अस्पतालों में भरपूर उपलब्ध दवाएं, फिर भी चिकित्सक लिखते हैं बाहर की दवाएं
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर के अस्पतालों में दवाओं की भरपूर उपलब्धता है, लेकिन फिर भी मरीजों को बाहर की दवा खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है। चिकित्सक मरीजों को बाहर की दवा लिखते हैं, जबकि जिला अस्पताल में मानक से...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के अस्पतालों में भरपूर दवाएं उपलब्ध हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों के जिम्मेदारों का कहना है कि शासन से दवाओं के जो मानक निर्धारित किए गए हैं वह सभी मौजूद हैं। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर दवा तो अस्पताल में है फिर भी बाहर की दवा के सहारे मरीजों का उपचार क्यों। प्रतिदिन अस्पतालों में चिकित्सक बाहर की दवा खरीदने के लिए तरह-तरह के जुगत करते रहते हैं। जिला अस्पताल में मौजूद दवा के बारे में चीफ फर्मासिस्ट जेपी पांडेय ने बताया गया कि जो मानक है उसके अनुसार 276 प्रकार की दवा मौजूद होनी चाहिए लेकिन इन दिनों हमारे पास 284 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं।
इनमें कुछ ऐसी भी दवाएं स्टाक में है जो कि रखनी पड़ती है। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की बात करें तो खलीलाबाद सीएचसी के चीफ फर्मासिस्ट सत्यब्रत त्रिपाठी ने बताया कि सीएचसी स्तर पर 190 प्रकार की दवाएं मौजूद होनी चाहिए लेकिन हमारे पर 170 किस्म की दवाएं मौजूद है जो मरीजों को दिया जा रही हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर जब केंद्रों पर भरपूर दवाएं मौजूद हैं तो बाहर की दवा लेने के लिए चिकित्सक क्यों मरीजों को मजबूर करते हैं। ऐसे में जिला अस्पताल के जिम्मेदार भी मरीजों के इस शोषण पर चुप्पी साधे रहते हैं। प्रतिदिन बाहर की दवा लिखने के लिए अस्पताल में मरीजों व चिकित्सकों से नोकझोक होती रहती है। जिला अस्पताल में पेटदर्द से परेशान उपचार कराने आए राम सागर, मालती, झिनका, गोलू यादव समेत अन्य मरीजों ने बताया कि बाहर से तीन सौ से अधिक रूपये की दवा खरीद कर लाना पड़ा। ऐसे में यदि अस्पताल में दवाएं मौजूद हैं तो ऐसा क्यो हो रहा है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।