mujhe ghomna pasand lekin parents bahar nahin jane dete Varanasi gang rape victim s friend has now revealed many secrets मुझे घूमना पसंद लेकिन पैरेंट्स बाहर नहीं जाने देते, वाराणसी गैंगरेप पीड़िता की दोस्त ने ही अब खोले कई राज, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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मुझे घूमना पसंद लेकिन पैरेंट्स बाहर नहीं जाने देते, वाराणसी गैंगरेप पीड़िता की दोस्त ने ही अब खोले कई राज

वाराणसी गैंगरेप के मामले में अब पीड़िता की कटघरे में आ गई है। पहले पुलिस ने एसआईटी का गठन किया और अब पीड़िता की दोस्त सामने आई है। उसने भी पीड़िता पर ही कई आरोप लगा दिए हैं। कहा कि मैं उसकी मित्र हूं लेकिन अब मित्र कहते हुए शर्म आ रही है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानTue, 22 April 2025 07:35 PM
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मुझे घूमना पसंद लेकिन पैरेंट्स बाहर नहीं जाने देते, वाराणसी गैंगरेप पीड़िता की दोस्त ने ही अब खोले कई राज

वाराणसी गैंगरेप मामले में अब पीड़िता पर उसकी दोस्त ने कई आरोप लगा दिए हैं। उसने युवती को ही कटघरे में खड़ा किया है। दोस्त ने कहा कि पीड़िता से उसकी दोस्ती इस्टाग्राम के जरिए हुई थी। वह कहती थी कि उसे घूमना-फिरना बहुत पसंद है लेकिन उसके पैरेंट्स उसे बाहर नहीं जाने देते हैं। मेरे घर आने पर कड़ी धूप में भी वह बाहर घूमने निकल जाती थी। यहां तक कि जिस दिन अपने साथ गैंगरेप की बातें कह रही है, उसके दूसरे दिन भी झूठ बोलकर मुझे मॉल में लेकर गई थी। युवती की दोस्त ने साफ कहा कि उसके साथ कुछ नहीं हुआ है। गैंगरेप के बाद उसकी तबीयत खराब होने की बातें भी गलत हैं। वह पहले से ही बीमार रहती थी। उसने कहा कि मैं उसकी मित्र हूं लेकिन उसे अपनी मित्र कहते हुए भी शर्मा आ रही है।

19 साल की युवती ने छह दिनों तक अपने साथ गैंगरेप करने का आरोप 23 युवकों पर लगाया है। युवती का सनसनीखेज आरोप अखबारों, टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर छाया तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी दौरे पर आते ही यहां के अधिकारियों से इस बारे में जानकारी मांगी। अफसरों को कई निर्देश दिए। पीड़िता ने जिन युवकों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है मंगलवार को उनके परिजनों ने पीएम मोदी के जनसंपर्क कार्यालय पर प्रदर्शन की कोशिश की। पीड़िता पर कई आरोप लगाते हुए एसीपी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान ही पीड़िता की एक दोस्त भी आरोपियों के परिवार के साथ मौजूद रही।

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पीड़िता की दोस्त ने बताया कि इस्टाग्राम पर उसने बार-बार मुझे फालो किया। बार-बार वह घूमने की ही बातें करती थी। फिर उसने मुझसे पूछा कि कहां रहती हो। फिर मुझसे मेरा नंबर लिया। फोन पर बातें शुरू हुईं तो कहा कि मुझे घूमन-फिरना बहुत पसंद है लेकिन मेरे पैरेट्स मुझे बाहर नहीं निकलने देते हैं। मुझे डांस का बहुत शौक है।

पीड़िता ने 29 मार्च से तीन अप्रैल तक गैंगरेप का आरोप लगाया है। जबकि पीड़िता की दोस्त ने कहा कि 30 मार्च को तो वह मेरे घर आई थी। अगर उसके साथ कुछ हुआ होता तो मुझे भी बताती या अपने घर जाती। इसके अलावा दो अप्रैल को उसकी अपने एक दोस्त के साथ इस्टा पर चैट हुई तो उसमें भी उसके पूछने पर बताया था कि अपने घर पर हूं। पीड़िता के बेहोशी की हालत में मिलने की बातों से भी दोस्त ने इनकार किया। कहा कि वह बिल्कुल सही हालत में पुलिस को मिली थी। वह खाना खाकर आराम से सोई थी।

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पीडि़ता की दोस्त ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जिन युवकों पर वह आरोप लगा रही है, उनमे से किसी को नहीं जानती है। यह जरूर कहा कि उसके साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ है। अगर गलत हुआ होता तो हालत बताती। अगर उसके साथ गलत हुआ तो वह सही सलामत कैसे दिख रही थी। वह बार-बार अपने घर न जाकर पांच सौ मीटर दूर अपने दोस्त के घर क्यों जाती थी।

दोस्त ने कहा कि तीस तारीख को वह मेरे घर आई थी। उसे देखने से नहीं लग रहा था कि उसके साथ 29 को कुछ हुआ है। बार-बार मुझे कह रही थी कि मुझे कपड़े लेने हैं। मेरा नवरात्र का व्रत थी फिर भी उसके जिद करने पर हम लोग मॉल गए। वहां पर जाकर उसने कई कपड़े ट्राई किए और मेरे फोन से अपनी फोटो खीचीं। फिर बिना कपड़े लिए ही वापस जाने लगी। वह कपड़ा लेना ही नहीं चाहती थी। केवल कपड़े पहनकर अपनी फोटो खींचना चाहती थी। उसके फोटो अब भी मेरे फोन में मौजूद हैं। अब भी वह मुझे मैसेज कर रही है और अपनी वो फोटो मांग रही है।

गैंगरेप पीड़िता पर लगे आरोपों की जांच को एसआईटी बनी

दोस्त ने ही जिस तरह के आरोप आज पीड़िता पर लगाए हैं, आरोपियों के परिजनों ने भी लगा चुके हैं। पुलिस को कई वीडियो, फोटोग्राफ और कॉल रिकॉर्डिंग दिए हैं। इनमें आरोप लगाया कि पीड़िता का परिवार उन्हें ब्लैकमेल कर रहा है। गैंगरेप से नाम हटाने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं। इन्हीं आरोपों के बाद वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी पीड़िता पर लगे आरोपों की भी जांच कर रही है।