मुनिराज सदा रहते हैं ज्ञान, ध्यान और तप में लीन
Muzaffar-nagar News - मुनिराज सदा रहते हैं ज्ञान, ध्यान और तप में लीन

चन्द्रप्रभ दिगम्बर जैन मंदिर पीसनोपाडा में श्रुतपंचमी के उत्सव पर विधान का प्रारंभ हुआ। जिसमें शशांक जैन ने ध्वजारोहण ओर उद्घाटन शशांक, सुनील जैन ,अतुलजैन, परिवार ने किया। मुख्य मंगल कलश यात्रा भूषण लाल, मुकेश जैन का परिवार रहा। विधान में राजकुमार जैन प्रवक्ता,राहुल, कलपेंद्र जैन ,राकेश जैन, कुलदीप जैन, रामकुमार जैन, अनंतवीर्य जैन, अशोक जैन, अतुल जैन आदि के परिवार जन द्वारा विधान मंडप पर जिनवाणी पंचमेरु मंगलद्रव्य अष्ट प्रातिहार्य आदि विराजमान किये गए। संस्कृति एवम नैतिक संस्कार के षष्टम दिन अखिल भारतीय जैन युवा फेडरेशन के संयुक्त तत्वावधान उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान, उत्तर प्रदेश सरकार के सान्निध्य में आयोजित शिविर में आशीष शास्त्री, सुमित शास्त्री मुख्य अतिथि के रूप में रहे ।
डॉ पुनीत जैन का प्रवचन हुआ उन्होने दौलतराम द्वारा रचित छहढाला ग्रंथ की छटवीं ढाल का आशय समझाया कि मुनिराज वीतरागी होते हैं सदा ज्ञान ध्यान व तप में लीन रहते हैं। बताया कि मुनिराज के पास संयम का उपकरण मयूर पीछी ज्ञान का उपकरण शास्त्र व शुद्धि का उपकरण कमण्डल होता है। कार्यक्रम में सुशील जैन जैन मंडी ,राहुल जैन,हितेश जैन मनोज आढ़ती मदन जैन निशांत जैन,विनय जैन,नित्यम जैन सार्थक जैन शुभम जैन आगम जैन सम्यक जैन,अंकित अशोक संजय जय भगवान ,सुनील ठेकेदार ,हरिश्चंद्र जैन कुलदीप,रजनी,शैलबाला,रीतू सोनम विदुषी शिल्पी,संगीता,अंजू,अंजलि मृदुला जैन अलका जैन रेखा जैन आदि सैंकड़ो की संख्या में जैंन श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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