डिहाइड्रेशन की चपेट में आ रहे बुखार पीड़ित बच्चे
Pratapgarh-kunda News - प्रतापगढ़ में गर्मी के दौरान बुखार से पीड़ित बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि परिजन बच्चों को पर्याप्त पानी नहीं दे रहे हैं, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है।...

प्रतापगढ़, संवाददाता। गर्मी के दौरान जो बच्चे बुखार से पीड़ित हैं उनके शरीर का पानी तेजी से भाप बनकर उड़ जा रहा है। किन्तु अधिकांश परिजन इससे अनजान हैं। इसलिए वे बच्चे को अतिरिक्त पानी पिलाने की बजाय पहले जैसे ही पानी पिला रहे हैं। बच्चों के शरीर में पानी की कमी होने से वे डिहाइड्रेशन के शिकार हो जा रहे हैं। ऐसे परिजनों को डॉक्टर समझा रहे हैं कि जब तक गर्मी अधिक पड़ रही है तब तक वे बच्चों को बिना प्यास लगे भी पानी पिलाते रहें। मेडिकल कॉलेज के बाल रोग की ओपीडी में करीब महीनेभर से अधिकांश मरीज डायरिया से पीड़ित होकर आ रहे हैं।
किंतु गर्मी बहुत अधिक बढ़ने से पिछले हफ्ते से बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या भी बढ़ने लगी। चिंता की बात यह है कि बुखार पीड़ित बच्चे डिहाइड्रेशन के भी शिकार हो जा रहे हैं। इससे उनका इलाज पहले की अपेक्षा जटिल होने के साथ बच्चों को कई अन्य तरह की समस्याएं भी हो रही हैं। डॉ. अतुल पाल का कहना है कि काफी अधिक गर्मी पड़ने से बच्चों का शरीर पहले ही गर्म रहता है। ऊपर से जिन्हें बुखार हो जा रहा है उनका शरीर और अधिक गरम हो जा रहा है। उसे ठंडा करने के लिए हाइपोथैलेमस ग्रंथि शरीर में मौजूद पानी को पसीने के रूप में वाष्पित कराकर शरीर को ठंडा कर रही है। ऐसे में बच्चों के शरीर में मौजूद पानी तेजी से कम हो रहा है। किन्तु अधिकांश बच्चों के परिजन इसे लेकर जागरूक नहीं हैं। वे बच्चे को पहले जितना ही पानी पिला रहे हैं। जबकि पानी की कमी से बच्चों के विकासशील शरीर की गतिविधियों का संचालन कठिन हो रहा है। वे डिहाइड्रेशन के शिकार हो जा रहे हैं। ऐसे बच्चों के परिजनों को समझाया जा रहा है कि बच्चे के शरीर में पानी की कमी होने से कैसे बचा जा सकता है। बचाव के उपाय 1-बच्चों को तेज धूप में न जाने दें। 2-बुखार पीड़ित बच्चों का शरीर ठंडे पानी से बार-बार पोंछें। 3-बच्चों को ऐसा तरल पेय या खाद्य पदार्थ दें जिसमें नमक भी हो। 4-यदि डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखें तो ओआरएस का घोल पिलाएं। 5-बच्चे और उसके खाने के बर्तनों की सफाई सुनिश्चित करें। गर्मी से अधिक नुकसान पहुंचा रही सफाई की कमी डॉक्टर के मुताबिक भीषण गर्मी जैसे वातावरण में बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया और वायरस बहुत तेजी से अपनी संख्या बढ़ा लेते हैं। ऐसे में बिजली के स्विच, लिफ्ट के बटन, दरवाजों के हैंडल, साइबर कैफे के की बोर्ड, मोबाइल फोन की स्क्रीन आदि पर उक्त वायरस व बैक्टीरिया आसानी से पहुंच जाते हैं। इन्हें छूने के बाद बिना साबुन से हाथ धुले मुंह, नाक, आंख, पेयजल, नाश्ता या खाने की वस्तुएं छूने पर बीमारी फैलाने वाले तत्व बच्चों के गले व पेट तक पहुंचकर उन्हें बीमार कर दे रहे हैं। डायरिया के जिम्मेदार माने जा रहे रोटा आदि वायरस पिछले महीनेभर से बच्चों को इतना अधिक संक्रमित कर रहे हैं कि सबसे अधिक मरीज उल्टी, दस्त व बुखार के ही आ रहे हैं। जबकि सफाई पर अधिक ध्यान देकर और दूषित पानी से बचकर इस बीमारी से बच्चों को बचाया जा सकता है। . इनका कहना है बुखार और डिहाइड्रेशन से पीड़ित काफी बच्चे ऐसे भी अस्पताल आ रहे हैं जिनके परिजनों को पता ही नहीं कि बुखार के दौरान शरीर का पानी भाप बनकर उड़ता है। वे बच्चे को तभी पानी पिला रहे हैं जब उसे प्यास लग रही है। ऐसे लोगों को समझाया जा रहा है कि जब तक अधिक गर्मी पड़ रही है तब तक बच्चों को अतिरिक्त पानी व बुखार पीड़ितों को ओआरएस का घोल अवश्य पिलाएं। -डॉ. अतुल पाल, बाल रोग विभाग मेडिकल कॉलेज
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