गूगल मैप से 34 लाख का गलत चालान, भटक रहा कारोबारी
Prayagraj News - प्रयागराज में गूगल लोकेशन के कारण एक बालू खनन कारोबारी को 34 लाख रुपये का अवैध खनन का चालान मिला। जांच में पता चला कि लोकेशन गलत था, जो उसके पट्टे से नौ किलोमीटर आगे था। कारोबारी ने डीएम कार्यालय में...

प्रयागराज। किसी भी काम को सटीक रूप से अंजाम देने के लिए गूगल लोकेशन पर लगातार निर्भरता बढ़ती जा रही है, लेकिन कई बार यह लोकेशन जबरदस्त धोखा भी देती है। हालिया मामला बालू खनन कारोबारी का है। जब गूगल लोकेशन से लखनऊ की टीम ने 34 लाख के अवैध खनन का चालान काट दिया। कारोबारी के पास पर्ची पहुंची तो उसे जानकारी हुई कि उसे 34 लाख का जुर्माना अदा करना है, जब दस्तावेज निकाले तो लोकेशन उनके पट्टे से नौ किलोमीटर आगे थी। जब कारोबारी ने खनन विभाग में कागजातों के साथ शिकायत की तो यह कह दिया गया कि आपके बगल में अवैध खनन हो रहा था तो बताना चाहिए था।
फिलहाल कारोबारी जिलाधिकारी कार्यालय शिकायत लेकर पहुंचे। डीएम ने खनन विभाग को वार्ता के लिए लिखा है। अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए लखनऊ मुख्यालय गूगल लोकेशन से नजर रखता है। एप के जरिए उस जगह की रिपोर्ट तैयार की जाती है, जहां पर अवैध खनन होता है। पिछले दिनों डीएम कार्यालय में मेजा के एक पट्टाधारक पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनका मेजा में खनन पट्टा है। पिछले दिनों उनके पास 34 लाख रुपये जमा करने का नोटिस आया। जिसमें अवैध खनन होता बताया गया। जब उन्होंने जानकारी जुटाई तो पता चला कि गूगल पर लोकेशन सर्च करते हुए लखनऊ की टीम आई और यह चालान कर दिया। मामला 34 लाख रुपये का था तो जमा करना भी मुश्किल है। पट्टा धारक ने ज्येष्ठ खनन अधिकारी अजय यादव से मुलाकात की। खनन विभाग ने उन्हीं के ऊपर जिम्मेदारी टाल दी। जिसके बाद वो डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ के यहां पहुंचे। डीएम ने खनन विभाग को वार्ता कर उचित कार्रवाई के लिए निर्देश दिया। डीएम ने भी पट्टाधारक से कहा कि आपको अपने आसपास नजर भी रखनी चाहिए। अगर कुछ लगत हो रहा है तो अवगत जरूर कराएं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।