आकाश आनंद को अभी कोई पद नहीं, मायावती की दो टूक- माफी मांगने पर बसपा में वापसी हुई
मायावती ने बुधवार को पार्टी की बैठक में दो टूक कह दिया कि आकाश आनंद को फिलहाल कोई पद नहीं दिया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि आकाश आनंद के माफी मांगने पर ही बसपा में वापसी हुई है। आज की बैठक में आकाश आनंद शामिल भी नहीं हुए।

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को लेकर बुधवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में स्थिति साफ कर दी। मायावती ने दो टूक कहा कि माफी मांगने पर आया था इसलिए पार्टी में ले तो लिया है, लेकिन अभी जिम्मेदारी नहीं देने जा रही हूं। दो दिन पहले ही आकाश आनंद ने माफी मांगते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए थे। इसके कुछ देर बाद ही मायावती ने भी ट्वीट के जरिए ही उन्हें माफ करने और पार्टी में वापसी पर मुहर लगाई थी। इस वापसी के बाद बुधवार को पहली बैठक हुई। पहले माना जा रहा था कि आकाश आनंद भी बैठक में शामिल होंगे और मायावती उन्हें लेकर कोई नया ऐलान कर सकती हैं।
आकाश आनंद को पिछले साल मायावती ने अपना उत्तराधिकारी तक घोषित कर दिया था। इसके बाद स्थितियां तेजी से बदलीं। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के खिलाफ आकाश आनंद का तीखा भाषण चर्चा का विषय बना। उनकी लोकप्रियता भी तेजी से बढ़ी इसी दौरान मायावती ने आकाश आनंद को प्रचार से रोक दिया। इसके बाद उन्हें उत्तराधिकारी और बसपा के सभी पदों से हटाया। कुछ समय पहले आकाश आनंद और उनके ससुर को बसपा से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया। मायावती का आक्रोश मुख्य रूप से आकाश आनंद के ससुर को लेकर था।
रविवार को आकाश आनंद ने भविष्य में अपने ससुराल वालों की नहीं सुनने और अभी तक हुई अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी। इसके बाद मायवती ने उन्हें माफ करते हुए पार्टी में शामिल कर लिया था। बुधवार को आयोजित पार्टी में पदाधिकारियों की बैठक में भी आकाश आनंद को लेकर स्थिति साफ कर दी।
इसके साथ ही मायावती ने कहा है कि सरकार बनाना है तो पांच माह में बूथ स्तर तक कमेटियों का गठन कर लें। कांशीराम के समय की तरह जमीन पर संगठन दिखने लगेगा, तो हमें सरकार बनाने से कोई नहीं रोक पाएगा। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि यूपी और उत्तराखंड की सरकारें धर्म को कर्म नहीं बल्कि कर्म को धर्म मानकर काम करें।
मायावती ने उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के पार्टी पदाधिकारियों से दो मार्च की बैठक में दिए गए दिशा-निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट ली और खामियों को दूर करके लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश दिया। संगठन में निष्क्रियता व लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। यह अच्छी बात है कि पार्टी से जुड़े लोगों ने डा. भीमराव अंबेडकर और कांशीराम के जन्मदिन के मौके पर परिवार के साथ मिशन को आगे बढ़ाने का संकल्प व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के मामले में भाजपा भी सपा सरकार की तरह है। यह सरकार कुछ क्षेत्र व समूह विशेष के लिए समर्पित है। दलित समाज के वोटों के स्वार्थ की खातिर डा. भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती आदि पर याद करने की होड़ सी लगी रही है, लेकिन उनके अनुयाइयों को प्रताड़ित करने व हत्या आदि की वारदातें साबित करती हैं कि यह सब छलावा है।
ट्रंप के टैरिफ से भारत वैश्विक चुनौतियां का सामना कर रहा
उन्होंने कहा कि ट्रंप के टैरिफ से भारत चारों तरफ से वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। भाजपा व उनकी सरकारों और नेताओं को वोटों के स्वार्थ की संकीर्ण राजनीति त्याग कर केंद्र सरकार को कंधे से कंधे मिलाकर सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूपी व उत्तराखंड की भाजपा सरकारें धर्म को कर्म के बजाय कर्म को धर्म मान कर काम कर रही है। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में द्वेष और विभाजन की संकीर्ण राजनीति खत्म होनी चाहिए। लोगों को जोड़ने वाली कर्म ही धर्म की सही संवैधानिक राजनीति के जरिए जन व देशहित में काम करना चाहिए।