आरोप पत्र दाखिल, एमपी एमएलए कोर्ट लेगा संज्ञान
Sambhal News - शाही जामा मस्जिद हिंसा मामले में एसआईटी ने 23 आरोपियों के खिलाफ 1100 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इसमें हिंसा की साजिश, हथियारों की बरामदगी और गवाहों के बयान शामिल हैं। न्यायालय आरोप तय करेगा और...

शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान 24 नवंबर 2024 को भड़की हिंसा के मामले में जांच कर रही एसआईटी ने बुधवार को बड़ा कदम उठाते हुए सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क समेत 23 आरोपियों के खिलाफ करीब 1100 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दी है। यह चार्जशीट चंदौसी स्थित एसीजेएम एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रस्तुत की गई, जिसमें हिंसा की साजिश, उसकी तैयारी, हथियारों की बरामदगी और प्रत्यक्ष गवाहों के बयान दर्ज हैं। आपराधिक षणयंत्र, सरकारी काम में बाधा, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान, पुलिस पर हमला, हिंसा भड़काने और जानमाल के नुकसान का आरोप लगाया था। एसआईटी ने इस केस की विवेचना के दौरान पुलिस अधिकारियों, प्रशासनिक अफसरों, अधिवक्ताओं और आम नागरिकों सहित कुल 14 लोगों के बयान दर्ज किए।
चार्जशीट दाखिल होने के बाद अगला चरण न्यायालय द्वारा प्रसंज्ञान लेना होगा। यदि अभियोग की धाराएं गंभीर प्रकृति (सेशन ट्रायल श्रेणी) की पाई जाती हैं, तो यह मामला एडीजे एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। चूंकि केस में 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा वाले अपराध शामिल हैं। न्यायालय द्वारा चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद आरोपियों को समन या गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाएंगे। न्यायालय आरोप तय करेगा और सभी गवाहों को समन भेजा जाएगा। कोर्ट यह भी तय करेगा कि आरोपी जमानत के हकदार हैं या नहीं।
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