पुलिस खुद अतिक्रमण करेगी तो लोगों को कैसे रोकेगी? सीएम योगी की सख्त नाराजगी से महकमे में हड़कंप
सीएम योगी ने थानों के सामने सड़क पर पुलिस का ‘अतिक्रमण’ देख सख्त नाराजगी जताई। योगी ने अफसरों से कहा कि पुलिस खुद अतिक्रमण करेगी तो लोगों को कैसे रोकेगी? योगी सख्त रुख से महकमे में हड़कंप मच गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने थानों के सामने सड़क पर पुलिस का ‘अतिक्रमण’ देख सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने अफसरों से सवाल किया कि पुलिस ही अतिक्रमण करेगी तो लोगों को कैसे रोकेगी? मुख्यमंत्री का सख्त रुख देखकर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। थानों के सामने वर्षों से खड़े-खड़े कंडम हो रहे वाहनों को हटाने के लिए अभियान की तैयारी शुरू हो गई है। उधर, आनन-फानन में बुधवार को ही प्रशासन ने शहर से बाहर यार्ड के लिए जमीन पुलिस विभाग को मुहैया कराई।
दरअसल, मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री योगी गो राप्तीनगर की तरफ जा रहे थे। रास्ते में शाहपुर थाने के सामने से सड़क पर बेतरतीब खड़े चार ट्रकों पर नजर पड़ी तो उनकी त्योरी चढ़ गई। उन्होंने इसकी वजह पूछी तो बताया गया कि ये वाहन मुकदमों से संबंधित हैं। तब, मुख्यमंत्री ने और नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि तब तो इन वाहनों को और तरतीब व हिफाजत के साथ रखा जाना चाहिए। अफसर, मुख्यमंत्री के सवाल का माकूल जवाब नहीं दे सके और बगलें झांकने लगे।
गोरखपुर से लखनऊ-कानपुर तक एक जैसा हाल
सिर्फ शाहपुर थाने के सामने ही सड़क पर वाहन नहीं खड़े किए गए हैं। गोरखपुर से गाजियाबाद तक और लखनऊ-कानपुर से सहारनपुर-प्रयागराज तक कमोबेश यही हाल है। थानों के सामने वर्षों से खड़े वाहन कबाड़ हो रहे हैं। गोरखपुर मंडल में ही थानों पर तकरीबन छह हजार वाहन खड़े किए गए हैं जबकि शहर में यार्ड भी है। यार्ड फुल है। इसी तरह बरेली मंडल में आठ हजार से ज्यादा वाहन थाने-चौकियों पर खड़े हैं तो वहीं अकेले कानपुर नगर में ही थानों के सामने खड़े करीब पांच हजार वाहन रोज जाम का सबब बनते हैं। यही हाल लखनऊ का भी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने थानों के सामने सड़क पर पुलिस का ‘अतिक्रमण’ देख सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने अफसरों से सवाल किया कि पुलिस ही अतिक्रमण करेगी तो लोगों को कैसे रोकेगी? मुख्यमंत्री का सख्त रुख देखकर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। थानों के सामने वर्षों से खड़े-खड़े कंडम हो रहे वाहनों को हटाने के लिए अभियान की तैयारी शुरू हो गई है। उधर, आनन-फानन में बुधवार को ही प्रशासन ने शहर से बाहर यार्ड के लिए जमीन पुलिस विभाग को मुहैया कराई।
दरअसल, मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री राप्तीनगर की तरफ जा रहे थे। रास्ते में शाहपुर थाने के सामने से सड़क पर बेतरतीब खड़े चार ट्रकों पर नजर पड़ी तो उनकी त्योरी चढ़ गई। उन्होंने इसकी वजह पूछी तो बताया गया कि ये वाहन मुकदमों से संबंधित हैं। तब, मुख्यमंत्री ने और नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि तब तो इन वाहनों को और तरतीब व हिफाजत के साथ रखा जाना चाहिए। अफसर, मुख्यमंत्री के सवाल का माकूल जवाब नहीं दे सके और बगलें झांकने लगे।
गोरखपुर से लखनऊ-कानपुर तक एक जैसा हाल
सिर्फ शाहपुर थाने के सामने ही सड़क पर वाहन नहीं खड़े किए गए हैं। गोरखपुर से गाजियाबाद तक और लखनऊ-कानपुर से सहारनपुर-प्रयागराज तक कमोबेश यही हाल है। थानों के सामने वर्षों से खड़े वाहन कबाड़ हो रहे हैं। गोरखपुर मंडल में ही थानों पर तकरीबन छह हजार वाहन खड़े किए गए हैं जबकि शहर में यार्ड भी है। यार्ड फुल है। इसी तरह बरेली मंडल में आठ हजार से ज्यादा वाहन थाने-चौकियों पर खड़े हैं तो वहीं अकेले कानपुर नगर में ही थानों के सामने खड़े करीब पांच हजार वाहन रोज जाम का सबब बनते हैं। यही हाल लखनऊ का भी है।
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डीजीपी ने दिया था निस्तारण का निर्देश
डीजीपी ने 17 नवम्बर 2024 को ही वाहनों के निस्तारण के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद निस्तारण गति काफी धीमी है। जून में गोरखपुर रेंज के चारों जिलों में सिर्फ 121 वाहनों का निस्तारण किया गया है।