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किशोरों में तेजी से बढ़ रही तंबाकू की लत

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में कम उम्र के बच्चे तंबाकू की लत के शिकार हो रहे हैं। घर में तंबाकू उत्पादों की उपलब्धता से बच्चे इसका सेवन कर रहे हैं। इससे कैंसर, हृदय रोग और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो रहा है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरSat, 31 May 2025 01:12 PM
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किशोरों में तेजी से बढ़ रही तंबाकू की लत

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। कम उम्र के बच्चे तेजी से तंबाकू की लत की गिरफ्त में आ जा रहे हैं। तंबाकू के विभिन्न उत्पाद, सुर्ती, गुटखा, बीड़ी और सिगरेट विभिन्न उत्पाद बच्चों को अपने घर में मिल जा रहे हैं। बच्चे अपने परिवार को आइडियल मानकर इसका सेवन करना शुरू कर दे रहे हैं। यही कारण है कि किशोरों में तेजी से तंबाकू का लत फैल रहा है और गुटखा, खैनी मुख के कैंसर के लिए मुख्य कारक हैं। तंबाकू का सेवन सेहत को कई तरह के नुकसान पहुंचाता है। धूम्रपान का असर सिर्फ शरीर पर ही बुरा असर नहीं डालता, बल्कि इससे मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।

धूम्रपान से शरीर में रिलीज होने वाले हार्मोन स्ट्रेस लेवल बढ़ाने का काम करते हैं। तंबाकू के इस्तेमाल से हृदय रोग, कैंसर, फेफड़ों की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। युवाओं में सिगरेट पीने की लत भी तेजी से पनप ही है। सिगरेट पीने वालों के साथ -साथ आस-पास के लोग भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। इसकी वजह से पीने वालों के साथ- साथ दूसरे लोग भी निकोटीन के चपेट में आ जाते हैं। दूसरी ओर गरीब परिवार के लोग बीड़ी का प्रयोग करते हैं और यह और भी घातक माना जाता है। तंबाकू के हानिकारक प्रभाव केवल धूम्रपान करने वालों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वो लोग भी इसके खतरे में हैं, जो धूआं के संपर्क में आते हैं। उन्हें भी हृदय रोग, श्वसन के साथ कुछ खास तरह के कैंसर प्रभावित कर सकते हैं। तंबाकू का सेवन शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी नुकसान पहुंचाता है, जिससे बीमारियों और मौतों में वृद्धि होती है और जीवन की गुणवत्ता कम हो जाता है। बोले चिकित्सक चलाया जा रहा जागरुकता अभियान एसीएमओ डॉ आरपी मौर्य ने बताया कि तम्बाकू और निकोटीन उत्पादों पर तब तक लगाम नहीं लग सकता है, जब तक समाज का हर वर्ग जागरुक नहीं होगा। परिजनों को पूरी तरह से जागरुक होना होगा ताकि इस प्रकार के सेवन से बच्चे बच सके। डॉ मौर्य ने बताया कि सीएचओ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से तंबाकू से होने वाले हानि के बारे में जागरूक किया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ी को इसकी भयावहता से बचाया जा सके।

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