बिना आशय प्राण घातक हमले के आरोपी को पांच वर्ष का हुआ कारावास
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में एक व्यक्ति को जानलेवा हमले का दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई। आरोपी रमेश पर छह हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया गया। उसकी मां को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया।...

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में बिना आशय प्राण घातक हमला करने के एक आरोपी को अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश रमेश दूबे की कोर्ट ने दोष सिद्ध करार देते हुए पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपी रमेश पर विभिन्न धाराओं में कुल छह हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है। अर्थदण्ड का भुगतान न करने पर आरोपी को एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कोर्ट ने आरोपी की मां को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करने का फैसला दिया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि मामला महुली थाना क्षेत्र के ग्राम बेलाडीह का है।
प्रकरण में राम कमल यादव ने अभियोग पंजीकृत कराया था। उनका आरोप था कि तीन दिन पहले मेरे दरवाजे के सामने सहन में गांव के रमेश पुत्र रामपति ने जानवरों के खाने का सीमेण्ट का नांद रख दिए थे। वहीं खूंटा गाड़कर भैंसों को खिलाता था। नांद से चारा निकाल कर दरवाजे पर फेंककर गन्दगी फैलाता था। जिसको लेकर मेरे लड़के अरविन्द और रमेश में कहासुनी हुई थी। उसी रंजिश को लेकर दिनांक 11 नवम्बर 2009 को सुबह छह बजे रमेश स्वयं व अपनी दो बहनों तथा मां कुसुम के साथ लाठी, डंडा व लोहे का सरिया लेकर दरवाजे पर आ करके गाली देने लगे। लड़के अरविन्द के मना करने पर मां कुसुम व दोनों बहनों ने पकड़ लिया तथा रमेश ने लड़के के सिर पर मारकर घायल कर दिया। लड़का बेहोश होकर गिर गया। शोर पर एक लड़का श्यामनन्द व छोटे भाई की पत्नी सन्ध्या बचाने के लिए गई तो आरोपियों उन्हें भी मारकर घायल कर दिया। घायल अरविन्द को लेकर जिला अस्पताल और वहां से मेडिकल कालेज गोरखपुर ले गया। स्थिति गम्भीर देख चिकित्सक ने पीजीआई लखनऊ रेफर कर दिया। पुलिस ने चारों आरोपियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया। पुलिस ने रमेश व दोनों बहनों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। विचारण के दौरान आरोपी रमेश की मां कुसुम को न्यायालय ने तलब किया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विवेक प्रताप सिंह ने बताया कि अभियोजन की तरफ से कुल 9 साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश रमेश दूबे की कोर्ट ने सुनवाई के पश्चात आरोपी रमेश को दोष सिद्ध करार दिया और उसकी मां कुसुम को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया।
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