Closure of Foot Over Bridge at Prayagraj Junction Raises Public Concerns बोले प्रयागराज : सिविल लाइंस से सिटी साइड आने-जाने के लिए शहरियों को चाहिए एफओबी, Prayagraj Hindi News - Hindustan
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बोले प्रयागराज : सिविल लाइंस से सिटी साइड आने-जाने के लिए शहरियों को चाहिए एफओबी

Prayagraj News - प्रयागराज जंक्शन पर फुट ओवर ब्रिज नंबर तीन को बंद किया जा रहा है, जिससे आम जनता को आवागमन में दिक्कतें हो रही हैं। पुल के बंद होने से सिविल लाइंस से पुराने शहर जाने का एकमात्र शॉर्टकट खत्म हो गया है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSun, 4 May 2025 05:27 PM
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बोले प्रयागराज : सिविल लाइंस से सिटी साइड आने-जाने के लिए शहरियों को चाहिए एफओबी

प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। कुम्भ 2013 के शुरू होने से पहले रेलवे ने यात्रियों की भीड़ नियंत्रण के लिए प्रयागराज जंक्शन पर पुराने पुल को तोड़कर फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) नंबर तीन का निर्माण किया था। अब 12 साल बाद यह ओवर ब्रिज भी तोड़ा जाएगा। जंक्शन के पुनर्विकास के तहत ध्वस्तीकरण का काम शुरू होने से पहले रेलवे ने इस पुल को आवागमन के लिए बंद कर दिया है। यह एक मात्र ओवर ब्रिज है जिससे लोग सिविल लाइंस से पुराने शहर यानी सिटी साइड की ओर आते-जाते थे। इसके बंद होने के बाद अब पुल नंबर दो को आम पब्लिक के लिए खोलने की मांग उठी है।

