बोले प्रयागराज : हमारी बात
Prayagraj News - रक्तदाताओं की प्रतिक्रिया ---- प्रयागराज जैसे विद्यार्थियों और समाजसेवियों के

रक्तदाताओं की प्रतिक्रिया ---- प्रयागराज जैसे विद्यार्थियों और समाजसेवियों के शहर में रक्तदान की दर चिंताजनक रूप से कम है। रक्तदान को लेकर फैली भ्रांतियों और डर को दूर करने की आवश्यकता है। वैज्ञानिक रूप से रक्तदान पूरी तरह सुरक्षित है और यह किसी की जिंदगी बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हमारा एक छोटा सा कदम किसी की जिंदगी बचा सकता है। पुलिस मित्र की पहल को समर्थन दें और रक्तदान महादान में अपना योगदान दें! -विपिन कुमार कुशवाहा, सदस्य पुलिस मित्र, प्रयागराज रक्तदान पुनीत कार्य है। यह मानव जीवन की रक्षा ही नहीं करता, बल्कि हमें सामाजिक दायित्व का बोध भी प्राप्त होता है।
किसी परिवार में खुशियां बनी रहती हैं और जो आत्मबोध रक्तदान के उपरांत प्राप्त होता है हम उसको शब्दों में नहीं कह सकते हैं। रक्तदान से डरें नहीं बल्कि निडर होकर रक्तदान करना चाहिए। आपका रक्तदान कई परिवार की खुशियां बचा सकता है। कामेश्वर प्रसाद मिश्र (मनोज) रक्त लेना तो सभी चाहते हैं लेकिन रक्तदान करना नहीं चाहते, यह बड़ी समस्या है। छह वर्ष से रक्तदान कर रहा हूं और 23 बार रक्त दे चुका हूं, लेकिन कोई दुष्प्रभाव नहीं सामने आया। इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा। साथ ही रक्तदान को लेकर लोगों में जो भ्रांतियां हैं उसे दूर करना होगा। सरकार रक्तदान को अनिवार्य कर दे तो किसी को भी रक्त की कमी नहीं होने पाएगी। अभिषेक शुक्ला सरकारी ब्लड बैंक से जुड़कर हम लोग रक्तदान करते हैं लेकिन प्राइवेट अस्पताल न जाने क्यों एएमए ब्लड बैंक को ही लिखते हैं। जब मदद किसी का करना होता है तो क्यों यह एक समस्या है जिसके कारण हम मजबूर असहाय लोगों की मदद नहीं कर पाते हैं। यह बेहद गंभीर मुद्दा है जिसका निदान बेहद जरूरी है। पुलिस मित्र के साथ जुड़कर 36 बार रक्तदान कर चुका हूं और बराबर कर रहा हूं। संतोष तिवारी छात्र जीवन से ही रक्तदान अभियान से जुड़ा हुआ हूं। 18 वर्ष आयु होने के बाद से लगातार रक्तदान कर रहा हूं, लेकिन कोई दुष्परिणाम सामने नहीं आया। आश्चर्य होता है जब लोग रक्त तो लेना चाहते हैं लेकिन रक्तदान का मौका आता है तो कतराने लगते हैं। रक्तदान के प्रति भ्रांतियों को दूर कर लोगों को जगरूक करने की जरूरत है ताकि अधिक से अधिक लोग रक्तदान के लिए निकलें। अनुराग पुलिस मित्र टीम विभिन्न रक्तदान शिविर के माध्यम से जन जागरूकता के साथ-साथ रक्तदाता का रक्त सही व्यक्ति तक पहुंचे इसका पारदर्शी ढंग से निवारण कर रही। जन जागरूकता के लिए विभिन्न गैर सरकारी तथा सरकारी संगठन लगातार अभियान चला रहे हैं। बिना डरे हर व्यक्ति को साल में कम से कम दो बार रक्तदान तो करना चाहिए। इससे स्वास्थ्य पर किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। अभय प्रयागराजी जब हमारे मरीज को रक्त की जरूरत होती है तो प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा सिर्फ और सिर्फ प्राइवेट रक्त कोश से ही रक्त की डिमांड की जाती है और कहा जाता है कि सरकारी रक्त कोश के रक्त अच्छे नहीं होते। यह एक बेहद गंभीर समस्या है जिसका निदान होना चाहिए। प्राइवेट रक्त कोश में प्रोसेसिंग फीस ज्यादा है और समय भी ज्यादा लगता है जबकि सरकारी रक्त कोश में रक्त की फीस कम है साथ ही समय की भी बचत होती है। प्रवीण अग्रवाल, सदस्य पुलिस मित्र --- रक्तदान के क्षेत्र में जागरूकता की कमी है। जागरूकता को लेकर सरकार की तरफ से प्राथमिकता का न होना चिंता बढ़ाता है। जो लोग रक्तदान करते है उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए एक मजबूत तंत्र और व्यवस्था भी आवश्यक है। सरकारी ब्लड बैंकों को प्राइवेट अस्पताल वाले तवज्जो नहीं देते, हमें इस समस्या के साथ साथ समाधान पर भी बात करनी होगी। विशाल कुमार बरनवाल युवाओं में रक्तदान के प्रति काफी बदलाव देखने को मिल रहा हैं और बहुत ही अच्छा लगता है जब पुलिसमित्र से नए लोग जुड़कर निस्वार्थ भाव एवं बिना किसी अपेक्षा के रक्तदान करते हैं। रक्तदान करना जितना आवश्यक है उससे कहीं ज्यादा जरूरी रक्तदान के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना है। रक्तदाता को इसकी पूरी जानकारी पुलिसमित्र टीम द्वारा दी जाती है कि उसका रक्त किसे दिया गया है। प्रदीप यादव, पुलिस मित्र प्रयागराज अभी तक 30 बार रक्तदान कर चुका हूं। रक्तदान कर हम अनजान लोगों की जान ही नहीं बचाते, बल्कि खुद भी बल्ड कैंसर, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं। इसलिए जरूरत पड़ने पर लोगों को ब्लड लेने के बजाय खुद भी डोनेट करना चाहिए जिससे इस समाज में किसी भी व्यक्ति की ब्लड की वजह से जान न जा सके l अनूप कुमार बिंद (भारतीय रेलवे) रक्त की जरूरत समय के साथ बढ़ रही है, हर नौजवान को कम के कम साल में एक बार रक्तदान जरूर करना चाहिए, रक्तदान के लिए अस्पताल एवं सामाजिक संस्थानों को प्रतिवर्ष ज्यादा से ज्यादा कैंप लगाने का प्रयास करना चाहिए। प्राइवेट अस्पतालों पर भी अंकुश लगना चाहिए जो किसी खास ब्लड बैंक को वरीयता देते हैं। देवेन्द्र पांडेय बुद्धिजीवियों के इस शहर में रक्तदान की दर चिंताजनक रूप से कम है। रक्तदान को लेकर फैली भ्रांतियों और डर को दूर करने की आवश्यकता है। वैज्ञानिक रूप से रक्तदान पूरी तरह सुरक्षित है और यह किसी की जिंदगी बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। पुलिस मित्र की पहल को समर्थन दें और रक्तदान में अपना योगदान दें! विपिन कुमार कुशवाहा, सदस्य पुलिस मित्र, प्रयागराज मेरी उम्र 24 है और मैं नियमित रूप से रक्तदान करता आ रहा हूं। मैं चाहता हूं कि युवा पीढ़ी रक्तदान जैसे महान कार्यों में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी करे। इसके लिए अधिक से अधिक लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करना होगा। रक्तदान करने से रक्त की नई कोशिकाएं बनती हैं जिससे शरीर का रक्त स्वच्छ होता है और कई गंभीर बीमारी होने से बचाता है । कुशाग्र गुप्ता रक्तदान महान कार्य है, जो दूसरों के जीवन को बचाता है। कुछ लोगों की आज भी ये मानसिकता बनी हुई है कि रक्तदान करने से कमजोर हो जाएंगे। कुछ लोग कहते हैं, मैं दुबला-पतला हूं मेरे शरीर में खून कहाँ है। अरे भाई, कब तक बहाना करते रहेंगे आप लोग। जब रक्तदान करेंगे तभी तो लोगों का जीवन बचाने में मदद करेंगे। ये अमृत रूपी रक्त सिर्फ और सिर्फ हम सभी के शरीर में ही बनता है, न कि किसी फैक्ट्री में। विकास कुमार वर्मा हमारे द्वारा किया गया रक्तदान किसी जरूरतमंद का जीवन बचाता है, पर जागरूकता के अभाव और भ्रांतियों के कारण लोग रक्तदान से कतराते हैं। मैं अब तक 10 बार रक्तदान कर चुका हूं, 18 वर्ष की उम्र के ऊपर के सभी लोगों को सही जानकारी, प्रेरणा और डॉक्टर की सलाह लेकर कम से कम साल में दो बार रक्तदान ज़रूर करना चाहिए। रमाकांत यादव मैं इंडियन आर्मी से हूं और 46 बार रक्तदान कर चुका हूं, मैं युवाओं से अपील करना चाहता हूं कि वह रक्तदान के लिए आगे आए और अधिक से अधिक लोगों को इसके लिए प्रेरित करें। हमें रक्तदान करने से घबराना नहीं चाहिए। इससे किसी प्रकार की हानि नहीं होती बल्कि शरीर स्वस्थ रहता है। सुमित कुमार, हवलदार
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