Outrage in India After Brutal Terror Attack in Pahalgam बोले मुजफ्फरनगर : एक स्वर में बोला मुजफ्फरनगर, खत्म हो आतंकवाद, Muzaffar-nagar Hindi News - Hindustan
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बोले मुजफ्फरनगर : एक स्वर में बोला मुजफ्फरनगर, खत्म हो आतंकवाद

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Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फर नगरTue, 29 April 2025 01:13 AM
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बोले मुजफ्फरनगर : एक स्वर में बोला मुजफ्फरनगर, खत्म हो आतंकवाद

ये आतंक के गालों पर दिल्ली के चांटे होते, गर हमने दो के बदले में 20 शीश काटे होते। रावलपिंडी वालों को सपने में काल दिखाओ तो, भारत माता की आंखों के डोरे लाल दिखाओ तो। दिल्ली वालों ठोकर मारो दुनिया के हथकंडों पर, इजराइल से जीना सीखो अपने ही भुजदंडों पर। राष्ट्रवादी कवि हरिओम पंवार की उक्त कविता की पंक्तियां इस समय गुस्से की आग में धधक रहे हर भारतीय के होठों का तराना बनी हुई हैं। पहलगाम में गत मंगलवार को हुए वीभत्स आतंकी हमले को लेकर हर भारतीय के दिल में बदले की आग धधक रही है। गुस्साए लोग लगातार विरोध प्रदर्शन कर घटना को सहनशीलता की हदें पार करने वाला बताते हुए केंद्र सरकार से आर-पार की जंग की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की दुस्साहसिक घटना की पुनरावृत्ति न हो।

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पहलगाम आतंकी घटना

मुजफ्फरनगर। कश्मीर के पहलगाम में गत मंगलवार को परिवार के साथ घूम रहे 26 बेकसूर युवकों की उनकी पत्नी व बच्चों की आंखों के सामने गोली मारकर की गई नृशंस हत्या की वारदात ने हर नागरिक को झकझोर दिया है। आतंकी हमले को जिस तरह अंजाम दिया गया, उसे लेकर हर व्यक्ति स्तब्ध है। आतंकी घटना को लेकर बीते तीन दिन से लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुस्साए लोग लगातार विरोध प्रदर्शन करते हुए मृतकों की श्रद्धांजलि स्वरूप कैंडल मार्च भी निकालते हुए घटना को देश की अस्मिता व अखंडता पर सीधा हमला बताते हुए इसे सहनशीलता की हदें पार करने वाली वारदात बता रहे हैं। साथ ही इसे पड़ोसी देश के दुस्साहस की पराकाष्ठा बताते हुए केंद्र सरकार से इस बार आर-पार की जंग करने की भी मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की किसी भी आतंकी घटना की पुनरावृत्ति न हो सके। लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार को इस पूरे मामले की त्वरित जांच करते हुए इसके पीछे छिपे आतंकियों के आकाओं को कड़ा सबक सिखाना चाहिए। वहीं, आतंकी हमले के लिए आतंकियों के लिए लोकल सपोर्ट को भी जिम्मेदार बताते हुए आतंक पर प्रभावी अंकुश लगने तक जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को पूरी तरह से बंद रखे जाने और कश्मीर को पूरी तरह सुरक्षा एजेंसियों व सेना के सुपुर्द किए जाने की भी मांग की जा रही है।

विभिन्न संगठन व साधु-संत भी पहलगाम आतंकी हमले को लेकर उद्वेलित हैं और लगातार विरोध-प्रदर्शन कर इसे बेहद कायराना व बर्बर आतंकी हमला करार देते हुए दोषियों को जल्द उनके अंजाम तक पहुंचाए जाने की मांग कर रहे हैं। पैगाम-ए-इंसानियत संस्था के कार्यकर्ताओं ने मीनाक्षी चौक स्थित कार्यालय पर कैंडल मार्च निकालकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी, वहीं जैन समाज ने महावीर चौक पर कैंडल मार्च निकाला। बुढ़ाना क्षेत्र के गांवों में भाकियू कार्यकर्ताओं के साथ ही महिलाओं ने भी कैंडल मार्च निकाले, जबकि सपा नेताओं ने भी महावीर चौक पर विरोध प्रदर्शन करते हुए कैंडल जलाकर मृतकों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। साधु-संतों ने भी कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर आतंकियों को जल्द से जल्द उनके अंजाम तक पहुंचाने के साथ ही पड़ोसी देश को कड़ा सबक सिखाए जाने की मांग की।

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इन्होंने कहा ---

- पहलगाम में हुए आतंकी हमले में न केवल निर्दोष लोगों की जान गई है, बल्कि इससे देश की अखंडता, शांति व सुरक्षा के लिए भी खतरा उत्पन्न हुआ है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को जल्द से जल्द कड़े कदम उठाते हुए आतंकियों व उनके आकाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।

