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बोले मुजफ्फरनगर : अमेरिकी टैरिफ से उद्योगों पर पड़ेगा असर

  • Muzaffar-nagar News - अमेरिका द्वारा भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने का असर जनपद में भी देखने को मिल रहा है। शेयर मार्केट से जुड़े स्थानीय निवेशकों को अमेरिकी टैरिफ लगने के पहले ही दिन करीब 50 करोड़ का नुकसान होना बताया जा रहा है।

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फर नगरSun, 6 April 2025 06:34 PM
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बोले मुजफ्फरनगर : अमेरिकी टैरिफ से उद्योगों पर पड़ेगा असर

अमेरिका द्वारा भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने का असर जनपद में भी देखने को मिल रहा है। शेयर मार्केट से जुड़े स्थानीय निवेशकों को अमेरिकी टैरिफ लगने के पहले ही दिन करीब 50 करोड़ का नुकसान होना बताया जा रहा है। ज्वैलरी व पेपर उद्योग को इससे नुकसान होने व आईटी सेक्टर में मंदी आने से युवाओं की नौकरी जाने की आशंकाएं जताई जा रही हैं। वहीं, इससे कपड़ा उद्योग के रफ्तार पकड़ने की भी उम्मीदें जताई जा रहीं हैं। जिले के उद्योगपतियों ने भारत सरकार से अमेरिकी समकक्षों से द्विपक्षीय वार्ता कर इस मसले का हल निकाले जाने के साथ ही बैंकों द्वारा उद्योगपतियों को दिए गए ऋण के रेट ऑफ इंट्रेस्ट में कमी किए जाने की मांग की है।

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टैरिफ का खेल, जिले में भी पड़ेगा असर

मुजफ्फरनगर। अमेरिकी सरकार ने बृहस्पतिवार को भारत समेत दुनिया भर के 180 देशों से अपने यहां होने वाले आयात पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसी क्रम में भारत पर भी 26 प्रतिशत का टैरिफ लगाए जाने की घोषणा की गई है, जिसका देश के आभूषण व स्टोन्स, दवाईयां, आईटी सेक्टर व पेपर उद्योग पर व्यापक असर पड़ेगा, वहीं जिले में भी इसका प्रभाव पड़ना तय माना जा रहा है। अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाने की घोषणा किए जाने के बाद जहां शेयर मार्केट, आभूषण, आईटी सेक्टर व पेपर उद्योग के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है, वहीं कपड़ा उद्योग के टैरिफ लगने के बाद रफ्तार पकड़ने की संभावनाएं भी जताई जा रहीं हैं। जानकारों की मानें तो एक ओर जहां अमेरिकी टैरिफ लगने के बाद जिले के निवेशकों को शेयर बाजार में पहले ही दिन करीब 50 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है, वहीं इससे ज्वैलरी के साथ ही कुछ दवाइयां भी महंगी होने की आशंका जताई जा रही हैं। इसके साथ ही आईटी सेक्टर को अमेरिकी टैरिफ से नुकसान होने से इसमें मंदी आने और इससे युवाओं की नौकरी जाने का खतरा जताया जा रहा है। इसके साथ ही अमेरिकी टैरिफ से कपड़े का एक्सपोर्ट बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है, जिसका मिला-जुला असर पेपर इंडस्ट्री में भी देखने को मिल सकता है। दैनिक हिन्दुस्तान ने इस मुद्दे को लेकर जिले के उद्योगपतियों से वार्ता की, जिन्होंने भारत सरकार से अमेरिकी अधिकारियों से द्विपक्षीय वार्ता कर इसका समाधान निकाले जाने के साथ ही बैंक ऋण के रेट ऑफ इंट्रेस्ट में कमी किए जाने की मांग की है।

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उद्योगपति व कारोबारियों की चिंताएं---

- अमेरिकी टैरिफ लगाए जाने से देश के आईटी सेक्टर पर सबसे अधिक विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इससे आईटी सेक्टर में मंदी देखने को मिलेगी, जिसके फलस्वरूप कंपनियां छंटनी करेंगी और युवाओं की नौकरी जाने का खतरा बढ़ेगा। अमेरिका में भारतीय सामान महंगा होगा, जिससे वहां कंपीटिशन बढ़ेगा और भारतीय कारोबार प्रभावित होगा।

कृष्णगोपाल मित्तल, प्रदेश उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन

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- अमेरिकी टैरिफ बढ़ने से शेयर मार्केट प्रभावित हुआ है। जिले में करीब 50 हजार लोग शेयर मार्केट में निवेश करते हैं, जिनके मार्केट में करीब एक हजार करोड़ रुपये लगे हुए हैं। अमेरिकी टैरिफ लगने के बाद पहले ही दिन निफ्टी तीन प्रतिशत तक टूटा है, जिससे स्थानीय निवेशकों को करीब 50 करोड़ का नुकसान हुआ है।

संजीव अग्रवाल, शेयर मार्केट विशेषज्ञ

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- जनपद में प्रतिदिन करीब आठ करोड़ रुपये का दवाईयों का कारोबार होता है, जिसमें करीब डेढ़ करोड़ रुपये की दवाईयां एक्सपोर्ट की जाती हैं। इसमें 25 प्रतिशत दवाईयां आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक होती हैं। अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने से दवा कंपनियों पर तो असर नहीं पड़ेगा, लेकिन आम जनता के लिए दवाइयों के दाम बढ़ जाएंगे।

प्रमोद मित्तल, चेयरमैन, मुजफ्फरनगर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

