बोले रायबरेली: कांशीराम कॉलोनी
Raebareli News - रायबरेली के खोर प्रथम में कांशीराम आवासीय कॉलोनी में 256 आवासों में रहने वाले लोग जर्जर भवनों, टूटे फर्श और जल निकासी की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। यहां सफाई, सुरक्षा और स्ट्रीट लाइट जैसी समस्याएं...
जर्जर आवास, मरम्मत की आस रायबरेली, संवाददाता। शहर से सटे खोर प्रथम में कांशीराम आवासीय कॉलोनी में बने 256 आवासों में समस्याएं ही समस्याएं हैं। यहां रहने वाले लोगों को रखरखाव, स्ट्रीट लाइट, सीवर,सफाई और सुरक्षा जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां कंपोजिट स्कूल का भवन बना है, जहां अब घोड़े बांधे जा रहे हैं। जर्जर भवन, टूटी फर्श और जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इससे लोग परेशान हैं। यहां की नालियां चोक कर रही हैं। यहां सौ से अधिक परिवार रहते हैं। कई साल से यह लोग इन जर्जर आवास में रहने को मजबूर हैं।
समस्याओं का निस्तारण नहीं हो रहा है। कई लोग तो अपनी कॉलोनी छोड़कर दूसरी में रहना शुरू कर दिया है। कुछ लोगों ने 20 से 40 हजार रुपये लगाकर मरम्मत कराई है, लेकिन राहत फिर भी नहीं है। शहरी गरीबों के लिए कांशीराम आवासीय योजना में जिले में लगभग एक हजार आवासों का निर्माण हुआ। करीब एक दशक पहले बने इन भवनों में रह रहे लोगों के सामने अब समस्याओं का अंबार है। सीवर, स्ट्रीट लाइट, मेंटिनेंस, सफाई से लेकर सुरक्षा तक की समस्याएं खड़ी हैं। शिकायतों के बावजूद इनका समाधान नहीं हो रहा है। लोग अब इन कॉलोनियों को छोड़ने के लिए मजबूर हैं। समस्याओं को लेकर आपके अपने हिन्दुस्तान अखबार ने बातचीत की तो यहां रहने वाले लोगों ने अपनी परेशानियां साझा कीं। शहर से सटे खोर में बने कांशीराम शहरी आवास में जर्जर हो रहे भवन, टूटे फर्स और दीवारों के उजड़ रहे सीमेंटेड प्लास्टर निवासियों को डरा रहे हैं। यहां पर रहने वाले लोगों के पास निवास के लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं है। कांशीराम आवास में रहने वाले गरीब तबके के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। यहां के लोगों का कहना है कि जब से आवास बनकर आवंटित हुआ तब से लेकर अब तक आवास की मरम्मत नहीं हुई। कांशीराम आवास में कूड़ा फेंकने की कोई व्यवस्था नहीं है। कांशीराम आवास के सामने परिसर में एक छोटा सा पार्क बनवाया गया था, लेकिन उसका सुंदरीकरण नहीं हुआ। उसमें बने सीवर टैंक में गड्ढा खुला हुआ है जो कभी भी लोगों की जान खतरे में डाल सकता है। यहां पर रहने वाले लोग वहीं पास में कूड़ा फेंकते हैं। निवासियों का कहना है कि बच्चों के खेलने के लिए कहीं कोई स्थान नहीं है। नालियों का पानी सड़कों पर पसरा रहता है। घर के कमरों के पानी की भी जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां पर महिलाएं और लड़कियां घरों का पानी वाइपर से खींचकर निकालती हैं। चार फ्लोर में बने आवास लोगों को आवंटित हैं। तीसरे व चौथे तल पर लोग अपनी जान की बाजी लगाकर आते-जाते हैं, क्योंकि यहां पर सीढ़ियों के फर्श इस तरह से टूट गए हैं कि बच्चों के पैर कब फिसले, यह कुछ कहा नहीं जा सकता है। यहां के लोग बताते हैं कि छत भी जर्जर है और किसी भी समय ढह सकती है। इन लोगों ने बताया कि अन्य मौसम में जैसे-तैसे हम लोग रह लेते हैं लेकिन बरसात के दिनों में यहां रहना बहुत मुश्किल हो जाता है। छत से पानी टपकता रहता है। हम लोग किसी तरह से घर का सामान सुरक्षित रखकर एक कोने में बैठकर पूरी रात बिताते हैं। आवास के खिड़कियों के शीशे टूट गए हैं। यहां लोग खिड़कियों पर दफ्ती और कागज लगाकर रहते हैं। जलनिकासी और कूड़ा हटवाने की व्यवस्था नहीं होने से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना रहता है। कांशीराम आवास क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट नहीं लगा है। क्षेत्र में शाम से लेकर रात तक पूरी तरह से अंधेरा हो जाता है। किचन के दरवाजे टूटे हैं। लोगों का कहना है कि हम लोग खुद मरम्मत कराते हैं। शिकायतें -एक दशक पहले बने भवन व फर्श जर्जर हो रही है। लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। -256 आवास होने के बाद भी साफ सफाई के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। -कांशीराम आवास में नालियां टूटी है इससे जल निकासी में दिक्कत होती है। -आवास की खिड़कियां टूट