दुबई और पाकिस्तान तक फैले ठगों के तार
Raebareli News - रायबरेली, सुनील पाण्डेय। जालसाजों के लिए जन्म-निवास प्रमाण पत्र के फर्जीवाड़े के साथ साइबर

रायबरेली, सुनील पाण्डेय। जालसाजों के लिए जन्म-निवास प्रमाण पत्र के फर्जीवाड़े के साथ साइबर ठगी के लिए रायबरेली मुफीद बनता जा रहा है। यहां से कई राज्यों के लिए जन्म प्रमाण पत्र बन गए तो साइबर ठगी के लिंक दुबई और पाकिस्तान तक से मिल गए। सरगना जरूर विदेशों में बैठे हैं, पर पुलिस ने गिरोह के शातिरों को सलाखों के पीछे भेजा है। रायबरेली जालसालों का गढ़ बनता जा रहा है। यहां के फर्जीवाड़े के मामले दुबई और पाक में बैठे आकाओं ने इशारे पर हुए। पुलिस जांच में मिले तथ्य तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं। पिछले साल सलाने में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का खुलासा हुआ था।
यहां 52 हजार से अधिक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बना दिए गए। खास बात यह है कि इतनी संख्या में प्रमाण पत्र बन गए, लेकिन अफसरों के भनक नहीं लगी। ये प्रमाण पत्र बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली आदि प्रदेशों के लोगों के बनाए गए। इस फर्जीवाड़े में पंचायत विभाग के कर्मचारी भी शामिल थे। आरोपियों को जेल भेजा गया था। शासन स्तर पर अब इन प्रमाण पत्रों को निरस्त करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्नाव के प्रमाण पत्र रायबरेली एसडीएम के दस्तखत यह मामला अभी चल ही रहा था कि महराजगंज में फर्जी निवास प्रमाण पत्र का मामला पकड़ा गया। यहां से उन्नाव जिले के प्रमाण पत्र पकड़े गए। इन प्रमाण पत्रों में महराजगंज एसडीएम के डिजिटल दस्तखत थे। दोनों फर्जीवाड़ा में एक समानता थी कि ये जन सुविधा केंद्र से किए गए। इसके भी आरोपी सलाखों के पीछे हैं। हालांकि अभी इस मामले पुलिस जांच चल रही है। कई और आरोपी पुलिस के राडार पर हैं। ठगों ने निचले पायदान तक नेटवर्क बनाया रायबरेली पुलिस ने साइबर ठगी का बड़ा गिरोह पकड़ा। अप्रलै और मई में आठ आरोपी पकड़े गए। इस गिरोह ने रायबरेली में निचले पायदान तक अपना नेटवर्क बनाया। भोलेभाले लोगों के बैंक खाते खुलवाए और उनको खुद संचालित करते रहे। पाकिस्तान व दुबई में बैठकर इस गिरोह का चलाया जा रहा है। इस गिरोह का एक हजार करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन मिला है। अभी कई और आरोपी पुलिस के निशाने पर हैं। इनकी गिरफ्तारी जल्द होगी। इस पर एसआईटी काम कर रही है। साइबर ठगी मामले की एसआईटी जांच कर रही है। अब इसमें आठ आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। टीम ने पीड़ितों से भी बात की है। उनके ठगने के तरीकों को समझा गया है। अन्य आरोपी भी पकड़े जाएंगे। संजीव सिन्हा, अपर पुलिस अधीक्षक
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