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- जनपद में कुल 26 पेपर मिल हैं, जिनमें से कुछ मिल पेपर एक्सपोर्ट करती हैं। अमेरिकी टैरिफ लगने से इस एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा, जिससे जीडीपी ग्रोथ भी डाउन आएगी। भारत सरकार को अमेरिकी समकक्षों से द्विपक्षीय वार्ता कर इस मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए। वहीं, बैंकों को ऋण के रेट ऑफ इंट्रेस्ट को कम करना चाहिए।

अभिषेक अग्रवाल, सचिव, फेडरेशन ऑफ मुजफ्फरनगर कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज

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- अमेरिकी टैरिफ लगने से रत्न व आभूषण उद्योग काफी प्रभावित होगा, जिससे इनकी बिक्री पर असर पड़ेगा। डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू कम होगी, जिससे अमेरिका से होने वाला आयात भी प्रभावित होगा। भारत सरकार को अमेरिकी सरकार से इस मुद्दे पर गंभीरता से वार्ता कर इसका समाधान निकालना चाहिए।

भूपेंद्र गोयल, कारोबारी

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- अमेरिकी टैरिफ लगने से भारतीय निर्यातकों को काफी नुकसान होगा, जिसका हर व्यक्ति पर प्रभाव पड़ना तय है। आईटी सेक्टर में नुकसान होने से मंदी आएगी। इससे छोटी कंपनियां छंटनी करने के प्रयास करेंगी, जिससे युवा बेरोजगार होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटलाइजेशन के प्रयासों को भी करारा झटका लगना तय है।

विजय प्रताप सिंह, सुपर मार्केट कारोबारी

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- अमेरिकी टैरिफ लगने से भारतीय निर्यात में कमी आएगी, जिससे आईटी व जॉब सेक्टर में मंदी आएगी और युवाओं के बेरोजगार होने का खतरा उत्पन्न होगा। निर्यात घटने के साथ ही अमेरिका से आयात पर भी असर पड़ेगा, जिससे भारतीय बाजार में भी मंदी देखने को मिलेगी और आम जनता इससे सीधे प्रभावित होगी।

राकेश त्यागी, कारोबारी व जिलाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन

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- भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी टैरिफ लगने से नुकसान उठाना पड़ेगा, जिसका सीधा असर पैकेजिंग उद्योग पर भी पड़ेगा। वहीं, पेपर इंडस्ट्री भी इससे प्रभावित होगी, जिससे कारोबार में मंदी आने की आशंका रहेगी और युवाओं के रोजगार पर भी इसका व्यापक रूप से असर देखने को मिलेगा।

मुकेश गुप्ता, पैकेजिंग कारोबारी

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- अमेरिका द्वारा जैम्स-स्टोन्स व ज्वैलरी के निर्यात पर भी टैक्स लगाया गया है, जिससे इनका एक्सपोर्ट सबसे अधिक प्रभावित होगा। यही नहीं, अमेरिकी बाजार में इससे कारोबारी प्रतिद्वंदिता बढ़ेगी, जिससे एक्सपोर्ट कर रही भारतीय कंपनियों की मुश्किलों में इजाफा होगा। स्थानीय ज्वैलरी बाजार में भी इससे तेजी आएगी।

सुनील तायल, ज्वैलरी कारोबारी

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- अमेरिकी टैरिफ लगने से कपड़ा कारोबार में तेजी आ सकती है, क्योकि अमेरिका में कपड़े का एक्सपोर्ट करने वाले अन्य देशों पर भारत से अधिक टैरिफ लगाया गया है। इससे भारतीय के कपड़ा निर्यातकों को काफी लाभ हो सकता है। अगले कुछ दिनों में यह स्थिति साफ होगी, जिसके बाद इसका विस्तृत आंकलन किया जाएगा।

गगन गोयल, कपड़ा कारोबारी

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- अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर टैरिफ लगाए जाने का सबसे अधिक असर ज्वैलरी उद्योग पर पड़ेगा। पहले स्टोन्स व ज्वैलरी पर शून्य शुल्क था, जो अब सीधे 26 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे अमेरिका में भारतीय निर्यातकों के साथ कंपीटिशन बढ़ेगा, जिसका सीधा असर भारत के ज्वैलरी कारोबार पर पड़ेगा।

मीशा अग्रवाल, ज्वैलरी कारोबारी

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- भारतीय निर्यात पर अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने का सीधा असर स्टोन्स-ज्वैलरी, आईटी इंडस्ट्री व पेपर आदि पर पड़ेगा। वहीं, कंबोडिया, चीन व बांग्लादेश समेत अन्य देशों पर भारत से अधिक टैरिफ लगाने से देश के कपड़ा उद्योग को लाभ मिल सकता है, जिससे पैकेजिंग इंडस्ट्री भी फायदे में आ सकती है।

पंकज अग्रवाल, पेपर मिल उद्योगपति

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- भारत पर टैरिफ लगने से शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, अगले कुछ दिनों में इसका आईटी व जॉब सेक्टर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है, जिससे मंदी आने के साथ ही नौकरियों में छंटनी की भी आशंकाएं हैं। भारत सरकार को अमेरिका के समक्ष इसे लेकर विरोध दर्ज कराना चाहिए।

सचिन गोयल, कारोबारी

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- अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने से इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ ही रत्न-आभूषण व ऑटोमोबाइल सेक्टर पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। अमेरिका में कंपीटिशन बढ़ने से भारतीय निर्यातकों के साथ ही छोटी कंपनियां भी बुरी तरह से प्रभावित होंगी। फॉर्मास्यूटिकल सेक्टर पर इसका भारत में अधिक असर पड़ने की संभावना नहीं है।

पवन गोयल, आईआईए चेयरमैन

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