अनमोल अग्रवाल, युवा उद्यमी

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- पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। भारत को आजादी के बाद से ही पड़ोसी देश द्वारा आतंकवाद की खेती करते हुए लगातार दर्द और धोखा दिया जा रहा है। अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार व सभी देशवासी एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ कड़ी व प्रभावी कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

मनोज अरोरा, पूर्व चेयरमैन, आईआईए

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- पहलगाम में हुआ आतंकी हमला कायरतापूर्ण, अक्षम्य और घोर निंदनीय है। जिन्होंने इस दु:खद घटना में अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति देशवासियों की पूर्ण संवेदना है। केंद्र सरकार को चाहिए कि इस दुस्साहसिक घटना को पूरी गंभीरता से लेते हुए आतंकियों के आकाओं के साथ ही पड़ोसी देश के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करे।

कुलवंत सिंह, महामंत्री, विकास भवन कर्मचारी एसोसिएशन

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- पहलगाम हमला सीधे-सीधे देश की अस्मिता के साथ ही संस्कृति पर भी हमला है, जिससे पूरा देश स्तब्ध है। बिना लोकल सपोर्ट के इस तरह के हमले को अंजाम दिया जाना मुमकिन नहीं था। केंद्र सरकार को इस हमले के दोषियों समेत इसके पीछे छिपे आरोपियों को भी सामने लाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

रघुराज गर्ग, उद्यमी

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- कश्मीर के पहलगाम में परिवार के साथ घूम रहे बेकसूर लोगों की उनकी पत्नी व बच्चों के सामने की गई नृशंस हत्या दुस्साहसिक और हर व्यक्ति को झकझोरने वाली है। भारत सरकार को इस हमले के दोषियों का पता लगाकर उन्हें ऐसा सबक देना चाहिए, कि कोई भविष्य में देश की तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत न कर पाए।

विपिन गोयल, ट्रांसपोर्टर

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- पहलगांव में हुआ कायराना आतंकी हमला देश की शांति और सुरक्षा के साथ ही मानवीय मूल्यों पर भी गहरा आघात है। घटना में जिन निहत्थे व मासूम लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, पूरा देश उनके परिजनों के साथ है। पूरा देश एकजुट होकर आतंक के विरुद्ध खड़ा है और जल्द ही इसके पीछे छिपे आकाओं को कड़ी सजा दी जाएगी।

अनुज स्वरूप बंसल, युवा उद्यमी

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- पहलगाम आतंकी हमला देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती के साथ ही हमारे समाज और मानवीय मूल्यों पर भी सीधा हमला है। इस तरह के आतंकी हमलों में न केवल निर्दोष लोगों की जान जाती है, बल्कि आम नागरिकों में भी भय और असुरक्षा की भावना पैदा होती है। यही नहीं, ऐसी घटनाओं से सुरक्षाबलों का मनोबल गिराने की भी कोशिश की जाती है। केंद्र सरकार को सेना व सुरक्षा एजेंसियों को पूरा समर्थन देना चाहिए ताकि वे आतंक के आकाओं को सटीक और प्रभावी जवाब दे सकें।

डॉ विवेक कुमार

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- पहलगाम में जो बेकसूर कलमा नहीं पढ़ पाए, उसे आतंकियों ने मार डाला। यह वारदात न केवल झकझोरने वाली है, बल्कि देश के खिलाफ एक तरह से सीधे युद्ध की चेतावनी भी देती है। केंद्र सरकार को इस बार आतंकियों के साथ ही इसके पीछे छिपे आकाओं को भी पहचान कर उन्हें ऐसा सबक सिखाना चाहिए, ताकि वे भविष्य में ऐसा करने की सोच भी न सकें।

मनोज सेठी

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पहलगाम में हुए हादसे में 27 निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हुए हैं। भारत सरकार ने इस दुखद हादसे के बाद तुरंत कार्रवाई की, परंतु अभी और कड़ी कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। इसके लिए सरकार को सुरक्षा के लिए कड़े और मजबूत कदम उठाने होंगे।

पवन कुमार गोयल, चेयरमैन इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

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- पहलगाम आतंकी हमला सीधे-सीधे देश की अस्मिता व अखंडता पर हमला है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। इस स्तब्धकारी घटना ने देशवासियों के समक्ष ऐसे सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनके जवाब देश को जल्द ही खोजने होंगे और उन पर अमल करना होगा। केंद्र सरकार को आतंकियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना करने से पहले वे हजार बार सोचें।

