ग्राम प्रधान के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार पर रोक
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर जिले में विकास कार्यों में अनियमितता के मामले में जिलाधिकारी आलोक कुमार ने सैथवलिया सुटेहरा गांव के प्रधान के वित्तीय अधिकारों पर रोक लगा दी है। 3 लाख 60 हजार 609 रुपये की रिकवरी प्रधान,...

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में विकास कार्यों में अनियमितता किए जाने के मामले में जिलाधिकारी आलोक कुमार ने सेमरियावां ब्लॉक के सैथवलिया सुटेहरा गांव के ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगा दिया है। इसके अलावा सचिव के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मामले की अंतिम जांच के लिए जिला कृषि अधिकारी को जांच अधिकारी नामित किया है। इसके अलावा गबन की गई 3 लाख 60 हजार 609 रूपये की रिकवरी प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक से होगी। सेमरियावां ब्लॉक के तकनीकी सहायक सिरीश चंद्र मिश्र ने 20 जून 2022 को शिकायत किया था कि तकनीकी सहायक रमेश चंद्र गुप्ता द्वारा ग्राम पंचायत सैथवलिया सुटेहरा में बिना कार्य कराए ही दो कार्यों की एमबी कर दी गई है।
इसमें गांव के परशु के खेत से अकबाल के चक तक कच्चा नाला खुदाई कार्य व बांध गड़ही की खुदाई का कार्य शामिल रहा। उक्त प्रकरण की जांच लोकपाल मनरेगा द्वारा की गई। जांच आख्या में मामला सही पाया गया। इसमें यह भी मामला प्रकाश में आया कि ग्राम पंचायत सैथवलिया सुटेहरा तकनीकी सहायक सिरीश चंद्र मिश्र को आवंटित है, लेकिन रमेश चंद्र ने गलत तरीके से उनके क्षेत्र में जाकर एमबी किया। जांच में कुल 3 लाख 60 हजार 609 रुपये की वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया। मनरेगा लोकपाल ने तकनीकी सहायक, ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की। इसके बाद खंड विकास अधिकारी सेमरियावां ने भी तीन अगस्त 2023 को पत्र भेज रमेश चंद्र तकनीकी सहायक पर अनाधिकृत रूप से दूसरे ग्राम पंचायत में एमबी की बात कही। बीडीओ ने भी तकनीकी सहायक के साथ ही सचिव और प्रधान के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की। मामले में जिलाधिकारी ने तकनीकी सहायक रमेश चंद्र गुप्ता, ग्राम प्रधान रुबीना खातून और सचिव असदुल्लाह से स्पष्टीकरण तलब किया। तीनों ने अलग-अलग अपने स्पष्टीकरण उपलब्ध कराए। तीनों के स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाए गए। इसके बाद जिलाधिकारी आलोक कुमार ने बिना कार्य पूर्ण कराए ही 3 लाख 60 हजार 609 रुपए के भुगतान को गबन मानते हुए इसकी रिकवरी बराबर-बराबर ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक से करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही ग्राम पंचायत के प्रधान रुबीना खातून के प्रशासनिक एवं वित्तीय अधिकारों पर रोक लगाते हुए बीडीओ को निर्देशित किया कि ग्राम पंचायत सदस्यों की सूची जिला पंचायत कार्यालय को उपलब्ध कराएं, जिससे विकास कार्यों के क्रियान्वयन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जा सके। जिलाधिकारी ने पंचायत सचिव असदुल्ला के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही उपायुक्त श्रम रोजगार को तकनीकी सहायक के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।