जिले में बढ़ेगा प्राकृतिक खेती का दायरा
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के लोगों को पौष्टिक व स्वादिष्ट खाद्यान्न उपलब्ध
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के लोगों को पौष्टिक व स्वादिष्ट खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए जिले में प्राकृतिक खेती का दायरा बढ़ाया जाएगा। इसके लिए जिले की कृषि सखियों को नेचुरल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना के तहत प्राकृतिक खेती करने का प्रशिक्षण दिया गया। कृषि विज्ञान केंद्र बगही के वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक खेती के गुर सिखाए। कृषि सखियां अपने क्षेत्र में चयनित किसानों को प्राकृतिक खेती को बढावा देने के लिए जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगी। साथ ही इन किसानों के साथ जुड़कर प्राकृतिक खेती करेंगी। यह खेती पूरी तरह से रसायन मुक्त होगी।
केन्द्र के अध्यक्ष ने जीवामृत बनाने की विस्तार से जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिक डॉ. देवेश कुमार ने कहा कि सबसे पाहिले मिट्टी की जांच जरूरी है उसके बाद फसल चक्र अपनाना है। कृषि सखियों को विस्तार से प्राकृतिक खेती विषय पर प्रेजेंटेशन के माध्यम से चर्चा की गई। कृषि वैज्ञानिक डॉ. तरुन कुमार ने बताया कि एक एकड़ भूमि के लिए 200 लीटर पानी, देशी गाय का गोबर 10 किलोग्राम, देशी गाय का मूत्र 5-10 लीटर, गुड़ 1.5 किलोग्राम, बेसन 01 से 1.5 किलोग्राम, खेत की मिट्टी लेकर उपरोक्त सामग्रियों को अच्छी तरह टंकी में घोल लें। घोल को घड़ी की सुई को दिशा में 2-3 मिनट तक चलाएं। टंकी को बोरी से ढंक कर 72 घंटे तक छाँव में रख दें। सुबह-शाम दो-दो मिनट चलाएं। इस घोल का उपयोग 7-7 दिन के अन्तर पर करें। कृषि विज्ञान केंद्र-बगही के पौली और हैंसर बाजार ब्लाक से चयनित 20 कृषि सखियों को मास्टर ट्रेनर अनुपम पाण्डेय के साथ वैज्ञानिकों ने प्रशिक्षण दिया।
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