यहां 3221 मृतक सालभर से पा रहे हैं पेंशन
Prayagraj News - प्रयागराज में एक जांच में यह खुलासा हुआ है कि 3221 मृतक लोग एक साल से पेंशन योजना का लाभ ले रहे थे। परिवार वालों ने न तो मृत्यु प्रमाणपत्र दिया और न ही विभाग ने इसकी जांच की। समाज कल्याण विभाग अब इन...

प्रयागराज। गरीबों को आर्थिक मदद देने के लिए सरकार की ओर से पेंशन योजना तो संचालित होती है, लेकिन इन पेंशन योजनाओं का लाभ तमाम लोगों की मृत्यु के बाद भी परिवारवाले लेते हैं। ऐसा खुलासा हुआ हाल में हुई जांच में। समाज कल्याण विभाग ने जब अपनी योजनाओं के पेंशनर्स की जांच की तो मालूम चला कि प्रयागराज में 3221 मृतक सालभर से पेंशन योजना का लाभ ले रहे थे। इन लोगों के परिजनों ने न तो मृत्यु प्रमाणपत्र दिया और न ही विभाग ने इसकी जांच की। ऐसे गरीब बुजुर्ग जिनके जीविकोपार्जन का कोई साधन नहीं देता उन्हें सरकार अपनी ओर से वृद्धा पेंशन से जोड़ती है।
ऐसी ही निराश्रित महिलाएं, जिनके पास जीविकोपार्जन का साधन नहीं है, उन्हें निराश्रित पेंशन योजना से जोड़ा जाता है। दोनों ही योजनाओं में एक-एक हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाता है। इन योजनाओं की हाल में समीक्षा हुई तो जिले में एक लाख 42 हजार लाभार्थी पाए गए। जबकि 3221 ऐसे लोग थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी। साल में एक बार सत्यापन होने के कारण न तो इन लोगों के परिजनों ने विभाग से संपर्क कर अपनी पेंशन रुकवाई और विभाग ने भी पूछताछ नहीं की। जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. प्रज्ञा पांडेय ने बताया कि अब इन सभी लोगों का मृत्यु प्रमापणपत्र लगाकर उनका नाम पेंशन योजना से अलग किया जाएगा। प्रधानों और लेखपालों की मिलीभगत के कारण लापरवाही अफसरों का कहना है कि लेखपालों की जिम्मेदारी होती है कि वो समय-समय पर प्रधानों से बातकर अपनी रिपोर्ट पेश करें, लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है। जिसके कारण समस्या होती है। प्रधान अपनी रिपोर्ट में मरने वालों का नाम नहीं बताते और लेखपाल भी मौके पर जाकर सत्यापन नहीं करते।
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