Now will not take political advice from relatives Akash Anand apologized to bsp supremo Mayawati expressed this wish अब ससुराल वालों की नहीं सुनूंगा, आकाश आनंद ने मायावती से मांगी माफी; पार्टी में वापसी की गुहार, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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अब ससुराल वालों की नहीं सुनूंगा, आकाश आनंद ने मायावती से मांगी माफी; पार्टी में वापसी की गुहार

  • बहुजन समाज पार्टी से निकाले जाने के बाद किए गए ट्वीट को लेकर आकाश आनंद ने पार्टी सुप्रीमो और बुआ मायावती से माफी मांग ली है। आकाश आनंद ने माफी मांगते हुए सोशल मीडिया एक्स पर कई पोस्ट भी किए हैं।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊSun, 13 April 2025 07:23 PM
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अब ससुराल वालों की नहीं सुनूंगा, आकाश आनंद ने मायावती से मांगी माफी; पार्टी में वापसी की गुहार

बहुजन समाज पार्टी से निकाले जाने के बाद किए गए ट्वीट को लेकर आकाश आनंद ने पार्टी सुप्रीमो और बुआ मायावती से माफी मांग ली है। आकाश आनंद ने माफी मांगते हुए सोशल मीडिया एक्स पर कई पोस्ट भी किए हैं। आकाश ने माफी वाले पोस्ट में एक बार फिर बसपा में शामिल होने की इच्छा जताई है। सोशल मीडिया एक्स पर आकाश आनंद ने लिखा, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष, यूपी की चार बार रही मुख्यमंत्री एवं लोकसभा व राज्यसभा की भी कई बार रही सांसद आदरणीया बहन कु. मायावती जी को मैं अपना दिल से एकमात्र राजनीतिक गुरू व आदर्श मानता हूं।

आज मैं यह प्रण लेता हूं कि बहुजन समाज पार्टी के हित के लिए मैं अपने रिश्ते-नातों को व खासकर अपने ससुराल वालों को कतई भी बाधा नहीं बनने दूंगा। उन्होंने लिखा, कुछ दिनों पहले किए गए अपने ट्ववीट के लिए भी माफी मांगता हूं जिसकी वजह से आदरणीया बहन जी ने मुझे पार्टी से निकाल दिया है और आगे से इस बात को सुनिश्चित करूंगा कि मैं अपने किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए किसी भी नाते रिश्तेदार और सलाहकार की कोई सलाह मशविरा नहीं लूंगा। आकाश आनंद ने आगे लिखा, सिर्फ आदरणीय बहन जी के दिए गए दिशा-निर्देशों का ही पालन करूंगा तथा पार्टी में अपने से बड़ों की व पुराने लोगों की भी पूरी इज्जत करूंगा और उनके अनुभवों से भी काफी कुछ सीखूंगा।

आदरणीया बहन जी से अपील है कि वे मेरी सभी गलतियों को माफ करके मुझे पुन: पार्टी में कार्य करने का मौका दिया जाए, इसके लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा। साथ ही अब मैं आगे ऐसी कोई भी गलती नहीं करूंगा, जिससे पार्टी व आदरणीया बहन जी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान को ठेस पहुंचे।

क्या थी आकाश आनंद की पोस्ट

बसपा के सभी पदों से मुक्त किए जाने के बाद आकाश आनंद ने ऐक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। आकाश आनंद ने लिखा था, मैं मायावती का कैडर हूं, और उनके नेतृत्व में मैंने त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं। ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं। बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है, मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं उस फैसले के साथ खड़ा हूं। मायावती जी द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन साथ ही अब एक बड़ी चुनौती भी है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है। उन्होंने आगे लिखा, ऐसे कठिन समय में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी होते हैं।

बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह, मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा और अपनी आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा। कुछ विरोधी दल के लोग ये सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर समाप्त हो गया, उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई है। यह एक विचार है, एक आंदोलन है, जिसे दबाया नहीं जा सकता। इस मशाल को जलाए रखने और इसके लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार हैं।

तीन मार्च को बसपा से निकाले गए थे आकाश आनंद

तीन मार्च को बसपा सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से ही बाहर कर दिया था। साथ ही नेशनल कॉर्डिनेटर समेत सभी जिम्मेदारियों से भी मुक्त कर दिया था। आकाश आनंद को पार्टी से निकालने के बाद मायावती ने कहा था कि अब उनके जीते-जी कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा। मायावती ने एक्स पर लगातार तीन पोस्ट लिखकर आकाश आनंद को खूब सुनाया भी था। कहा कि वह अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में आकर बहक गए। मायावती ने लिखा था, 'बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी।'

इसके आगे मायावती ने लिखा 'लेकिन इसके विपरीत आकाश ने जो अपनी लंबी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है। वह उसके पछतावे व राजनीतिक मैच्योरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी रवैया है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दंडित भी करती रही हूं।' मायावती ने लिखा कि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के हित में तथा मान्यवर कांशीराम की अनुशासन की परम्परा को निभाते हुए आकाश आनंद को उनके ससुर की तरह पार्टी से निष्कासित किया जाता है। मायावती ने कहा कि आकाश आनंद का निष्कासन पार्टी के हित में है।