गई हैं, उसे दफ्ती आदि से ढका गया है। उनकी मरम्मत होनी चाहिए। -कांशीराम आवास में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है। इस कारण रात के समय परिसर में अंधेरा हो जाता है। सुझाव -जर्जर भवनों व फर्श की मरम्मत होनी चाहिए। ताकि लोगों को राहत मिल सके। -कांशीराम आवास में कंपोजिट विद्यालय का भवन है उसका संचालन होना चाहिए। -कांशीराम आवास से सीवर लाइन अक्सर जाम रहती है। इसके लिए उचित व्यवस्था हो उसकी कनेक्टिविटी ठीक होनी चाहिए। -खिड़कियों की मरम्मत के साथ साथ शीशे लगाए जाने चाहिए। -कांशीराम आवासीय क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट लगना चाहिए, जिससे रात में प्रकाश रहे। ---- नंबर गेम 2012 में खोर प्रथम में निर्मित हुई थी यह कॉलोनी 256 आवास इस कॉलोनी में बने हैं। 100 से अधिक परिवार इस कॉलोनी में रहते हैं। ---- हमारी भी सुनें कांशीराम आवासीय कालोनी में दो चैंबर बने हैं, इनमें शौचालय के चैंबर चोक हो जाते है, जिससे काफी समस्या होती हैं। शिकायत के बाद कोई सुनवाई नहीं हुई। अंजू देवी आवास में नालियां क्षतिग्रस्त हो गईं है। गंदा पानी बिंल्डिग के अंदर चला जाता है, जिससे नींव कमजोर होने का खतरा रहता हैं। पूरे भवन के सुरक्षा का खतरा पैदा हो गया है। अनारकली नालियां चोक होने से परिसर में दुर्गंध फैला रहता हैं, जिससे परिसर में निवास कर रहे लोगों को बीमार होने का खतरा बना रहता हैं। नालियों की साफ-सफाई होनी चाहिए। मो. नाजिम आवसीय परिसर बहदाली की मार झेल रहा है। निर्माण के बाद कभी परिसर की रंगाई-पुताई नहीं हो सकी है। निवास कर रहे परिवार अपने खर्चे से मरम्मत कराते हैं। मधु तिवारी बरसात में आवसीय परिसर में काफी समस्या होती है। जल निकासी की व्यवस्था न होने से आवासों में गंदा पानी घुस जाता हैं। यहां पर नाली की साफ सफाई व्यवस्था ठीक से होनी चाहिए। अकदार अहमद परिसर की सभी नालियों का ढक्कन टूट गया है, जिससे आए दिन छोटे बच्चे गिरकर चोटिल हो रहे हैं। आवसीय परिसर का छज्जा कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। अल्ताफ आवसीय परिसर की सड़के पूरी तरह से बदहाल हो गई हैं। बरसात में सड़कों पर जलभराव होने से आवगमन में काफी परेशानी होती हैं। यहां की सड़क टूट गई है। रुखसाना आवसीय परिसर में सरकारी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान तो बनाई गई लेकिन कभी वितरण नहीं हुआ। इसकी स्थिति काफी खराब है। इन दुकानों में कचरा पड़ा है। पास में शौचालय भी पूरी तरह से ध्वस्त होने की स्थित में है। इसे कोई देखने वाला नहीं है। ओम प्रकाश आवसीय परिसर में साफ-सफाईं नहीं होने से विषैले जीव-जन्तु का खतरा रहता हैं। बरसात में स्थिति काफी दयनीय हो जाती हैं। झाड़ियां उगी होने के चलते जहरीले जानवर आते हैं। रामबालक आवसीय परिसर में पुलिस चौकी की व्यवस्था होनी चाहिए। आए दिन अनैतिक घटनाएं होती रहती हैं। विरोध करने पर असामाजिक तत्व मारपीट पर आमादा हो जाते हैं। सलमा आवास की साफ-सफाई नहीं होने से दीवारों पर झाड़ियां उग गई हैं, जिससे दीवार जर्जर हो रही हैं। जो भवन के लिए खतरा बना हुआ है। मो. रजी चौराहे पर आए दिन अनैतिक लोगों की भीड़ जुटती है। यहां पर आए दिन बवाल होता रहता है, जिससे महिलाओं को समस्या होती हैं। इस पर नियंत्रण होना चाहिए। मो. इरफान आवास की मरमम्त नहीं होने से बारिश में छत से पानी टपकने लगता हैं, जिससे काफी समस्याएं होती हैं। छत के जर्जर होने से ढहने का डर बना रहता है। लोग अपना पैसा लगा कर मरम्मत करा रहे हैं। बबली परिसर में चारों तरफ गंदगी फैले होने से निवास करने वालों को बीमार होने का खतरा बना रहता हैं। रोज सफाईं नहीं होने से कूड़े का ढेर लग जाता हैं। लाल मोहम्मद बोले जिम्मेदार कांशीराम आवास कालोनी नगर पालिका को हैंड ओवर है। इसके मेंटिनेंस के लिए बजट नहीं आता है। इसमें समय-समय पर सफाई, जल निकासी और स्ट्रीट लाइट का काम कराया जाता है। साफ-सफाई पर विशेष जोर रहता है। सफाई के लिए सफाई कर्मी को निर्देशित किया जाएगा कि समय से पूरे परिसर की साफ-सफाई करें। यहां से कूड़ा का उठान हो और उसको निर्धारित स्थल पर पहुंचाने के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। सीवर लाइन संबंधी जो भी दिक्कत हो रही है उनको दिखवाया जाएगा। स्वर्ण सिंह, अधिशाषी अधिकारी
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