ऑनलाइन ऑर्डर लेकर की जा रही थी अवैध हथियारों की सप्लाई
Muzaffar-nagar News - ऑनलाइन ऑर्डर लेकर की जा रही थी अवैध हथियारों की सप्लाई
शहर कोतवाली पुलिस व क्राइम ब्रांच ने अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले सात तस्करों को बडकली मोड़ से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह इंस्टाग्राम पर बाबा गिरोह के नाम से प्रोफाइल बनाकर अवैध हथियारों का ऑनलाइन ऑर्डर लेता था। पुलिस ने गिरफ्तार तस्करों से 3 अवैध पस्टिल, 4 तमंचे, 7 मोबाइल व एक बाइक बरामद की है। गैंग में शामिल गिरोह का सरगना गैंगस्टर रहे विक्की त्यागी का बेटा फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता करते हुए एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि शहर कोतवाली पुलिस व क्राइम ब्रांच ने बडकली फाटक से बहेडी की तरफ जाने वाले रास्ते से अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले सात तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मौके से शुभम गिरी निवासी गांव काकडा थाना शाहपुर, उज्जवल त्यागी निवासी इंद्रा कालोनी थाना सिविल लाइन, अंकुर त्यागी निवासी रामपुरी, शहर कोतवाली, विवांक पाल निवासी फ्रेंडस कालोनी, ऋतिक निवासी गांव काकडा थाना शाहपुर, तुषार वर्मा निवासी सर्राफा बाजार शहर कोतवाली व वंश वर्मा निवासी रामपुरी शहर कोतवाली को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गिरफ्तार तस्करों से 3 अवैध पस्टिल, 4 अवैध तमंचे, 7 मोबाइल, एक बाइक बरामद की है। गैंग का सरगना वक्किी त्यागी का बेटा रक्षित त्यागी निवासी गांव पावटी थाना चरथावल फरार है। फरार आरोपी की तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई है।
--ऑनलाइन लेते थे अवैध हथियारों के ऑर्डर
एसपी सिटी ने बताया कि इस गैंग के सदस्यों ने इंस्टाग्राम पर बाबा गिरोह के नाम से प्रोफाइल बना रखी थी जिस पर अवैध पिस्टल का फोटो भी लगा रखा है। काफी लोग इस ग्रुप को फॉलो भी कर रहे थे। और इसी के आधार पर आनलाइन ऑर्डर लेकर अवैध हथियारों की बुकिंग ली जाती थी। उसके बाद बताए गए स्थान पर अवैध हथियारो की डिलीवरी दी जाती थी। पूरे गैंग को विक्की त्यागी का बेटा रक्षित ऑपरेट कर रहा था। इस गैंग का ठिकाना देहरादून में है।
-- 50 से 60 हजार रुपये में बेचते थे पिस्टल
पकड़े गए तस्करों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि अवैध पिस्टल को 50 से 60 हजार रुपये में बेचा जाता था। पिछले काफी समय से यह गिरोह अवैध हथियारों की तस्करी में लगा हुआ था। जांच में सामने आया है कि 32 बोर का पिस्टल मध्यप्रदेश से लाया जाता है। उसके बाद ऑनलाइन ऑर्डर मिलने पर आगे सप्लाई कर दिया जाता है।
तस्करों का होता है अलग अलग काम
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि हमारा एक संगठित गिरोह है, जिसमें सभी सदस्यों का अलग-अलग काम नर्धिारित हैं। सभी अवैध शस्त्रों की खरीद फरोख्त का कार्य करते हैं तथा इस कार्य से अवैध रुप से आर्थिक लाभ अर्जित करते हैं। गिरोह के शुभम, उज्जवल व अंकुर, गिरोह के फरार अभियुक्त रक्षित से अवैध शस्त्र लाते हैं तथा विवांक व ऋतिक उन शस्त्रों को खरीदने के लिये ग्राहक लाते हैं। अवैध शस्त्रों को बेचकर जो मुनाफा होता है उसमें से रक्षित का हिस्सा देकर बाकी पैसे हम लोग आपस में बांट लेते हैं।
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