बसपा के राष्ट्रीय मुख्य कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने बसपा आईटी सेल को लेकर कार्यकर्ताओं को आगाह किया। उन्होंने कहा जैसा कि आप सभी जानते हैं, बहुजन समाज पार्टी में ‘आईटी सेल’ जैसी कोई संस्था या व्यवस्था मौजूद नहीं है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा चुनाव 2027 को देखते हुए संगठन को नए सिरे से खड़ा करने का निर्देश दिया है। इसके लिए विधानसभा और बूथवार संगठन को मजबूत किया जा रहा है। सदस्यों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके लिए 6 महीने का विशेष अभियान चलाया जाना है।
मायावती ने आकाश आनंद को बसपा का मुख्य नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रविवार को दिल्ली में हुई बसपा के वरिष्ठ नेताओं की मीटिंग में बसपा प्रमुख ने इसकी घोषणा कर दी।
बसपा प्रमुख मायावती की पोस्ट के अगले ही दिन उनके भतीजे आकाश आनंद भी सक्रिय हो गए। दो महीने बाद आकाश ने किसी राजनीतिक मामले पर बुधवार को अपना बयान दिया है। इतने दिनों बाद सक्रिय होते ही सपा और अखिलेश यादव को निशाने पर लिया है।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने 24 घंटे में दूसरी बार भतीजे आकाश आनंद को लेकर एक्स पर पोस्ट किया है। इसमें पार्टी नेताओं को आकाश आनंद का हौंसला बढ़ाने की भी हिदायत है। ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है।
भतीजे आकाश आनंद को पहले निकालने फिर वापस लेने को लेकर उठ रहे सवालों पर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को सफाई दी। उन्होंने साफ किया कि यह आया राम, गया राम वाला मामला नहीं है। किसको लेना है और किसको निकालना है, यह पार्टी का अपना फैसला होता है।
मायावती ने बुधवार को पार्टी की बैठक में दो टूक कह दिया कि आकाश आनंद को फिलहाल कोई पद नहीं दिया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि आकाश आनंद के माफी मांगने पर ही बसपा में वापसी हुई है। आज की बैठक में आकाश आनंद शामिल भी नहीं हुए।
आकाश की वापसी के बाद मायावती ने आज अहम बैठक बुलाई हे। माना जा रहा है कि इस बैठक में मायावती आकाश की जिम्मेदारियों को लेकर भी कुछ घोषणा हो सकती है। इसके साथ ही संगठन विस्तार और भाईचारा कमेटियों के गठन के प्रगति की समीक्षा होगी।
मायावती के भतीजे आकाश आनंद को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली गई है। आकाश आनंद की सुरक्षा हटाने का फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब दो दिन पहले ही उनकी बसपा में दोबारा वापसी हुई है।
राजनीतिक जानकार आकाश के इस कदम को बसपा के घटते रहे जनाधार के बीच नई ऊर्जा के रूप में देख रहे हैं। आकाश की वापसी पार्टी के लिए कितनी लाभकारी होगा यह समय बताएगा, लेकिन चंद्रशेखर आजाद की चुनौती के बीच आकाश एक तेज-तर्रार युवा चेहरे के रूप में पार्टी में जोश भरें तो हैरत नहीं।