Allahabad High Court Orders Compensation for Death During Kumbh Mela Incident मुआवजा योजना का लाभ सभी पीड़ितों को दे राज्य सरकार: हाईकोर्ट, Prayagraj Hindi News - Hindustan
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मुआवजा योजना का लाभ सभी पीड़ितों को दे राज्य सरकार: हाईकोर्ट

Prayagraj News - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाकुम्भ मेला में महिला की मौत पर राज्य सरकार को मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेती है। पीड़ित परिवारों को...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSat, 7 June 2025 09:51 PM
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मुआवजा योजना का लाभ सभी पीड़ितों को दे राज्य सरकार: हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को महाकुम्भ मेला प्रयागराज में हुए हादसे में महिला की मौत पर मुआवजे के भुगतान पर विचार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों की ट्रस्टी है। उसका दायित्व है कि नागरिकों की सुरक्षा ही नहीं बल्कि उन्हें किसी भी नुकसान से बचाए। यदि अनहोनी घटना के पीड़ितों को मुआवजा देने की योजना बनाई है तो उसका लाभ सभी पीड़ितों को देकर मुआवजे का भुगतान करे। कोर्ट ने याची को मुआवजे दिए जाने पर निर्णय लेने और हादसे में घायल व मृत लोगों का पूरा विवरण देने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने याचिका में सीएमओ प्रयागराज, प्राचार्य मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल, टीबी सप्रू अस्पताल, मोतीलाल नेहरू डिवीजनल अस्पताल व जिला महिला अस्पताल और इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन व इलाहाबाद नर्सिंग होम एसोसिएशन को पक्षकार बनाते हुए नोटिस उन्हें जारी किया है और महाकुम्भ के दौरान मरीजों व मृत व्यक्तियों के तिथिवार विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मृत घोषित या मृत प्राप्त के समय, तिथि व पहचान सहित उसे देखने वाले डॉक्टर का ब्योरा देने को कहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार को सभी दावों की संख्या, भुगतान, कितने दावे तय हुए और कितने लंबित हैं, इसका भी ब्योरा देने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ ने भभुआ (बिहार) के उदय प्रताप सिंह की याचिका पर उनके अधिवक्ता अनिरुद्ध उपाध्याय को सुनकर दिया है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता जेएन मौर्य ने अपर मेला अधिकारी प्रयागराज द्वारा दी गई जानकारी प्रस्तुत की। दस्तावेज बिना तारीख के पेश किए गए। इसमें खुलासा किया गया कि महाकुम्भ मेला क्षेत्र में एक केंद्रीय अस्पताल व 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए थे, जो मेला अधिकारी के नियंत्रण में थे। इसके अलावा 305 बेड विभिन्न सरकारी अस्पताल एसआरएन अस्पताल, टीबी सप्रू अस्पताल, मोतीलाल नेहरू डिवीजनल अस्पताल व जिला महिला अस्पताल, प्राइवेट अस्पतालों व नर्सिंग होम में सुरक्षित रखे गए थे। प्राइवेट अस्पतालों व नर्सिंग होम पर प्रयागराज के डीएम व सीएमओ के निर्देश और इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन व इलाहाबाद नर्सिंग होम एसोसिएशन के सहयोग से मरीज रखे जाने की व्यवस्था की गई थी। दो शव विच्छेदन गृह भी थे, एक स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल व दूसरा मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की देखरेख में चल रहा था। अन्य किसी भी शव विच्छेदन गृह का उपयोग नहीं किया गया। राज्य सरकार का दायित्व है कि मुआवजे का भुगतान करे भभुआ (बिहार) निवासी याची की पत्नी सुनैना देवी की महाकुम्भ मेला में गत 29 जनवरी को हुई भगदड़ में मौत हो गई थी। कोर्ट ने याची की पत्नी की भगदड़ में मौत का कोई ब्योरा न देने पर कहा कि बिना कोई जानकारी दिए याची के बेटे को लाश सौंप दी गई। मृत शरीर अस्पताल से आया या सीधे लाया गया या लावारिस पड़ी थी, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। शव विच्छेदन गृह से बाहर मृत शरीर सौंपा गया और चार माह बीत जाने के बाद कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। सरकार की ओर से कहा गया याची दावा करेगा तो विचार किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार का दायित्व है कि मुआवजे का परिवार को भुगतान करे। सुदूर से आए लोगों से मुआवजे की मांग करने की अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।

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