विधायक ने भी डीआरएम से पत्राचार किया है। प्रयागराज में रेलवे का इतिहास आजादी के पहले का है। 1859 में अंग्रेजों ने प्रयागराज रेलवे स्टेशन का निर्माण कराया था। रेलवे स्टेशन पर पब्लिक की सुविधा के लिए अंग्रेजों ने पुल बनवाया था। इसी रेल पुल को तोड़कर कुम्भ 2013 के दौरान फुट ओवर ब्रिज तीन का निर्माण किया गया था, जिसे तोड़कर अब कांकोर्स बनाने की तैयारी है। प्रयागराज जंक्शन के पुनर्विकास का कार्य चल रहा है। महाकुम्भ 2025 के पहले ही काम शुरू हो गया था। पुरानी इमारत को तोड़कर आधुनिक और भव्य रेलवे स्टेशन परिसर बनाया जाना है। इसी क्रम में फुट ओवर ब्रिज नंबर तीन को ध्वस्त किया जाएगा। इसीलिए काम शुरू होने से पहले ही इस एफओबी को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। प्रयागराज जंक्शन पर यही एकमात्र ऐसा पब्लिक पुल था, जिसे यात्रियों के अलावा शहरी भी इस्तेमाल करते थे। दरअसल, सिविल लाइंस साइड से सीधे पुराने शहर जाने के लिए यह एक शॉर्टकट रास्ता था। इसी पब्लिक पुल से रोज हजारों लोगों का आवागमन होता था। पुराने शहर शाहगंज, चौक आदि इलाकों से आम पब्लिक के अलावा स्कूली बच्चे भी सीधे पुल पार करके सिविल लाइंस आ जाते थे। स्कूली बच्चे तो साइकिल लेकर भी इस पुल से निकलते थे। सुबह से शाम तक यह क्रम चलता था। लेकिन इस एफओबी के बंद होने से लोगों को काफी घूम कर जाना पड़ रहा है। अब आम आदमी के पास सिर्फ दो ही विकल्प बचे हैं। एक इलाहाबाद हाईकोर्ट पानी टंकी फ्लाईओवर से पुराने शहर की ओर जाएं या फिर शहर के सबसे भीड़ इलाके जानसेनगंज होकर जाएं, जहां पर हमेशा ही जाम की स्थिति रहती है। ऐसी स्थिति में पब्लिक पुल बंद होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रेलवे परिसर के आसपास रहने वाले दुकानदारों ने भी मांग की है कि इस पुल के विकल्प में पुल नंबर दो को पब्लिक के लिए खोल दिया जाए। भाजपा विधायक दीपक पटेल ने भी डीआरएम को पत्राचार किया है। उन्होंने भी पुल संख्या दो को आमजन के लिए खोलने की मांग की है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुल नंबर दो शुरू होने से काफी सहूलियत हो जाएगी। इसके अलावा स्टेशन के बाहर दुकानदारी पर भी असर पड़ा है। पब्लिक न होने से दुकानों पर ग्राहकों की संख्या कम हो गई है। रेलवे की योजना में पुल का कोई विकल्प नहीं प्रयागराज जंक्शन के पुनर्विकास का काम तेजी से चल रहा है। प्लॉनिंग में पब्लिक पुल का कोई भी जिक्र नहीं है। पुल नंबर तीन के ध्वस्त होने के बाद स्टेशन परिसर के सिविल लाइंस साइड से पुराने शहर की ओर जाने के लिए कोई विकल्प नहीं बचेगा। रेलवे स्टेशन की नई इमारत का काम पूरा होने के बाद सिर्फ यात्रियों को ही प्रयागराज जंक्शन में प्रवेश करने की इजाजत होगी। इसीलिए लोगों की मांग है कि पहले ही पुल नंबर दो को पब्लिक के लिए खोल दिया जाए, ताकि आमजन को परेशानी न हो। शिकायतें -पब्लिक पुल बंद होने से आमजन की बढ़ी परेशानी। - इससे सबसे ज्यादा स्कूल बच्चों की मुश्किलें बढ़ गईं। - हाईकोर्ट और निरंजन हॉट पुल पर हमेशा रहता है जाम। - आम पब्लिक को सिविल लाइंस से सिटी साइड आने जाने के लिए चक्कर काटना पड़ेगा। सुझाव - पब्लिक पुल बंद होने पर रेलवे इसका विकल्प तैयार करे। - फिलहाल आम जनता के लिए पुल नंबर दो को खोला जाए। - रेलवे के पुल नंबर दो से सीधे उस पार जाना आसान होगा। - रेलवे को प्लॉनिंग में भी इसका विकल्प तैयार करना चाहिए। हमारी भी सुनें.... वाल्मीकि चौराहे से रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए कॉल्विन अस्पताल जा रहे थे। यहां आने पर पता लगा कि पुल बंद है। घूमकर जाना पड़ा। रेलवे दूसरा पुल पब्लिक के लिए खोले। - संतर देवी इस पुल से रोजाना सैकड़ों लोग गुजरते थे, लेकिन इसे बंद कर दिया गया। इसके लिए कोई विकल्प भी नहीं दिया गया। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। कई किलोमीटर चक्कर काटना पड़ रहा है। - आशुतोष पाण्डेय लोग साइकिल से आते-जाते थे। इस पुल को पार करके हाईकोर्ट या अन्य अफफिस के लिए आराम से जाते थे। पुल बंद हो जाने के बाद लोगों को घूमकर जाना पड़ रहा है। इस समस्या पर रेलवे विचार करे। - नजरुल हसन पुल से रोज स्कूली बच्चे और ऑफिस जाने वाले लोग आराम से पुल पार कर सिविल लाइंस पहुंच जाते थे। पुल बंद होने से अब घूमकर जाना पड़ रहा है। इसका समाधान होना चाहिए। - गौरव कुमार पुल बंद हो जाने के बाद धंधे पर भी सीधे असर पड़ रहा है। यहां से कम लोग आने लगे हैं। इससे रिक्शा चालकों को कम सवारी मिल पा रही है। पुल चालू था तो काफी भीड़ रहती थी। - नीरज निषाद, ई रिक्शा चालक -- लोग सिविल लाइंस से पुल पार कर इस साइड चले आते थे। जंक्शन के बाहर रिक्शा से अपने गंतव्य को चले जाते थे। पुल बंद होने के बाद ई रिक्शा चालकों की कमाई भी प्रभावित हुई है। - दीपक, ई रिक्शा चालक -- पुल से रोजाना गुजरने वाले लोगों के कारण दुकानदारी बढ़िया हो जाती थी। पुल बंद होने के बाद तीन दिनों से दुकानदारी कम हो गई है। चहल पहल भी कम हो गई है। - अमित सिंह, फल विक्रेता -- पुल चालू था तो सुबह शाम काफी संख्या में लोग दोनों तरफ से आते जाते थे, लेकिन पुल बंद हो जाने के बाद लोग दूसरे रास्ते से आ-जा रहे हैं। स्टेशन के बाहर कारोबार पर भी असर पड़ा है। - संदीप तिवारी --- बिना किसी सूचना के अचानक पुल बंद कर दिए जाने के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। लोग यहां पहुंचते हैं तो पता चलता है कि पुल बंद कर दिया गया है। अब पैदल घूम कर जाना पड़ रहा है। - अवध नारायण --- लोगों को इस पुल से आवागमन की आदत हो गई थी, दोनों तरफ के लोगों को आने जाने में काफी सहूलियत थी। पुल बंद होने की जानकारी लोगों को नहीं है, जिससे आज भी यहां आने के बाद घूमकर जाना पड़ रहा है। - हर्ष पुल से उस पार जाना था, यहां आने पर पता लगा कि पुल बंद कर दिया गया है। पहले से पता होता तो यहां क्यों आते। पुल पार जाने वाले कई लोग आकर लौट रहे हैं। -महेश पुल चालू था तो लोग आराम से दोनों तरफ से आते-जाते थे। अब लोगों को घूम कर जाना पड़ रहा है। लोगों को पुल बंद होने की जानकारी न होने के कारण परेशानी हो रही है। इसका विकल्प देना चाहिए। -दिनेश --- हम लोगों को सिविल लाइंस जाना था, पुल पार कर आराम से उस पार पहुंच जाते थे। आज यहां आने पर पता लगा कि पुल बंद है। अब वापस जा रहे हैं। अब तो हाईकोर्ट पानी टंकी होकर जाना पड़ेगा। -प्राची --- पहले पता होता कि पुल बंद कर दिया गया है तो इधर न आते। यहां आने के बाद पुल बंद होने की जानकारी मिली तो लौट रहे हैं। दूसरे पुल से घूमकर जाने के लिए लोग कह रहे हैं। -सपना --- पुल बंद करना था तो इसकी सूचना लोगों को पहले से दे दी जानी चाहिए थी। लोग कई सालों से इस पुल से आ-जा रहे थे, अचानक बिना सूचना के पुल बंद कर देने से लोग परेशान हैं। - आनंद प्रकाश इनका कहना है.... पब्लिक की समस्या की जानकारी हुई है। इस मामले में विचार किया जा रहा है। जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा। अमित सिंह, मंडल पीआरओ

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