Fire Safety Concerns Rise After Blaze at Mentha Factory in Badaun District बदायूं की फैक्ट्री में आग के बाद प्रशासन सतर्क, मेंथा कारोबारियों के साथ की बैठक, Sambhal Hindi News - Hindustan
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बदायूं की फैक्ट्री में आग के बाद प्रशासन सतर्क, मेंथा कारोबारियों के साथ की बैठक

Sambhal News - बदायूं जनपद में मैंथा फैक्ट्री में आग लगने के बाद संभल जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। एसडीएम डॉ. मिश्रा ने व्यापारियों के साथ बैठक की, जिसमें फैक्ट्रियों की सुरक्षा और स्थानांतरण पर चर्चा हुई।...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलWed, 28 May 2025 04:15 AM
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बदायूं की फैक्ट्री में आग के बाद प्रशासन सतर्क, मेंथा कारोबारियों के साथ की बैठक

बदायूं जनपद में कुछ दिन पहले एक मैंथा फैक्ट्री में भीषण आग लगने की घटना के बाद संभल जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। मंगलवार को एसडीएम डॉ. बंदना मिश्रा ने तहसील सभागार में मैंथा एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं मैंथा व्यापारियों के साथ एक अहम बैठक आयोजित की। बैठक में शहर में संचालित मैंथा फैक्ट्रियों की सुरक्षा, स्थान निर्धारण तथा संभावित जोखिमों को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में एसडीएम डॉ. मिश्रा ने स्पष्ट रूप से कहा कि शहर के भीतर चल रही मैंथा फैक्ट्रियां यदि किसी दुर्घटना का कारण बनती हैं। तो उसके लिए संबंधित कारोबारी ही जिम्मेदार होंगे।

उन्होंने सुझाव दिया कि इन फैक्ट्रियों को आबादी से बाहर स्थानांतरित किया जाए, ताकि जन सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। मैंथा कारोबारियों ने कहा कि संभल में किसी समय लगभग 100 के आसपास मैंथा फैक्ट्री लघु ईकाई के रूप में कार्य करतीं थी। जो आज लगभग 20 से 25 फैक्ट्री बची हैं। हमारा मैंथा व्यापार पहले निर्यातके रूप में जाना जाता था। जो आज सरकार की गलत नीतियों की वजह से सिंथेटिक के रूप में आयात होने लगा है। जिससे हमारा जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि उनकी इकाइयां पूर्ण रूप से चिलिंग यूनिट हैं। इनमें न तो कोई रासायनिक प्रक्रिया होती है और न ही किसी प्रकार का प्रदूषण या आग लगने जैसी कोई संभावना होती है। फैक्ट्रियों में हाइड्रोजन, सोडियम या नाइट्रोजन जैसे खतरनाक रसायनों का कोई इस्तेमाल नहीं होता। यदि प्रशासन फायर एनओसी की मांग करता है, तो वे सभी नियमों का पालन करने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार उन्हें आबादी से बाहर स्थानांतरित करना चाहती है, तो उन्हें पहले एक सुरक्षित इंडस्ट्रियल जोन उपलब्ध कराया जाए, जिसमें आवश्यक बुनियादी सुविधाएं हों। व्यापारियों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि जब तक इंडस्ट्रियल जोन पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाता, तब तक उन्हें वर्तमान स्थिति में ही अपने प्रतिष्ठान संचालित करने की अनुमति दी जाए। उनका कहना था कि अगर फैक्ट्रियां तत्काल बंद कर दी गईं, तो सैकड़ों लोगों की आजीविका खतरे में पड़ जाएगी और उनके परिवारों के सामने रोज़गार का संकट खड़ा हो जाएगा। इस दौरान तहसीलदार धीरेन्द्र कुमार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, जेई विनियमित क्षेत्र सचिन सिंह, नितिन गर्ग, सुरेन्द्र गोयल, परवेज अख्तर, नीरज अग्रवाल, नितिन गर्ग, अनुराग रस्तोगी, आशु गर्ग, दीपक गुप्ता, संजय अग्रवाल, अंकित अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, अंकित गर्ग, अभिनव गुप्ता, वीरेन्द्र गोयल, सुमित कुमार, राजीव आदि मौजूद रहे।

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