बिजेंद्र गोयल, व्यापारी नेता

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- पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोरकर रख दिया है, जिससे मन अत्यंत दुखी है। जिस तरह पर्यटकों की उनके परिवार के सामने गोली मारकर हत्या की गई, वह स्तब्ध करने वाला है। पूरा देश इस समय केंद्र सरकार के साथ खड़ा है, जिन्हें इस वारदात की जांच कर आतंकी सरगनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उन्हें सबक सिखाना चाहिए।

अंजू अग्रवाल, पूर्व चेयरपर्सन, नगरपालिका

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- कश्मीर में हुए आतंकी हमले में कहीं न कहीं आतंकियों को लोकल सपोर्ट मिला है, जिसके बिना ऐसा वीभत्स हमला संभव ही नहीं था। केंद्र सरकार व सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही सेना को भी इसके पीछे छिपे कारणों की जांच कर आतंकियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए,जो एक मिसाल बने। वहीं, कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था ओर कड़ी की जानी चाहिए।

शोभित पाल

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- पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सीधे तौर पर देश की संस्कृति पर कुठाराघात है। केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इसकी तह में जाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही आतंक का पोषण करने वाले पड़ोसी देश के खिलाफ भी कड़े कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।

पंडित ध्यानचंद कुश

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- पहलगाम में बेकसूर लोगों पर उनके परिवार के सामने हुआ हमला घृणित और कायरतापूर्ण है। हिंदुओं को टारगेट करते हुए किए गए हमले से देशवासी स्तब्ध हैं। केंद्र सरकार को इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाले आतंकवादी संगठनों के साथ ही पड़ोसी देश के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करते हुए इन्हें दंडित करना चाहिए।

शरद कुमार बाजपेई

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- पहलगांव घटना निंदनीय है, जिसे अंजाम देने वाले आतंकियों को ऐसी सार्वजनिक सजा मिले जो भविष्य के लिए मिसाल बने। यह वीभत्स घटना बिना लोकल सपोर्ट के संभव नहीं थी, वहीं, पिकनिक स्पॉट पर कोई सुरक्षा या पुलिस तैनात नहीं होना सरकार के लिए भी फेलियर है। अब केंद्र सरकार को पीओके पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कश्मीर में टूरिज्म को तब तक बंद रखना चाहिए, जब तक आतंकियों को ऐसा सबक न सिखा दिया जाए कि वे भविष्य में ऐसा करना तो दूर, सोच भी न सकें।

राहुल चौधरी, अध्यक्ष उत्तरर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ

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- पहलगाम में हुए आतंकी घटना के पीछे छिपे आतंकवादी संगठन और इससे जुड़े लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। किसी भी स्थिति में ऐसे लोगों को बक्शा नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इस घटना से पूरे देश को गंभीर आघात पहुंचा है। केंद्र सरकार को आतंकवाद को पोषित करने वाले पड़ोसी देश को भी मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए।

डॉक्टर राजीव कुमार

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- पहलगाम में हुआ आतंकी हमला स्तब्ध करने वाला है। जिस तरह लोगों को उनके परिवार के सामने नाम पूछकर गोली मारी गई, यह विस्मयकारी है। केंद्र सरकार को भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आतंकी आकाओं व पड़ोसी देश के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि मृतकों के परिजनों को संतुष्टि का अहसास हो सके।

डॉ सीमा जैन, प्राचार्या, जैन कन्या पाठशाला डिग्री कॉलेज

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- कश्मीर में जिस तरह से इस आतंकी घटना को अंजाम दिया गया है, वह स्तब्ध करने वाला है। किसी व्यक्ति को उसकी पत्नी या बच्चे के सामने गोली मारकर उसकी हत्या कर देना बेहद मार्मिक है। केंद्र सरकार को इस हमले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो सके।

…डॉ संगीता चौधरी, प्राचार्या, ताराचंद वैदिक पुत्री डिग्री कॉलेज

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- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बेकसूर लोगों पर उनके परिवार के सामने हुआ हमला घृणित और कायरतापूर्ण है। हिंदुओं को टारगेट करते हुए किए गए हमले से देशवासी स्तब्ध हैं। केंद्र सरकार को इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाले आतंकवादी संगठनों के साथ ही आतंकवाद को पोषित करने वाले पड़ोसी देश के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

मधु बंशीवाल

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- पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सीधे-सीधे देश की अस्मिता व अखंडता पर हमला है, जिसमें लोगों को उनके परिजनों के सामने धर्म पूछकर गोली मारी गई। इस स्तब्धकारी घटना की जांच कर केंद्र सरकार को आतंकियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना करने से पहले आतंकी व उनके संगठन हजार बार सोचें।

स्वाति चौधरी

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