भीषण गर्मी में बबराला गंगाघाट सूखा, आरती स्थल पर नहीं रहा जल
Sambhal News - उत्तर भारत में भीषण गर्मी ने गंगा की धारा को सूखा दिया है, जिससे श्रद्धालुओं में निराशा है। बबराला पक्के घाट पर जल स्तर कम हो गया है और लोग अब रेत की चादर देख रहे हैं। मां गंगा जनकल्याण समिति ने...

उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी अब गंगा की पवित्र धाराओं पर भी असर डालने लगी है। जनपद के प्रसिद्ध राजघाट स्थित बबराला पक्के घाट पर गंगा की धारा पूरी तरह सूख चुकी है, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों में निराशा व्याप्त है। स्थानीय लोगों ने बताया कि घाट पर इतना कम जल कभी नहीं देखा गया। मगर इस वर्ष गर्मी की मार और पहाड़ों से जल आपूर्ति में भारी कमी के कारण यहां की गंगा की धारा पूरी तरह से विलुप्त हो गई है। घाट की जगह अब रेत उड़ती नजर आ रही है, और जहां कभी आरती होती थी, वहां अब बैलगाड़ियां और ट्रैक्टर चलते दिख रहे हैं। हालांकि गंगा का जल अभी भी बुलंदशहर की तरफ एक संकरी धार में बह रहा है, लेकिन वह भी काफी दूर है-करीब 800 मीटर तक रेती में पैदल चलकर ही वहां पहुंचा जा सकता है। वहां भी जल स्तर इतना कम है कि व्यक्ति पैदल ही पार कर सकता है। मां गंगा जनकल्याण समिति, जो पिछले छह वर्षों से बबराला पक्के घाट पर रोज़ शाम महाआरती आयोजित करती आ रही है, अब जल की अनुपस्थिति के कारण चिंता में है। समिति के महामंत्री योगेन्द्र सिंह, उमेश वार्ष्णेय, विजय कुमार और अनिल कुमार ने प्रशासन से गंगा में जल छोड़े जाने की मांग की है, ताकि धार्मिक गतिविधियाँ और लोगों की आस्था प्रभावित न हो। इस स्थिति ने न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, बल्कि यह गंभीर जल संकट और जलवायु परिवर्तन की चेतावनी भी बनकर उभरी है। यह आवश्यक हो गया है कि समय रहते शासन-प्रशासन इस ओर ठोस कदम उठाए, ताकि मां भागीरथी की गोद फिर से जल से भर सके।
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