खराबी के बाद भी दो साल से नहीं बदली गई नार्थ फीडर की ट्रॉली
Pratapgarh-kunda News - रानीगंज के ग्रामीण विद्युत उपकेंद्र के नार्थ फीडर की ट्रॉली पिछले दो साल से खराब है, जिससे 70 गांवों में करंट का खतरा बना हुआ है। कर्मचारी लोकल फॉल्ट की मरम्मत करने में असमर्थ हैं। अधिकारियों ने जल्द...
रानीगंज, हिन्दुस्तान संवाद। स्थानीय नगर पंचायत के ग्रामीण विद्युत उपकेंद्र के नार्थ फीडर की ट्रॉली खराबी की वजह से बीते दो साल से बाहर नहीं आ रही है। इस फीडर से जुड़े 70 गांव के आसपास लोकल फॉल्ट की मरम्मत के समय कर्मचारियों को करंट से झुलसने का डर सता रहा है। जिम्मेदार अधिकारी प्रस्ताव भेजकर जल्द उपकरण आपूर्ति की मांग करने का दावा कर रहे हैं। रानीगंज डिवीजन क्षेत्र के ग्रामीण विद्युत उपकेंद्र के नार्थ फीडर की ट्रॉली बीते दो साल से बाहर नहीं आ रही है। उपकेंद्र के एसएसओ के अनुसार ट्रॉली के उपकरण की मरम्मत नहीं होने से इस फीडर से जुड़े गांव में लोकल फॉल्ट की मरम्मत करने वाले लाइनमैन को हादसे का डर सता रहा है।
चूंकि फीडर की ट्रॉली बाहर नहीं आने से इससे जुड़े गांव तक फीडर स्विच ऑफ करने के बाद भी एचटी लाइन पर मामूली करंट का प्रभाव रहता है। शटडाउन देने पर उपकेंद्र के एसएसओ जब ट्रॉली को बाहर करते हैं तब वैक्यूम बॉटल से संपर्क हटने पर करंट का प्रभाव एचटी लाइन में नहीं रहता है। ट्रॉली की खराबी की वजह से वैकल्पिक व्यवस्था में होल्डर की मदद से इसे रामनगर फीडर से भी जोड़ा जा रहा है। नार्थ फीडर से जुड़े विष्णुपुर, पचरास, भैसना, खेमईपुर, बालीपुर, गोसाइंपुर, चंदौका, हरिहरगंज, हथैड़ा सराय सहित लगभग 70 गांव के लोगों ने लो वोल्टेज की समस्या की शिकायत उपकेंद्र पर की है। निगम के कर्मचारियों के अनुसार वाराणसी ट्रांसमिशन की एजेंसी प्रस्ताव पर करीब एक साल से चार लाख रुपये का उपकरण जल्द प्रदान करने का भरोसा भी दे रही है। इनका कहना है उपकेंद्र के नार्थ फीडर की ट्रॉली में खराबी की जानकारी डिवीजन के अधिकारियों को दी गई है। उपकरण की आपूर्ति में समय लग रहा है। जल्द ही पत्राचार कर समस्या से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। अखिलेश कुमार गुप्ता, एसडीओ रानीगंज डिवीजन
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