पुष्पा देवी का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को करीब 2.30 बजे मिला। इसके बाद उनके शव को परिजन घर ले गए, जहां पर क्रिया कर्म किया गया। परिजन जब शव को दाह संस्कार के लिए चित्रशिला घाट ले जाने के लिए निकले तो शवयात्रा भुजियाघाट पर ही जाम में फंस गई। शवयात्रा में शामिल लोगों ने बताया कि भुजियाघाट से चित्रशिला घाट पहुंचने में अधिकतम 15-20 मिनट लगते हैं जबकि वह करीब डेढ़ घंटे में चित्रशिला घाट पहुंचे।
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